मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था

मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (Missile Technology Control Regime), जिसे संक्षिप्त में एम. टी. सी. आर. (MTCR) भी कहते हैं, कई देशों का एक अनौपचरिक संगठन है, जिनके पास प्रक्षेपास्त्र व मानव रहित विमान (ड्रोन) से सम्बन्धित प्रौद्योगिक क्षमता है और जो इसे फैलने से रोकने के लिये नियम स्थापित करते हैं। जून 2016 में इसमें 35 देश शामिल थे। 27 जून, 2016 को भारत इसका पूर्ण सदस्य बन गया।

  • गैर-सदस्यों को प्रक्षेपास्त्र व ड्रोनों से सम्बन्धित प्रौद्योगिकी खरीदने व बेचने दोनों में कठिनाईयाँ होती हैं। सदस्यों में यह आपसी नियम है कि यदि एक सदस्य किसी देश को कोई तकनीक या उपकरण देने से मना कर दे तो हर अन्य सदस्य भी उस देश को मना कर देता है।
  • इस संगठन में सम्मिलित होने के लिये यह आवश्यक है कि कोई भी वर्तमान सदस्य प्रस्तावित देश के लिये आपत्ति न जतलाये। सन् 2015 में भारत की सदस्यता को इटली ने रोक लिया था, हालांकि 2016 में भारत के विरुद्ध कोई आपत्ति न आने से उसकी सदस्यता का मार्ग सरल हो गया है।
  • चीन ने सन् 2004 में सदस्यता के लिये अर्जी रखी थी; लेकिन पाकिस्तान, सउदी अरब और अन्य कुछ देशों के साथ उसकी ढीली निर्यात प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में उठती रही आपत्तियों के कारण उसे रोका जाता रहा है। भारत पहिली बार किसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के निर्यात नियंत्रण गुट में शामिल हुआ है।
  • MTCR ने भारत को इजराइल से एरो II मिसाइल खरीदने में मदद की है।