उच्चतम न्यायालय की 9 न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने 6:3 के बहुमत से निर्णय दिया कि केंद्र सरकार पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने का निर्णय संवैधानिक रूप से मान्य है। इस निर्णय के तहत सीटों का आरक्षण केवल प्रारंभिक नियुक्तियों तक ही सीमित होगा और पदोन्नति में यह लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।