भारत में जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अनुसार सांस्कृतिक विविधता में भाषा, कला, परंपराएं और संस्कृति के मूर्त पहलुओं के साथ विश्वास, मूल्य और सामाजिक प्रथाओं के रूप में अमूर्त पहलू भी शामिल होते हैं।
- भारत में विविध प्रकार के जनजातीय समुदायों का निवास है, जिसमें 700 से अधिक विशिष्ट जनजातीय समूह सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
- संथाली भाषा मुख्य रूप से झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, और बिहार में संथाल जनजाति द्वारा बोली जाती है।
- भील जनजाति सुरक्षा और उर्वरता के पर्याय देवता 'पिथोरो' का वाचन, अर्चन व पूजन करते हैं।
- 'हो' जनजाति शक्ति और ज्ञान के प्रकाश स्तम्भ 'द लीजेंड ऑफ ....
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पत्रिका सार
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- 3 गोलकोंडा किला: एक अभेद्य किला
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- 21 संधारणीय भूमि प्रबंधन: पारिस्थितिकी और मानवीय आवश्यकताओं का सामंजस्य
- 22 भारत में सतत विकास लक्ष्य प्राप्ति पर आक्रामक प्रजातियों का प्रभाव
- 23 अमिट मतदाता इंक : विकास की कहानी
- 24 गिर अभयारण्य: एशियाई शेरों का अंतिम गढ़
- 25 ब्लू कार्बन का महत्व
- 26 उष्णकटिबंधीय जड़ और कंद फसलें
- 27 डैनियोनेला सेरेब्रम : तेज आवाज करने वाली छोटी मछली