नई ड्रोन नीति 2021

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए नई ड्रोन नीति 2021 की घोषणा की है। नए नियम को काफी उदार माना जा रहा है।

  • नई ड्रोन नीति के अनुसार सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण होगा। अब पंजीकरण,लाइसेंस के लिए सुरक्षा मंजूरी लेने और ड्रोन के रखरखाव का प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।
  • कार्गाे डिलिवरी के लिए कॉरिडोर बनाए जाएंगे। डीजीसीए ड्रोन प्रशिक्षण आवश्यकताओं को देखेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस जारी करेगा। ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षण और परीक्षा ड्रोन स्कूलों में होगी। रिमोट पायलट लाइसेंस शुल्क का शुल्क तीन हजार रुपये (बड़े ड्रोन के लिए) से कम करके सभी श्रेणियों के लिए 100 रुपये कर दी गई है और यह 10 साल के लिए वैध है।
  • डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ता के अनुकूल सिंगल-विंडो सिस्टम को विकसित किया जाएगा, जिसमें कम से कम मानव दखल होगा।
  • नए नियमों के तहत ड्रोन का अधिकतम वजन 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। इससे ड्रोन टैक्सियों को भी ड्रोन नियमों के दायरे में लाना आसान होगा।
  • वैसे सरकार ने जुलाई में ही ड्रोन नियम 2021 की घोषणा की थी। यह नियम अब 12 मार्च को जारी मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 की जगह लेगा। दरअसल यह नियम अकादमिक, स्टार्टअप्स, उपयोगकर्ता और अन्य हितधारकों ने बहुत प्रतिबंध करने वाला लगा था, क्योंकि इसमें काफी कागजी कार्रवाई की जरूरत थी और हर ड्रोन उड़ाने के लिए आवश्यक अनुमति चाहिए थी। इस नियम में एक बड़ी बाधा यह थी ड्रोन उड़ाने के लिए बहुत कम ‘फ्री टू फ्लाई’ ग्रीन जोन उपलब्ध थे’।