यह 2006 के एक सूखे प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP), मरुभूमि विकास कार्यक्रम (DDP), इंटीग्रेटेड वेस्टलैंड डेवलपमेंट प्रोग्राम (IWDP) के लिए एक तकनीकी समिति थी। इस समिति की रिपोर्ट भी उसी साल प्रकाशित हुई।
इसने विस्तृत रेंज के समस्याओं पर अनुशंसा की गयी थी, जो बंजर भूमि को वर्गीकृत करने के मानदंड, उनकी बेहतरी, परियोजनाओं के मूल्यांकन को प्रभावित करने की पहल में लोगों की भागीदारी आदि सब कुछ कवर करता था।