चक्रवात मोरा (2017), चक्रवात नर्गिस (2008) तथा चक्रवात कोमेन (2015) जैसी प्राकृतिक विपदाओं के पश्चात भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करके मानवीय राहत कार्यों में म्यांमार की सहायता करने के लिए तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।