गांगुली समिति

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, द्वारा मौद्रिक और ऋण नीति 2003-04 की मध्यावधि समीक्षा में की गई घोषणा के अनुसार डॉ- ए-एस-गांगुली की अध्यक्षता में ‘लघु उद्योग क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने पर कार्यकारी दल’ का गठन किया गया।

  • छोटे और अत्यंत लघु उद्योगों और उद्यमियों को सेवा देने वाले अग्रणी बैंकों द्वारा गैर सरकारी संस्थाओं के सफल कार्य मॉडल के व्यापक प्रचार के साथ-साथ विशिष्ट परियोजनाओं को प्रायोजित करना;
  • पहाड़ी क्षेत्रों की दिक्कतों, बार-बार बाढ़ से परिवहन में बाधा आने जैसी कठिनाइयों को देखते हुए अपने वाणिज्य निर्णय के आधार पर उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में कार्यरत बैंकों द्वारा लघु उद्योगों (अब एमएसई) को उच्चतर कार्यकारी पूंजी सीमा स्वीकृत करना
  • बैंकों द्वारा ग्रामीण उद्योग के उन्नयन तथा ग्रामीण कामगारों, ग्रामीण उद्योगों और ग्रामीण उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने में सुधार के लिए नए उपाय खोजना;
  • विदेशी बैंकों द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को निर्धारित लक्ष्य से कम ऋण देने के कारण सिडबी के पास जमा की गई शार्ट फाल की राशि की अवधि तथा उसके ब्याज दर ढांचे में संशोधन।