​सी-बॉट के साथ महासागर की गहराई का अन्वेषण

'प्राइमॉर्डियल सूप' परिकल्पना के अनुसार प्रारंभिक पृथ्वी के महासागर, आवश्यक रसायनों और खनिजों से समृद्ध, कार्बनिक अणुओं के निर्माण के लिए एकदम सही वातावरण प्रदान करते थे। इन्हीं परिस्थितियों में लगभग चार अरब वर्ष पूर्व महासागरों में जीवन की उत्पत्ति हुई थी।

  • गोवा स्थित CSIR-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (NIO) ने C-bot नामक एक स्वायत्त 'जलीय वाहन' (Underwater vehicle) लॉन्च किया है, जो कोरल रीफ़ की निगरानी करने के लिए एक उन्नत सुविधाओं वाला रोबोट है।
  • यह वाहन जल के नीचे 200 मीटर की गहराई तक जा सकता है तथा हिंद महासागर की गहराई को स्कैन कर सकता है। यह समुद्र में कोरल ....
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