राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2020

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक कार्यालय द्वारा एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 तैयार की गई है।

  • साइबर सुरक्षा का आशय किसी भी प्रकार के हमले, क्षति, दुरुपयोग और जासूसी से महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना सहित संपूर्ण साइबर स्पेस की रक्षा करने से है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) एक तीन-स्तरीय संगठन है, जो कि सामरिक चिंता वाले राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को देखता है।

सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें

  • साइबर सुरक्षित भारत पहल
  • साइबर स्वच्छता केंद्र
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
  • नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC)
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000
  • राष्ट्रीय साइबर नीति, 2013

प्रमुख बिंदुः इसका प्राथमिक उद्देश्य बेहतर ऑडिट प्रणाली के माध्यम से साइबर सुरक्षा और साइबर जागरूकता में सुधार लाना है।

  • इसके तहत सूचीबद्ध साइबर ऑडिटर, विभिन्न संगठनों की सुरक्षा से संबंधित सुविधाओं और विशेषताओं पर बारीकी से नजर रखेंगे, जो कि वर्तमान में कानूनी रूप से आवश्यक है।
  • नीति के तहत यह मानते हुए कि साइबर हमले नियमित आधार पर हो सकते हैं, नियमित तौर पर साइबर संकट प्रबंधन अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।
  • इस नीति में एक साइबर तत्परता सूचकांक की बात की गई है, जो कि साइबर सुरक्षा तत्परता की निगरानी करेगा।
  • साइबर सुरक्षा के लिये एक अलग बजट का सुझाव दिया गया है, ताकि अपेक्षित डोमेन ज्ञान वाली विभिन्न एजेंसियों की भूमिका और कार्यों के मध्य तालमेल स्थापित किया जा सके।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिसने न केवल साइबर हमले से बचाव की रणनीति विकसित करने में काफी अधिक धनराशि का निवेश किया है, बल्कि उसके पास साइबर युद्ध अपराधियों से निपटने के लिये आवश्यक क्षमता भी मौजूद है।
  • जिन देशों की साइबर युद्ध क्षमता सबसे अधिक है उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, इजरायल और यूनाइटेड किंगडम आदि शामिल हैं।