ट्रांस फ़ैट: भारत एवं वैश्विक पहल

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अध्ययन के अनुसार, भारत 2022 तक औद्योगिक ट्रांस फैट-फ्री बन जायेगा।

  • भारत समेत लगभग 40 देशों ने ट्रांस फैट (trans fat) को खत्म करने के सबसे अच्छे स्टैंडर्ड का पालन किया है। एशिया में भारत थाइलैंड के बाद ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है।
  • ट्रांस फैटः ट्रांस फैट को सबसे खराब प्रकार का वसा माना जाता है। अन्य आहार वसा के विपरीत, ट्रांस वसा या ट्रांस-फैटी एसिड राब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
  • ट्रांस फैट वाले आहार से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसे संतृप्त वसा भी कहा जाता है।

मुख्य बिंदु

भारत में, नए परीक्षण किए गए संसाधित खाद्य नमूनों में से केवल 1.34% सामग्री के अनुमेय स्तर (permissible levels) से अधिक दिखाते हैं।

  • FSSAI ने अखिल भारतीय सर्वेक्षण परिणामों का हवाला दिया और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों में औद्योगिक ट्रांस वसा के अत्यधिक उपयोग की धारणा को खारिज कर दिया।
  • भारत ने WHO के दिशानिर्देशों से एक साल पहले, 2022 तक औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा से भारत को मुक्त करने के लिए औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा की सीमा को 2% तक कम करने का आदेश दिया है।

ट्रांस फैट के उन्मूलन हेतु भारत के प्रयास

भारत ने वसा को 2% तक सीमित करने के लिये दिसंबर 2018 में मसौदा नियमों को जारी किया।

  • FSSAI वर्ष 2022 तक चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट एसिड को 2% से कम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • केरल सरकार ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority foIndia-FSSAI) तथा WHO के साथ मिलकर ट्रांस फैट से मुक्ति हेतु राइट (Right Campaign) नामक कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • FSSAI ने औद्योगिक रूप से उत्पन्न ट्रांसफैट (Trans Fats) के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये मीडिया अभियान ‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ (भ्मंतज ।जजंबा त्मूपदक) की भी शुरुआत की है।

ट्रांस फैट के उन्मूलन हेतु वैश्विक प्रयास

विश्व के छह देशों ने ट्रांस फैट के औद्योगिक उत्पादन को वर्ष 2018 से प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अभी भी लगभग 110 से अधिक देशों में इस हानिकारक यौगिक के खिलाफ कोई नियम नहीं है।

  • हाल ही में वसा के उन्मूलन के लिये थाईलैंड, यूरोपियन संघ ने सर्वोत्तम अभ्यास नियम लागू किये तथा तुर्की ने इस हेतु मसौदा जारी किया।
  • ट्रांस फैट के खिलाफ अधिकांश नीतिगत कार्रवाई उच्च आय वाले देशों में हुई है, जबकि निम्न तथा मध्यम आय वाले देशों में प्रयास नगण्य हैं।
  • हाल ही में अंतरराष्ट्रीय खाद्य और पेय पदार्थ गठबंधन की खाद्य कंपनियों ने भी वर्ष 2023 तक अपने सभी उत्पादों से औद्योगिक ट्रांस फैट को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।

FSSAI सर्वेक्षण

  • उद्योग द्वारा अनुपालन का परीक्षण करने के लिए, FSSAI ने भारतीय गुणवत्ता परिषद के सहयोग से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के 6,245 नमूने एकत्र किए। 419 शहरों में 6 पूर्वनिर्धारित श्रेणियों से नमूने एकत्र किए गए थे। इस सर्वेक्षण के अनुसारः
  • 6,000 प्रसंस्कृत खाद्य नमूनों में से 34% वसा में उच्च थे।
  • डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के 3% नमूनों में 2% से अधिक ट्रांस वसा होता है।

ट्रांस फैट के उन्मूलन के लिये WHO की योजना

मई 2018 में WHO ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना REPLACE की शुरुआत की थी।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय पैमानों के अनुसार, Total Energy Intake में ट्रांस फैट्स की मात्रा 1 फीसदी से भी कम होनी चाहिये।

REPLACE अभियान

  • WHO द्वारा खाद्य आपूर्ति से ट्रांस फैट की मात्रा वर्ष 2023 तक कम करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर त्मचसंबम नामक अभियान की शुरुआत की गयी, इसमें भारत समेत कई अन्य देश भी भागीदार हैं।
  • REPLACE खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के त्वरित, पूर्ण और दीर्घकालीन उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिये छह रणनीतिक कार्रवाइयों का प्रावधान करता हैः
  • RE- (Review): औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा।
  • P- (Promote): स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना।
  • L- (Legislate): औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांसफैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना।
  • A- (Assess): खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना।
  • C- (Create): नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना।
  • E- (Enforce): नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना।