सन् 1992 में ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो में पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन यूएनएफसीसीसी नामक एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय संधि की गई। इस संधि का उद्देश्य वैश्विक तापवृद्धि में कमी लाने के लिए हरित ग्रह गैसों में कमी लाना है। 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP-21 या CMP-11 पेरिस, फ्रांस, 30 नवंबर से 12 दिसंबर, 2015 को आयोजित किया गया था।
यह जलवायु परिवर्तन पर 1992 के संयुक्त राष्ट्र संरचना सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के लिए दलों की बैठक का 21वां वार्षिक सत्र था और 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल के लिए दलों की बैठक का 11वां सत्र था। COP-21 में यूएनएफसीसीसी के अधीन पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के तहत विकसित देश वर्ष 2020 तक 100 बिलियन डॉलर फंड जुटाएंगे ताकि विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन रोकने के उचित प्रयास किया जा सके। यूएनएफसीसीसी एवं चेन्नई आधारित एमएसएसआरएफ अगस्त 2015 के तीसरे सप्ताह में आंध्र प्रदेश के तटीय संसाधनों के संरक्षण हेतु मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए।