भारत ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लॉन्च पैड से ‘फैट ब्याय’ उपनाम वाले जीएसएलवी एमके- III D-1 के प्रथम विकासात्मक उड़ान को प्रक्षेपित करने के लिए हाई थ्रस्ट क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 का प्रक्षेपण किया। इस प्रक्षेपण के द्वारा भारत के अब तक के सबसे वजनदार उपग्रह जीसैट-19 को सटीक कक्षा में स्थापित किया गया।
सीई-20 इंजन (क्रायोजेनिक अपर स्टेजः सी25)
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जीसैट-19: भारत का सबसे वजनदार उपग्रह
जीएसएलवी मार्क-3 के सफल परीक्षण से भारत का अंतरिक्ष विज्ञान में दबदबा बढ़ेगा। अंतरिक्ष में भारत मानव को भेजने में कामयाब हो सकेगा। जीएसएलवी मार्क थ्री के प्रक्षेपण से अमेरिका, रूस और चीन में व्यवसायिक दबाव को लेकर चिंता बढ़ जाएगी। वर्ष 1999 से 2017 तक इसरो 24 देशों के 180 विदेशी उपग्रहों को पीएसएलवी के जरिए प्रक्षेपित कर चुका है। इसरो के कम प्रक्षेपण खर्च और अचूक तकनीकी के कारण अमेरिका जैसे देश भी भारत के मुरीद हैं। अब जीएसएलवी मार्क -3 से इसरो अधिक वजनी उपग्रहों को भी प्रक्षेपित करके प्रक्षेपण बाजार का सिरमौर बनने की राह प्रशस्त किया है।