रोगाणुरोधी प्रतिरोध: कारण एवं नियंत्रण
हाल ही में, अत्यधिक औद्योगीकृत देशों के ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (G7) के स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि, ‘रोगाणुरोधी प्रतिरोध’ (Antimicrobial Resistance - AMR) निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (low-and middle-income countries - LMIC) के लिए एक बड़ा खतरा है, और इससे लड़ना एक साझा जिम्मेदारी है।
- सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया, वायरस, कवक, परजीवी, आदि) द्वारा संक्रमण के इलाज के लिये उपयोग किए जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल दवाओं (जैसे एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीमाइरियल और एंटीहेलमिंटिक्स) के विरुद्ध प्रतिरोध हासिल कर लेने को रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance-AMR) कहा जाता है।
- परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी हो जाते हैं, संक्रमण जारी रहता है और ....
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मुख्य विशेष
- 1 आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना
- 2 छठा सामूहिक विलोपन: कारण तथा निवारण
- 3 बलात् प्रवासन: कारण, प्रभाव एवं उपाय
- 4 जूनोटिक डिजीज: कारण एवं नियंत्रण के उपाय
- 5 भारत में सूखा की समस्या: कारण तथा प्रबंधन की चुनौतियां
- 6 आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना : आवश्यकता एवं पहल
- 7 भारत में भूस्खलन: कारण और परिणाम
- 8 सांस्कृतिक विरासत हेतु आपदा जोखिम प्रबंधन
- 9 भारत: भूस्खलन सुभेद्यता
- 10 भारत में वनाग्नि
- 11 आपदा प्रेरित विस्थापन
- 12 आपदा जाखिम में कमी
- 13 चरम मौसमी घटनाएं एवं भारत की तैयारी