यह एक अन्तर सरकारी वैज्ञानिक निकाय है। यह संयुक्त राष्ट्र का अधिकारिक पैनल है जो जलवायु में बदलाव और ग्रीन हाउस गैसों का ध्यान रखता है। इस संस्था को 2007 में शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति (IPCC) की रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि इंसानों के कारण ही धरती के तापमान में अत्याधिक बढ़ोतरी हो रही है। इस रिपोर्ट का सारांश स्टॉकहोम में 27 सितंबर, 2013 को जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन से बढ़ते हुए खतरे पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग मनुष्यों की हरकतों का नतीजा है। वातावरण और समुद्र गर्म हो गए हैं, बर्फबारी और बर्फ की मात्र में कमी आई है, वैश्विक स्तर पर समुद्र का जलस्तर बढ़ा है और ग्रीन हाउस गैसों की मात्र में भी वृद्धि हुई है। आईपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में इस सदी के अंत तक समुद्र के जलस्तर में 10 से 32 इंच के वृद्धि का आकलन किया गया है। शताब्दी के अंत तक दुनिया का औसत तापमान 0-3 से 4-8 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।