शेयर बाजार नियामक सेबी ने 10 जुलाई, 2012 को एमसीएक्स.एसएक्स (MCX.SX) को पूरी तरह स्टॉक एक्सचेंज के रूप में काम करने की मंजूरी प्रदान कर दी। इस मंजूरी के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के खुलने का रास्ता साफ हुआ है। एमसीएक्स. एसएक्स यानी मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज.स्टॉक एक्सचेंज कोसबसे पहले सेबी की मंजूरी 7 अक्टूबर, 2008 में मिली थी। लेकिन उसे तब केवल मुद्रा वायदा कारोबार चलाने की अनुमति दी थी। नियामक के नए फैसले के बाद यह एक्सचेंज शेयर, इक्विटी डेरिवेटिव, ब्याज दर वायदा और ऋण प्रतिभूतियों में कारोबार संचालित कर सकेगा। वर्तमान में सेबी ने जुलाई 2012 तक देश भर में आठ स्टॉक एक्सचेंजों को स्थायी मान्यता दी है। लेकिन इनमें से केवल दो बीएसई और एनएसई ही राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त एमसीएक्स.एसएक्स और युनाइटेड स्टॉक एक्सचेंज की मौजूदगी केवल विदेशी मुद्रा वायदा कारोबार तक ही थी। सेबी के ताजा निर्णय के बाद एमसीएक्स.एसएक्स राष्ट्रीय स्तर का तीसरा प्रमुख शेयर बाजार बन जाएगा।
एमसीएक्स.एसएक्स का सूचकांक ‘एसएक्स.40’ (SX.40) होगा, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रें के 40 बड़ी बाजार पूंजी और तरल शेयर वाली कंपनियां होंगी। यह भविष्य में बीएसई के 30 शेयरों वाले सूचकांक ‘सेंसेक्स’ (SENSEX) और एनएसई के 50 शेयरों वाले सूचकांक ‘निफ्टी’ (NIFTY) के साथ प्रतियोगिता करेगा। नकद इक्विटी और वायदा खंड में एमसीएक्स.एसएक्स के सदस्य बनने हेतु ब्रोकरों को 25 लाख रुपए खर्च करने होंगे जबकि ब्रोकर की हैसियत 30 लाख रुपए होनी चाहिए।
ध्यातव्य हो कि देश के तीन बड़े एक्सचेंजों एनएसई, एमसीएक्स और बीएसई को दुनिया के 20 शीर्ष एक्सचेंजों में शुमार किया गया है जिनमें एनएसई को 5वां, एमसीएक्स को 10वां और बीएसई को 18वां स्थान मिला है।