राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013

साइबर खतरों को भांपते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति जारी की थी, जिसमें देश की साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिये प्रमुख रणनीतियों को अपनाने की बात कही गई थी। इन नीतियों के तहत देश में 24 घंटे काम करने वाले एक नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) की स्थापना शामिल है, जो देश में महत्त्वपूर्ण सूचना तंत्र के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिये एक नोडल एजेंसी के रूप में काम कर सके।

मुख्य विशेषताएँ -

  • इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन का सुरक्षित माहौल तैयार करना, विश्वास और भरोसा कायम करना तथा साइबर जगत की सुरक्षा के लिये हितधारकों के कार्यों में मार्गदर्शन करना।
  • देश में सभी स्तरों पर साइबर सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिये व्यापक, सहयोगात्मक और सामूहिक कार्रवाई हेतु रूपरेखा तैयार करना।
  • इस नीति में ऐसे उद्देश्यों और रणनीतियों की आवश्यकता को मान्यता दी गई है जिन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने की आवश्यकता है।
  • इस नीति का विजन और मिशन नागरिकों, व्यवसायियों एवं सरकार के लिये साइबर जगत को सुरक्षित तथा लचीला बनाना है।
  • साइबर हमलों से राष्ट्र को सुरक्षित बनाने और खामियां दूर करने का लक्ष्य तय करना।
  • देश के अंदर सभी हितधारकों के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ाना।
  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा विजन और मिशन के समर्थन में उद्देश्य एवं रणनीति तय करना।
  • ऐसी पहल और रूपरेखा तैयार की गई है जो सरकार के स्तर पर और क्षेत्र स्तर पर सरकारी-निजी भागीदारी के माध्यम से आगे बढ़ाई जा सकती है।
  • इससे साइबर सुरक्षा अनुपालन, साइबर हमले, साइबर अपराध और साइबर बुनियादी ढांचे जैसे रुझानों की राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी की जा सकेगी।