भारत: भूस्खलन सुभेद्यता
भारत अपनी विविध भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के कारण भूस्खलन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। देश के कई क्षेत्रों में भूस्खलन एक आम प्राकृतिक खतरा है। इससे जीवन की व्यापक हानि, संपत्ति की क्षति एवं बुनियादी ढांचे तथा आजीविका में व्यवधान उत्पन्न होता है।
भूस्खलन क्या है?
- भूस्खलन को गुरुत्वाकर्षण की क्रिया के कारण चट्टान, मलबे या पृथ्वी के एक समूह का ढलान से नीचे खिसकने के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- तीव्र ढलान वाले क्षेत्र, उदाहरण के लिए पहाड़ी क्षेत्र, विशेष रूप से भूस्खलन के खतरों के प्रति संवेदनशील होते हैं।
- चट्टानों के टुकड़ों का गिरना (Rock Fall), मलवा ....
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मुख्य विशेष
- 1 आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना
- 2 रोगाणुरोधी प्रतिरोध: कारण एवं नियंत्रण
- 3 छठा सामूहिक विलोपन: कारण तथा निवारण
- 4 बलात् प्रवासन: कारण, प्रभाव एवं उपाय
- 5 जूनोटिक डिजीज: कारण एवं नियंत्रण के उपाय
- 6 भारत में सूखा की समस्या: कारण तथा प्रबंधन की चुनौतियां
- 7 आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना : आवश्यकता एवं पहल
- 8 भारत में भूस्खलन: कारण और परिणाम
- 9 सांस्कृतिक विरासत हेतु आपदा जोखिम प्रबंधन
- 10 भारत में वनाग्नि
- 11 आपदा प्रेरित विस्थापन
- 12 आपदा जाखिम में कमी
- 13 चरम मौसमी घटनाएं एवं भारत की तैयारी