103वें संविधान संशोधन की संवैधानिक वैधता

सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन अधिनियम को वैध माना है।

वैधता के पक्ष

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने संबंधी कानून भेदभावपूर्ण नहीं है।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने संबंधी कानून बुनियादी ढांचे या समानता संहिता का उल्लंघन नहीं करता।
  • इस प्रावधान से 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने की सीमा के किसी प्रावधान को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
  • न्यायालय के अनुसार क्रीमी लेयेर की सीमा भी आर्थिक आधार पर तय की गई है।