इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2013 में समाज में अंतर-जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया। इस योजना के अंतर्गत अंतर-जाति विवाह का अर्थ है, एक विवाह जिसमें पति या पत्नी अनुसूचित जाति से है और दूसरा एक गैर-अनुसूचित जाति से है।