मेटावर्सः भविष्य की प्रौद्योगिकी

नवंबर, 2021 में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ‘मेटावर्स’ तकनीक की चर्चा की, जो सोशल मीडिया नेटवर्क के साथ वर्तमान संचार के तरीके को बदल देगा। इसे भविष्य की परिवर्तनकारी तकनीक माना जा रहा है।

मुख्य बिंदु

वर्तमान में फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनियां इस तकनीक पर कार्य कर रही हैं। मेटावर्स, मोबाइल इंटरनेट को प्रतिस्थापित करने वाली तकनीक मानी जा रही है।

  • लोग अभी इंटरनेट में जो भी कुछ कर सकते हैं, मेटावर्स के माध्यम से लोग उससे कहीं अधिक कर सकेंगे। इसके जरिये लोग वास्तविक समय में (तमंस-जपउम) दूर बैठकर ही किसी दूसरी जगह आभासी रूप से उपस्थित हो सकते हैं, अपने दोस्तों के साथ नृत्य कर सकते हैं, घूम सकते हैं।
  • फेसबुक ऐसे उत्पाद बनाने की योजना बना रही है जो उपयोगकर्ताओं को ऐप, फोन और पर्सनल कंप्यूटर से लेकर हाई-एंड मिक्स्ड रियलिटी गैजेट्स के माध्यम से मेटावर्स तक पहुंच बनाने में सक्षम हो। माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं का उपयोग करके ‘एंटरप्राइज मेटावर्स’ बनाने का प्रयास कर रही है।

मेटावर्स क्या है?

मेटावर्स एक प्रकार का डिजिटल स्पेस है जो मिश्रित वास्तविकता (mixed reality) का ही उन्नत रूप है।

  • वर्तमान समय में मिश्रित वास्तविकता, संवर्धित वास्तविकता (augmented reality) और आभासी वास्तविकता (virtual reality) रोजमर्रा के तकनीकि उत्पादों में तेजी से आम होते जा रहे हैं।
  • मिश्रित वास्तविकता के लिए पूरे पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करना पड़ेगा जिसे सिर्फ एक कंपनी द्वारा नहीं बनाया जा सकता।
  • मेटावर्स के लिए विभिन्न हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, चिप आदि सामग्री की आवश्यकता होगी जिसके निर्माण के लिए विभिन्न कंपनियों की आवश्यकता होती है।
  • मेटावर्स के सम्पूर्ण उपयोग के लिए बुनियादी ढांचे की भी वर्तमान में कमी है और इंटरनेट का वर्तमान स्वरूप इसके अनुकूल नहीं है।
  • पारंपरिक इंटरनेट की तुलना में मेटावर्स के लिए मानकों और प्रोटोकॉल के व्यापक और अधिक जटिल सेट की आवश्यकता होगी। कुछ मायनों में, यह लोकप्रिय साइंस फिक्शन फिल्म ‘द मैट्रिक्स’ के कैरेक्टर नियो की तरह उपयोगकर्ता के अनुभव को वास्तविकता बना देगा।

मेटावर्स का लाभ

फेसबुक और अन्य बड़ी कंपनियों के लिए ‘मेटावर्स’ की परिकल्पना उत्साहजनक है क्योंकि इससे नए बाजारों, नए प्रकार के सोशल नेटवर्कों, नए उपभोत्तफ़ा इलेक्ट्रॉनिक्स और नए पेटेंट के लिए अवसर पैदा होते हैं।

  • दक्षिण कोरिया में ‘मेटावर्स अलायंस’ राष्ट्रीय वीआर प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है।
  • इसका एक बड़ा हिस्सा स्मार्टफोन, 5G नेटवर्क, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल करंसी और सोशल नेटवर्क का मेल कर समाज की समस्याओं का समाधान निकालने, लाभ निकालने के तरीके खोजना है।

चुनौतियां

विशेषज्ञों को मानना है कि मेटावर्स (Metaverse) को जिस तरह के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है वो वर्तमान में मौजूद नहीं है। वर्तमान में उपयोग होने वाले इंटरनेट के डिजाइन की अपनी सीमायें हैं । मेटावर्स को विकसित करने के लिए पारंपरिक इंटरनेट की तुलना में अधिक सक्षम मानक और मानदंड की आवश्यकता होगी।

  • इंटरऑपरेबल मेटावर्स के उपयोग पर डेटा सुरक्षा के सवाल भी उठेंगे। डेटा सुरक्षा के लिए यूजर और कम्पनीज के बीच में सहमति स्थापित करना कठिन होगा।
  • मेटावर्स को सेंसरशिप, संचार पर नियंत्रण, नियामक प्रवर्तन, कर रिपोर्टिंग, की रोकथाम के लिए नए नियमों की आवश्यकता होगी।
  • आज के दौर का सबसे तेज नेटवर्क 4G कनेक्शन केवल छोटे मल्टीप्लेयर ऐप्स को ही ठीक से चला सकते हैं, अभी पूरी दुनिया 5G नेटवर्क बनाने के लिए काम कर रही है।
  • इसे और आगे ले जाने के लिए 6G की भी आवश्यकता होगी।
  • इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर, रीयल टाइम में बड़ी संख्या में लोगों का आपस में बातचीत करना, भाषाई बाधाएं और वेब पेज खोलने के लिए क्लिक करने पर इसके लोड होने में लगने वाला समय, ये सब मेटावर्स के लिए मुख्य चुनौतियां हैं।
  • इसके लिए कंप्यूटर, ग्राफिक कार्ड और वीडियो कहीं अधिक मजबूत बनाने होंगे।
  • फिलहाल इस क्षेत्र में एनवीडीए, एमएमडी और इंटेल जैसी कंपनियां काम कर रही हैं।
  • उन सभी कंपनियों के लिए जो पहले से माइक्रोचिप बना रही हैं, इन सभी टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए एक नई कंपनी बनानी पड़ सकती हैं।
  • मेटावर्स शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। खगोल शास्त्र की पढ़ाई में और मेडिसिन या टेलीकेयर में, कई नई सेवाओं के साथ अनंत संभावनाएं हैं।