किगाली संशोधन

रवांडा के किगाली में अक्टूबर 2016 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 28वीं बैठक (MOP 28) आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान 170 से अधिक देशों ने भाग लिया।

  • इस बैठक के दौरान जलवायु और ओजोन परत की रक्षा करने के उद्देश्य से मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन की सहमति व्यक्त की गई।
  • 65 देशों द्वारा अनुसमर्थन के बाद किगाली संशोधन 1 जनवरी, 2019 से लागू हो गया। इसका लक्ष्य वर्ष 2047 तक हाइड्रोफ्रलोरो कार्बन की खपत में 80% से अधिक की कमी लाना है।
  • इस संशोधन के प्रभाव से सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में 0-5°C की वृद्धि से बचा जा सकेगा।
  • किगाली संशोधन के बाद, ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल अब और भी अधिक शक्तिशाली साधन हो गया है।

मिशन लाइफः 20 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के एकता नगर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन लाइफ [Mission LiFE (Lifestyle For Environment)], का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस भी उपस्थिति थे।

उद्देश्यः ‘सचेत और विचारपूर्वक उपयोग’ (mindful and deliberate utilisation) के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरुक जीवन शैली (Environmentally Conscious Lifestyle) को बढ़ावा देना।

  • विश्व भर के व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन में सरल जलवायु-अनुकूल कार्य करने के लिए प्रेरित करना।

पंचामृत रणनीतिः संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2021 या यूएनएफसीसीसी कॉप 26 में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा जलवायु कार्रवाई के लक्ष्य के साथ भारत की पंचामृत रणनीति (Panchamrit Strategy) की घोषणा की गई थी।

संयुक्त राष्ट्र की अन्य पहल

  • ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर वियना कन्वेंशन के लिये मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, 1987
  • खतरनाक अपशिष्टों के सीमा पार संचलन पर बेसल कन्वेंशन, 1989
  • रॉटरडैम कन्वेंशन, 1998
  • स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) पर स्टॉकहोम कन्वेंशन
  • जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC), 1992
  • जैवविविधता पर कन्वेंशन, 1992
  • संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय।