वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2017 (Global Innovation Index 2017 - GII17) के 10वें संस्करण का प्रकाशन कॉर्नेल विश्वविद्यालय, INSEAD और वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (WIPO) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसमें 127 देशों की अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार प्रदर्शन का आकलन किया गया है। वर्ष 2017 की थीम है- 'Innovative Feeding the World'।
रिपोर्ट में स्विट्जरलैंड लगातार 7वें वर्ष शीर्ष नवाचार वाला देश बना रहा। दूसरे, तीसरे व चौथे क्रम पर क्रमशः स्वीडन, नीदरलैंड व अमेरिका रहे। निम्न-मध्यम आय वाले देश भारत की रैंकिंग 2016 की तुलना में 6 पायदान ऊपर चढ़कर 60वें पायदान पर पहुंच गई। वर्ष 2016 में भारत की इस सूचकांक में 66वीं रैंक थी। भारतीय अर्थव्यवस्था नवाचार इनपुट (1. संस्थान, 2. मानव पूंजी व शोध, 3. आधारभूत ढांचा, 4. बाजार परिष्करण, 5. व्यवसाय परिष्करण) और आउटपुट (1. ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्पादन 2. रचनात्मक उत्पादन) प्रदर्शन में बेहतर प्रदर्शन किया है।
भारत ने आधारभूत ढांचा, व्यापार परिष्करण, ज्ञान व प्रौद्योगिकी व रचनात्मक उत्पादन जैसे अधिकांश क्षेत्रें में सुधार प्रदर्शन किया है। वैश्विक रिसर्च एंड डेवलपमेंट (RRD) कंपनियों के मामले में भारत वैश्विक संदर्भ में 14वें पायदान पर है। भारतीय अर्थव्यवस्था मध्य एवं दक्षिण एशिया में शीर्ष रैंकिंग वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद ब्रिक्स देशों में चीन 22वीं रैंक के साथ शीर्ष पायदान पर है। चीन शीर्ष 25 अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होकर पहली बार मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। रिपोर्ट की थीम के अनुसार 2050 तक विश्व की कुल जनसंख्या 9.7 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। जनसंख्या बढ़ने के बाद सीमित प्राकृतिक संसाधन व जलवायु परिवर्तन के चलते कृषि क्षेत्र को भारी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में यदि कृषि नवप्रवर्तन को नीति निर्माता और अन्य हितधारक बेहतर ढंग से लागू करने में असमर्थ रहते हैं तो ऐसे में वैश्विक खाद्य संकट का सामने आना तय है। स्पष्ट है कि ऐसे में खाद्यान्न मांग के आगे इसकी आपूर्ति में अंतराल देखने को मिल सकता है।