राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (10 फरवरी)

महत्वपूर्ण तथ्य: इस दिवस का उद्देश्य आंत्र कृमि, उनके प्रकार, बढ़ते बच्चों में उनकी रोकथाम तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और विशेष रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों में मृदा-संचारित कृमि संक्रमण का पूर्ण उन्मूलन करना है।

  • हेल्मिंथ (कृमि/कीड़े), जो कि मल से दूषित मृदा के माध्यम से फैलते हैं, उन्हें मृदा-संचारित कृमि (आंत्र परजीवी कीड़े) कहा जाता है।
  • आंतों के कीड़े मानव आंत में पाए जाने वाले परजीवी होते हैं, जो उन्हीं पोषक तत्वों और खनिजों पर पनपते हैं जिन पर बच्चे जीवित रहते हैं। जठरांत्र संबंधी मार्ग में पाए जाने वाले ये ....
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