UPPSC साक्षात्कार
जीवन परिचय
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यू.पी.पी.सी.एस. में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई- आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
रश्मिलताः जी बहुत धन्यवाद! ईश्वर की असीम कृपा तथा परिवार का सहयोग, माता-पिता, भाईयों (श्री तेजेन्द्र सिह, श्री धमेन्द्र सिह, श्री सुरेन्द्र सिह) व तीनों भाभियों का आर्थिक मानसिक सहयोग मेरी सफलता में महत्वपूर्ण थी।
- शिक्षकों/ मेंटोर के रूप में श्री रोहित सर (Test World), श्री अनिल कुमार (इंफोशिक्षा) सर की आभारी हूं।
- मित्रों का विशेष सहयोग- मो. सुलेमान (असि- प्रोफेसर) अजीत सिह, अमित कुमार, एस- के- आर्या, डी- के- गुप्ता, गोविद शर्मा की मैं हृदय से आभारी हूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
रश्मिलताः ग्रेजुएशन करने के बाद जब मैं मेरे पिताजी के मित्र श्री प्रदीप चौधरी व श्री मानसिह से मिली तब उन्होंने मुझे इस तैयारी के लिये प्रेरित किया। इस प्रकार मैंने अपनी तैयारी शुरू की।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानती हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
रश्मिलताः मेरा इस परीक्षा में माध्यम हिदी था, क्योंकि मैं इसमें ही सहज थी और मेरी पृष्ठभूमि भी हिदी भाषी थी। लाभ या नुकसान का तो नहीं कह सकती, लेकिन मैं अपने माध्यम में ही सहज थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
रश्मिलताः मेरा वैकल्पिक विषय हिदी साहित्य था। इसके चयन में हिदी साहित्य का रफ़चिकर होना व छोटा सिलेबस भी इसकी खासियत रही।
- वैसे विषय का चुनाव व्यक्तिगत और रफ़चिकर होना चाहिये, लेकिन सेलेक्शन में अकादमिक विषयों के ट्रेंड को भी समझना आवश्यक है। विषय में रफ़चि होना सबसे आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानती हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
रश्मिलताः इस परीक्षा की तैयारी की मांग, इसके सिलेबस के व्यापक होने के कारण एक से डेढ़ वर्ष में तो सिलेबस ही पूर्ण हो पाता है और फिर ठीक से समझने और परीक्षा की तैयारी तक 2 वर्ष तक का समय तो लग ही जाता है, अधिकतम तो 10 वर्ष भी लग सकता है जैसे कि मुझे एक लम्बा समय लगा।
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु रणनीति- तथ्यात्मक जानकारी व बेसिक समझ व अधिकतम रिवीजन।
मुख्य परीक्षा हेतु रणनीति- वैकल्पिक विषय पर पकड़-मजबूत व लेखन शैली पर विशेष ध्यान देना। (मुख्य परीक्षा के लिये टेस्ट सीरीज महत्वपूर्ण है)।
- सामान्य अध्ययन के चारों पेपर पर विस्तृत समझा राइटिग प्रैक्टिस (फ्रलोचार्ट, डायग्राम व मैप आदि के साथ)।
- उत्तर प्रदेश स्पेशल की भूमिका (सामान्य अध्ययन के तीनों पेपर में लगभग 8-9 प्रश्न)। अतः उत्तर-प्रदेश स्पेशल अवश्य तैयार करें।
साक्षात्कार- यह व्यक्तित्व परीक्षण के रूप में होता है, अतः इसे कुछ दिनों के भीतर तैयार नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसमें लम्बा समय लगता है, अतः परीक्षा की तैयारी की शुरूआत से एक प्रशासनिक अधिकारी जैसी सोच विकसित करनी आवश्यक है। समस्या समाधान वाला व्यक्तित्व बनाएं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः मुख्य परीक्षा की रणनीति-
- सर्वप्रथम सामान्य अध्ययन के चारों पेपरों में आने वाले 20 प्रश्नों को हल करने की पूरी कोशिश करें।
- टेस्ट सीरज के माध्यम से अपना मूल्यांकन करना आवश्यक है।
- सामान्य अध्ययन के चारों पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिय हेडिग, डायग्राम, फ्रलोचार्ट व मैपिग का प्रयोग।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः हां, मैंने स्वयं के नोट्स बनाए, मैंने रिवीजन के लिये शॉर्ट नोट्स बनाएं, जो पेपर टाइम में बहुत लाभकारी होते हैं (प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा दोनों के लिए)।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकती हैं?
रश्मिलताः मैने सामान्य अध्ययन के चौथे पेपर के लिये पतंजलि व दृष्टि पब्लिकेशन के नोट्स पढ़े और जहां भाषा की क्लिष्टता दिखायी दी उसे अपने अनुसार सरल कर लिया और वर्तमान समय के उदाहरण व हिदी साहित्य (वैकल्पिक विषय) के उदाहरणों को भी जोड़ा।
सुझाव- नीतिशास्त्र सामान्य अध्ययन के तीनों अन्य पेपर की तुलना में अधिक अंकदायी है, क्योंकि इस एक विषय को पढ़कर इसमें अधिक से अधिक अंक प्राप्त किये जा सकते हैं।
- इसमें वर्तमान समय के उदाहरणों का प्रयोग, फ्रलोचार्ट इत्यादि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः निबंध का सिलेबस पूरी तरह से डिफाइन है-
1. खण्ड-अ 2. खण्ड-ब 3. खण्ड-स
- उपर्युक्त तीनों खण्डों में साहित्य, समसामयिक घटाक्रम व राजनीतिक घटनाक्रम पर निबंध आते हैं।
- प्रथम खण्ड के लिये मैंने अपने वैकल्पिक विषय (हिदी साहित्य) के माध्यम से तैयारी कर ली थी, क्योंकि इस खण्ड में साहित्य के साथ अन्य विषयों (संस्कृति, समाज, मूल्य इत्यादि) को जोड़कर पूछा जाता है।
- दूसरे और तीसरे खण्ड में समसामयिक और राजनीतिक घटनाक्रम (जलवायु परिवर्तन, कृषि कानून, आजादी का अमृत महोत्सव इत्यादि) की तैयारी भी की थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
रश्मिलताः वर्तमान पाठ्यक्रम के अनुसार (सामान्य अध्ययन के 4 पेपर)।
- 20 प्रश्नों में से 10 प्रश्न 125 शब्द व 10 प्रश्न 200 शब्दों में लिखने होते हैं।
- 125 शब्दों वाले प्रश्नों को बिदुवार (प्वाइंट्स) लिखें व फ्रलोचार्ट, डायग्राम इत्यादि बनाएं।
- 200 शब्दों वाले प्रश्नों को पैराग्राफ व बिदुवार दोनों रूप में लिख सकते हैं।
- मैप अवश्य बनाएं। (उत्तर प्रदेश, भारत, विश्व)।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी?
रश्मिलताः हां मैंने तैयारी की शुरुआत में अलग-अलग कोचिग संस्थानों में पढ़ाई की है, क्योंकि मेरे पास मार्गदर्शन की कमी थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
रश्मिलताः तैयारी प्रारंभ करने से पहले किसी से मार्गदर्शन अवश्य लें, जोकि इस परीक्षा की सफलता के लिये बहुत जरूरी है। अगर सम्भव हो सके तो चयनित लोगों को भी सुनें या उनसे मिलें क्योंकि वे अपनी कमियों से अवगत कराते हुए आपका मार्गदर्शन भी करेंगे।
- कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि व ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थी भी इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं, क्योंकि मैं खुद ग्रामीण पृष्ठभूमि से ही हूं।
- इसके लिये मार्गदर्शन के साथ-साथ निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
- सर्वप्रथम इस परीक्षा से सम्बन्धित जानकारी, पाठ्यक्रम, पैटर्न को अच्छे से समझें। पाठ्यक्रम (प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा) की एक-एक लाइन याद करें।
- विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अध्ययन (प्राथमिक/ मुख्य परीक्षा) अवश्य करें।
- इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत करने के लिये सामान्य अध्ययन के सभी विषयों की NCERT की बुक्स (6-12) काफी लाभदायक सिद्ध होती है।
- इसके बाद सभी स्टैंण्ड़र्ड बुक्स पढ़ें।
- अगर सम्भव हो सके तो प्री व मेंस दोनों की टेस्ट सीरीज अवश्य करें। क्योंकि परीक्षा से पूर्व अपनी परीक्षा की तैयारी का मूल्यांकन आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
रश्मिलताः पत्र-पत्रिकाएं सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्र में आने वाले समसामयिक विषयों तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध साइंस-टेक आदि की तैयारी में बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
मैंने प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिये सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (मासिक), समसामयिक घटनाचक्र, विजन के मेंस 365 को पढ़ा, जो मेरे लिये काफी लाभकारी सिद्ध हुआ।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखती हैं?
