भारत में दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की संख्या 2.8 करोड़ है, जिन्हें एक बोझ माना जाता है, लेकिन यह गलत धारणा है। यदि उचित परिवेश दिया जाए, तो वे अपनी क्षमता का अच्छी तरह से प्रदर्शन करते है। उदाहरण के लिए पैरालंपिक में भारतीय खिलाडि़यों ने कई मेडल जीते है।