इसे 2018 में दिव्यांग व्यक्तियों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत लाभार्थी को दिव्यांग प्रमाण-पत्र के साथ अद्वितीय दिव्यांग आईडी कार्ड जारी किया जाता है।
जब यह एक बार सार्वभौमिक हो जाता है, तो कल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी।
नवीनतम अनुमानों (2019) के अनुसार, 1.2 मिलियन से अधिक आईडी वितरित किया गया है।