रश्मिलताः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल की मैं नियमित रूप से पाठक रही हूं, प्रारम्भिक, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार में समसामयिक विषयों की तैयारी में इसका काफी योगदान रहा।
सुझाव- यह पत्रिका भविष्य में भी सिर्फ सिविल सर्विसेज की तैयारी से सम्बन्धित सामग्री प्रस्तुत करने पर केन्द्रित रहे, ताकि भविष्य में भी सिविल सर्विसेज के प्रतिभागी परीक्षार्थी इससे लाभान्वित होते रहें।
धन्यवाद!
जीवन परिचय
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2021 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
अभिषेक प्रियदर्शीः धन्यवाद! मेरी सफलता में मेरे पिता, जी-एस- वर्ल्ड संस्थान के शिक्षकों तथा अध्ययन सामग्री का विशेष रूप से योगदान रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
अभिषेक प्रियदर्शीः मैंने परीक्षा की तैयारी बी-टेक के अंतिम वर्ष से चालू कर दी थी। तैयारी के दौरान मैंने रिविजन और शॉर्ट नोट्स बनाने पर विशेष रूप से बल दिया। तैयारी का आदर्श समय ग्रेजुएशन का अंतिम वर्ष है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
अभिषेक प्रियदर्शीः शुरूआती शिक्षा मेरी हिदी माध्यम से हुई थी_ हालांकि परीक्षा मैंने अंग्रेजी माध्यम से दी क्योंकि अंग्रेजी में मैटेरियल काफी आसानी से उपलब्ध है। परंतु कुछ संस्थान, जैसे कि जी-एस- वर्ल्ड अब हिदी मीडियम के लिये भी सर्वश्रेष्ठ सामग्री लेकर आ रहा है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
अभिषेक प्रियदर्शीः मेरा वैकल्पिक विषय भूगोल था तथा चयन अभिरुचि के आधार पर ही किया था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपके समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
अभिषेक प्रियदर्शीः मैं कम से कम 15 महीनों का समय उपयुक्त मानता हूं। मैंने तैयारी समन्वित तरीके से की थी, जी.एस. वर्ल्ड संस्थान की मुख्य परीक्षा की टेस्ट सीरीज जॉइन की थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
अभिषेक प्रियदर्शीः मैंने पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष में पूछे गये प्रश्नों पर ही विशेष जोर दिया तथा शॉर्ट नोट्स बनाकर उनका रिवीजन किया। सभी प्रश्नों को एक तय समय में तथा एक जैसी लगन से हल किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
अभिषेक प्रियदर्शीः प्रीलिम्स के लिये तो नोट्स ज्यादा आवश्यक नहीं है। आप किताब में हाईलाइट कर लें परंतु मेन्स के नोट्स आप जहां से भी उस टॉपिक को देख रहे है, अपना बना ले और उसका बार-बार रिवीजन करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
अभिषेक प्रियदर्शीः इसमें जो भी महत्वपूर्ण मुख्य शब्द पाठ्यक्रम में दिये गये हैं, उनकी एक अच्छी परिभाषा, कम से कम 5 उदाहरण तथा कुछ महत्वपूर्ण कथन अपने पास रखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
अभिषेक प्रियदर्शीः निबंध की कोई विशेष तैयारी नहीं की सामान्य अध्ययन की विषयवस्तु का ही प्रयोग किया। हां, एक-दो टेस्ट जरूर लिखकर चेक करा लें और टॉपर्स कैसे लिखते हैं, थोड़ा प्रारूप अवश्य देख लें। कुछ बार-बार पूछे जाने वाले विषय पर महान लोगों के कथन जरूर याद रखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
अभिषेक प्रियदर्शीः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली में आपको इंट्रो, बॉडी तथा निष्कर्ष के प्रारूप को फॉलो करना पड़ेगा तथा प्रश्न की मांग को ध्यान में रखकर उसको छोटे-छोटे हेडिंग्स बनाकर उत्तर देना पड़ेगा। साथ में महत्वपूर्ण शब्दों को हाइलाइट करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
अभिषेक प्रियदर्शीः साक्षात्कार के लिये मैंने जी-एस- वर्ल्ड तथा अन्य संस्थानों में मॉक दिया और अपनी भेजी गयी वीडियो को देखकर तथा दिये गये फीडबैक पर सुधार किया। मेरा बोर्ड काफी सहयोगी था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अभिषेक प्रियदर्शीः मैं बोलूंगा कि आप किसी संस्थान से मार्गदर्शन जरूर ले लें, जिससे आपकी खूबी तथा कमजोरी का जल्दी पता चल जाएगा। आपके समय की बचत होगी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
