महिला एवं बाल विकास मंत्रलय द्वारा भारत में पहली बार ‘जेंडर वल्नरेबिलिटी इंडेक्स' (Gender Vulnerability Index - GVI) जारी की गई। इसे बच्चों के विकास से संबंधित एक एनजीओ, प्लैन इंडिया (Plan India) द्वारा जारी किया गया है। सूचकांक का विकास महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित 4 पैमानों- शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी और हिंसा से सुरक्षा (Protection/Safety from Violence) के आधार पर तैयार किया गया है।
सूचकांक के अनुसार दिल्ली सहित 30 राज्यों में महिलाओं तथा लड़कियों के लिए गोवा सबसे सुरक्षित राज्य है। इसके अतिरिक्त केरल, मिजोरम, सिक्किम और मणिपुर राज्य भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली इस सूचकांक में सबसे नीचे पायदान पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार यद्यपि 18 साल से कम उम्र के बच्चों में आधी आबादी लड़कियों की है लेकिन उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भारत में 29% बच्चे 0 से 5 वर्ष की आयु के हैं, जिनका लिंगानुपात 919 है।
लैंगिक संवेदनशीलता सूचकांक में प्रत्येक राज्य को 0 से 1 तक का स्कोर प्रदान किया गया है। अधिक स्कोर का अर्थ है राज्य का बेहतर प्रदर्शन। पहले स्थान पर स्थित गोवा का स्कोर 0.656 है जो भारत के औसत 0.531 से कहीं अधिक है।हिंसा के िखलाफ महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से गोवा को पहला स्थान मिला है। शिक्षा के लिहाज से यह 5वें, सेहत के लिहाज से 6वें और गरीबी के लिहाज से 8वें स्थान पर है। गोवा के बाद 0.634 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर केरल है। इसके बाद तीसरे स्थान पर मिजोरम व चौथे स्थान पर सिक्किम है।
इस सूचकांक में सबसे नीचे 30वें स्थान पर 0.410 स्कोर के साथ बिहार है, अन्य राज्यों की तुलना में यहां महिलाएं सबसे असुरक्षित, अस्वस्थ और गरीब हैं। बिहार में 39% लड़कियों की शादी वैधानिक उम्र से पहले ही हो जाती है। यहां पर 15 से 19 वर्ष की 12.2% लड़कियां सर्वेक्षण के दौरान या तो गर्भवती थीं या मां बन चुकी थीं।
जेंडर वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में शीर्ष राज्य | ||
जीवीआई रैंक | प्रदेश | जीवीआई स्कोर |
1 | गोवा | 0.656 |
2 | केरल | 0.634 |
3 | मिजोरम | 0.627 |
4 | सिक्किम | 0.613 |
5 | मणिपुर | 0.610 |
जेंडर वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में निम्नतम राज्य | ||
जीवीआई रैंक |
प्रदेश |
जीवीआई स्कोर |
30 | बिहार | 0.410 |
29 | उत्तर प्रदेश | 0.434 |
28 | दिल्ली | 0.436 |
विभिन्न मानकों पर शीर्ष राज्य तथा उत्तर प्रदेश | ||
मानक | शीर्ष राज्य | उत्तर प्रदेश की रैंक |
शिक्षा | हिमाचल प्रदेश | 19 |
स्वास्थ्य | केरल | 27 |
गरीबी | मणिपुर | 29 |
हिंसा से सुरक्षा | गोवा | 30 |
बिहार के अतिरिक्त 29वें स्थान पर उत्तर प्रदेश, 28वें पर दिल्ली तथा 27वें स्थान पर झारखंड है। सूचकांक यह दर्शाता है कि यदि किसी क्षेत्र में काम किया जाए, तो अन्य क्षेत्रें पर भी उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। राजधानी दिल्ली को महिलाओं हेतु सुरक्षित बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाने की जरूरत है।
शिक्षा के मानक पर पहला स्थान हिमाचल प्रदेश का, स्वास्थ्य के मानक पर पहला स्थान केरल का, गरीबी के पैमाने पर पहला स्थान मणिपुर का तथा हिंसा से सुरक्षा के पैमाने पर पहला स्थान गोवा का है। यह समग्र सूचकांक, प्लैन इंडिया एनजीओ के ‘प्लैन फॉर एवरी चाइल्ड-लीव नो गर्ल बिहाइंड’ (Plan for Every Child & Leave No Girl Behind) कैम्पेन के तहत किये गए शोध के अंतर्गत विकसित किया गया है। इस कैम्पेन का लक्ष्य कठिन परिस्थितियों में बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों को प्रभावित करने वाली विभिन्न समस्याओं की व्यापक समझ विकसित करना है साथ ही यह पता लगाना है कि देश में महिलाएं किन चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
प्लैन इंडिया द्वारा युवतियों के लिये समावेश, पहुंच और अवसरों में सुधार के उद्देश्य से 1 नवंबर, 2017 को ही ‘प्लान फॉर एवरी चाइल्ड-लीव नो गर्ल बिहाइंड' अभियान भी शुरू किया गया।
इस अभियान के तहत हाशिये पर पड़ी युवतियों और महिलाओं से संबंधित विषयों पर परिचर्चा तथा महिलाओं की मानव तस्करी एवं उनके िखलाफ हिंसा को समाप्त करने के उपाय खोजे जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत में लैंगिक भेद पर बहस जोरों पर है बावजूद इसके वास्तविकता यह भी है कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा लड़कों और लड़कियों को एकसमान नजर से नहीं देखता।