पीआरआई को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में सिफारिशें करने के लिए 1989 में इस समिति का गठन किया गया था। समिति ने पीआरआई को नियमित चुनाव और संवैधानिक दर्जा देने और जिला परिषद को योजना तथा विकास एजेंसी बनाने की सिफारिश की।
इन समितियों की सिफारिश ने लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के पक्ष में उचित वातावरण बनाया। सभी राजनीतिक दल इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने का सही समय आ गया है।
आखिरकार, 1992 में 73वां और 74वां संविधान संशोधन अधिनियम पारित किया गया। इससे स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।