बिहार में उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। बिहार सरकार द्वारा उद्योगों के विकास हेतु उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए प्रमुख चुनौतियों का वर्णन करें।

भूमिकाः 1947 से पूर्व बिहार एक महत्वपूर्ण औद्योगिक राज्य था। बिहार में महत्वपूर्ण उद्योग जैसे इस्पात, सीमेंट, चीनी, जूट, कागज, कृषि प्रसंस्करण जैसे उद्योग अपनी जड़ें जमा चुके थे। स्वतंत्रता पश्चात वृहद उद्योगों की स्थापना हुई। इस्पात (बोकारो), खाद्य (सिंदरी), तेल शोधन (बरौनी), दवा (मुजफ्रफरपुर) आदि।

बंटवारे के बाद अधिकांश खनिज संसाधन, जो दक्षिणी बिहार में अवस्थित थे, झारखण्ड में चले गए। इसके बावजूद बिहार में उद्योग विकास की अपार संभावनाएं हैं; जैसे-

  • कपड़ा उद्योगः बिहार प्राचीन काल से ही कपड़ा उत्पाद एवं निर्यात के लिए प्रसिद्ध रहा है।
    • बिहार सूती वस्त्र के साथ-साथ रेशम एवं तसर से निर्मित कपड़े के लिए प्रसिद्ध ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

मुख्य विशेष