पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना

कोविड-19 महामारी के चलते कर राजस्व में कमी के कारण 2020-21 के दौरान राज्य सरकारों के समक्ष उत्पन्न वित्तीय वातावरण को ध्यान में रखते हुए, ‘पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना’ को मंजूरी दी गई, जिसमें राज्य सरकारों को 2020-21 के दौरान 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 11830. 29 रुपये की विशेष सहायता को मंजूरी प्रदान किया गया।

वित्तीय वर्ष 2021-22 की योजना के तीन भाग हैं:

  1. भाग-I 8 उत्तर पूर्वी राज्यों अर्थात असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा और पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए है।
  2. भाग-II अन्य सभी राज्यों के लिए है जो भाग-I में शामिल नहीं हैं। 15वें वित्त आयोग के निर्णय के अनुसार यह राशि इन राज्यों के बीच वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय करों में उनके हिस्से के अनुपात में आवंटित की गई है।
  3. भाग-III राज्य सरकारों को राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के निजीकरण/विनिवेश और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण/पुनर्चक्रण के संबंध में प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए है। इस भाग के तहत, राज्यों को स्कीम के भाग-I/भाग-II के तहत उनके आवंटन के अलावा 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाएगी। योजना के इस हिस्से के लिए 5,000 करोड़ रुपये रुपये की राशि आवंटित की गई है।