अभिषेक प्रियदर्शीः जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे अपनी इस स्थिति को अपनी ताकत बनाये और प्रेरित होकर पढ़ाई करें कि उन्हें अपनी इस स्थिति को एक दिन जरूर बदलना है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
अभिषेक प्रियदर्शीः अगर आप UPSC की तैयारी कर रहे हैं तो राज्य सिविल सेवा को एक बैकअप के रूप में रख सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओंका अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
अभिषेक प्रियदर्शीः शुरुआती चरण में तथा बाद में साक्षात्कार के लिए समसामयिक मुद्दों पर जानकारी एकत्रित करने तथा अपनी राय बनाने के लिए क्रॉनिकल की CSC हिंदी मैंगजीन को मैंने पढ़ा था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
अभिषेक प्रियदर्शीः क्रॉनिकल पत्रिका समसामयिक मुद्दों के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किसी मुद्दों को संपूर्ण रूप से, इसके सभी प्रश्नों को विश्लेषणात्मक रूप से प्रस्तुत करती है, जो कि एक सिविल सेवा परीक्षार्थी के लिये बहुत ही उपयोगी है।
अनुशंसित पुस्तक सूची
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई।
बिंदुनन्दन सिंहः धन्यवाद।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
बिंदुनन्दन सिंहः मैं अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं अपने गुरुजनों के साथ बड़े भाई और मार्गदर्शक उपेन्द्र प्रताप सिंह (सहायक कमान्डेंट सीआरपीएफ) एवं अनूप कुमार सिंह (आईपीएस) को देना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी इस यात्र में सदैव मेरे उत्साह को बनाए रखा। कोई भी सफलता मित्रें के सहयोग के बिना मुश्किल है अतः इस प्रयत्न यात्र में अपने मित्रें प्रभात, आशुतोष, अभिषेक, अनुज, शुभम के सहयोग का ऋणी हूं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गौरवमयी नागरिक सेवा संबंधी वातावरण एवं डॉ- ताराचन्द्र छात्रवास के चयनित अग्रजों ने उस भाव-बोधना का सृजन किया जिसने इस यात्र को आसान बनाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
बिंदुनन्दन सिंहः मैंने परीक्षा की तैयारी स्नातक में प्रवेश के साथ ही आरम्भ कर दी थी। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम ने सिविल सेवा के पाठ्यक्रम से नैरंतर्य स्थापित करने में सहयोग किया। स्नातक के दौरान ही मैंने विषय की मूलभूत समझ के लिए एनसीईआरटी का अध्ययन किया और समझ विकसित होने के उपरान्त प्रामाणिक किताबों का अध्ययन प्रारम्भ किया।
स्नातक के प्रारंभ में ही सिविल सेवा के पाठ्यक्रम के प्रति समझ विकसित करते हुए तैयारी प्रारम्भ करनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः आरंभिक शिक्षा एवं स्नातक हिन्दी परिपाटी से करने के कारण भाषा की सहजता की दृष्टि से हिन्दी ही मेरे लिए सर्वोत्तम विकल्प था अतः मैंने हिन्दी को ही चुना। मेरी सलाह है कि आप जिस भाषा में सहज हों उसी भाषा को चुने।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
बिंदुनन्दन सिंहः मेरा वैकल्पिक विषय हिन्दी साहित्य था। यह विषय छोटा होने के साथ अंकदायी भी है और साथ ही मेरे रुचि के अनुरूप भी है।
वैकल्पिक विषय के चयन में मैंने कथित लोकप्रियता को कभी आधार नहीं बनाया बल्कि अपने अभिरुचि को आधार बनाया जिससे मैं अपने वैकल्पिक विषय को बिना किसी तनाव के पढ़ सकूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
बिंदुनन्दन सिंहः सिविल सेवा की तैयारी एक लम्बी प्रक्रिया है जिसमें 2 से 3 वर्ष का समय लग सकता है। तैयारी की प्रारंभिक अवस्था में प्रिलिम्स और मेंस को साथ में लेकर चलना चाहिए आगे प्रिलिम्स के समय 3-4 महीने का अलग से समय देना चाहिए और मेंस के समय अपने बनाए गए नोट्स को ध्यान में रखकर रिवीजन करना चाहिए और साक्षात्कार के समय ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से समसामयिक विषयों पर पकड़ बनाने का प्रयास करना चाहिए।
