कल्याण एवं न्याय

मृत्यु दंड एकमात्र विकल्प नहीं: सुप्रीम कोर्ट

9 फरवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध की केवल घृणित प्रकृति ही मृत्यु दंड देने के लिए निर्णायक कारक नहीं हो सकती, बल्कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सजा कम करने वाले कारकों से संबंधित प्रासंगिक पहलुओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।

फैसले के प्रमुख बिंदु

  • जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने एक सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में निर्णय देते समय यह बात कही।
  • अदालत ने इस मामले में दोषी की मौत की सजा को उम्रकैद ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री