​गोलकोंडा किला: एक अभेद्य किला

मोहम्मद कुली कुतुबशाह को दक्कनी साहित्य के साथ तेलुगु साहित्य का भी प्रणेता एवं संरक्षक माना जाता है। इनके द्वारा हैदराबाद की स्थापना तथा चारमीनार का निर्माण कराया गया था।

  • हैदराबाद के एक शासक अबुल हसन तानाशाह द्वारा एक विशिष्ट प्रकार के नृत्य-नाटक का समर्थन किया गया था, जिसे बाद में कुचिपुड़ी नृत्य के रूप में लोकप्रियता हासिल हुई।
  • कोह--नूर हीरे की खोज सुल्तान अब्दुल्ला कुतुब शाह के शासनकाल के दौरान कृष्णा नदी के तट पर स्थित कोलार में हुई थी।
  • गोलकोंडा की प्राचीर पत्थरों से निर्मित है तथा इस किले में 48 सुरंगे और 52 खिड़कियां तथा 09 दरवाजे हैं।
  • किले में स्थित ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

पत्रिका सार