संविधान (123 संशोधन) अधिनियम, 2019

संविधान (एक सौ तेइसवां संशोधन) के द्वारा शामिल किए गए नए अनुच्छेद 15(6) और 16(6) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए सिविल पदों और सेवाओं में नियुक्ति और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत तक आरक्षण करने का प्रावधान किया गया है।

  • संविधान के अनुच्छेद 15 तथा 16 के उपबंधों के अंतर्गत सरकारी पदों एवं सेवाओं में नियोजन और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण, वर्तमान में, अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) जिन्हें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के रूप में जाना जाता है, के लिए उपलब्ध है।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के नागरिक, जो आरक्षण की मौजूदा योजनाओं में किसी भी योजना द्वारा कवर नहीं किए जाते हैं, भारतीय जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है, को ध्यान में रखते हुए, और सभी कमजोर वर्गों के नागरिकों के साथ न्याय करने के उद्देश्य से, संविधान में संशोधन किया गया।
  • इन संशोधन के तहत वे व्यक्ति, जो एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण संबंधी मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत शामिल नहीं है और जिनके परिवार की सकल वार्षिक आय 8-00 लाख रुपए से कम है, की इस आरक्षण का लाभ देने के लिए ईडब्ल्यूएस के रूप में पहचान की जाएगी और इसमें उन व्यक्तियों को बाहर रखा गया है, जिनके परिवार के पास निम्नलिखित परिसम्पत्तियां हैं:
    • 5 एकड़ और इससे अधिक की कृषि भूमि
    • 1000 वर्ग फुट एवं इससे अधिक का रिहायशी फ्रलैट
    • 100 गज एवं इससे अधिक का अधिसूचित नगरपालिकाओं में रिहायशी प्लॉट
    • 200 गज एवं इससे अधिक का अधिसूचित नगरपालिकाओं से भिन्न क्षेत्रों में रिहायशी प्लॉट।