इस परीक्षा की पूरी प्रक्रिया के दौरान अपने आप को सकारात्मक बनाए रखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसके साथ-साथ वैकल्पिक विषय का भी महत्व है।
मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पर पूरी तरह पकड़ बनाने के लिए मैंने अपने क्लास नोट्स के बार-बार रिवीजन पर जोर दिया साथ ही कुछ प्रामाणिक पुस्तकों से जरूरी तथ्यों, अवधारणाओं को नोट्स में सम्मिलित कर पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास किया।
इसके साथ ही टेस्ट सीरीज के माध्यम से अपने उत्तर में गुणवत्ता लाने का प्रयास किया_ साथ ही टेस्ट सीरीज के जो प्रश्न मुझे नहीं आते थे उनको कॉपी में नोट कर उनके अभ्यास पर जोर दिया, जिसका मुझे मुख्य परीक्षा में काफी सहयोग मिला। परीक्षा भवन में मैंने सबसे पहले उन प्रश्नों को हल किया जो अच्छी तरह से आते थे उसके बाद उन प्रश्नों को जो आधे-अधूरे आते थे। अन्त में उन प्रश्नों को हल किया जो एकदम से नहीं आते थे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः कोचिंग के क्लास नोट्स के अलावा मैंने अपना एक अलग नोट्स बनाया था जो कि क्लास नोट्स का संक्षिप्त रूप था। इन नोट्स में विभिन्न टेस्ट सीरीज के कठिन प्रश्नों को शामिल कर विषय पर पकड़ बनाई जा सकती है, जो औरों के नोट्स से आपको बढ़त बनाए रखने में सहायता करेगी है।
सि-स- क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के लिए मैंने डॉ- विकास दिव्यकीर्ति सर के नोट्स का अनुकरण किया था, जो काफी मददगार साबित हुआ।
विकास सर के नोट्स का अध्ययन कर अन्य छात्र अपने नीतिशास्त्र विषय पर पकड़ बना सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः निबंध के लिए मैंने समसामयिक मुद्दों पर पकड़ बनाई जिसमें सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल, Only IAS यू-ट्यूब चैनल का महत्वपूर्ण योगदान रहा साथ ही पर्यावरण, महिला, राजनीति जैसे विषयों के लिए अलग से Quotes (दोहे या कथन) का नोट्स बनाया जो परीक्षा में काफी मददगार रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
बिंदुनन्दन सिंहः लेखन शैली के अन्तर्गत पहले, प्रश्न से संबंधित प्रस्तावना लिखना चाहिए, फिर मुख्य बिन्दु और अंत में निष्कर्ष के साथ खत्म करना चाहिए।
फ्रलो चार्ट, डायग्राम, रिपोर्ट, आंकड़े ये उत्तर को काफी प्रभावशाली बनाते हैं, साथ ही उत्तर को निबंधात्मक शैली में ना लिखकर प्वाइंट में लिखना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
बिंदुनन्दन सिंहः मेरे साक्षात्कार की तैयारी में श्रेष्ठ एकेडमी का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जहां शिवम सर के मार्गदर्शन में हमने समसामयिक विषयों पर ग्रुप डिस्कशन के द्वारा अपनी पर्सनालिटी में सुधार किया और आत्म विश्वास से परिपूर्ण हुए।
साक्षात्कार में किसान बिल, आत्मनिर्भर भारत, वैक्सीन पर प्रश्न पूछे गये वहीं म्-चालान में किस कैमरे का प्रयोग होता है एवं आप विज्ञान को साहित्य की भाषा में कैसे पढ़ाएंगे, के प्रश्न पर मैं काफी नर्वस हो गया था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? ऐसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
बिंदुनन्दन सिंहः मैंने दृष्टि संस्थान से कोचिंग ली थी और कोचिंग के द्वारा मुझे ‘‘क्या पढ़ना है, क्या छोड़ना है, कैसे लिखना है’’ की सीख के साथ अवधारणाओं को समझने में काफी सहयोग मिला। कोचिंग लेने वाले छात्र को पहले अपने लिखित क्लास नोट्स पर कमांड करना चाहिए। तत्पश्चात प्रिंट मैटेरियल पर ऐसा अनुकरण कर छात्र विषय पर कमांड बना सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
बिंदुनन्दन सिंहः जो छात्र सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें अपने स्नातक के पाठ्यक्रम को सही से पढ़ना चाहिए जो आगे सिविल सेवा में सहायक हो सकेगा। साथ ही एनसीईआरटी की बुक्स, वीडियो के माध्यम से समझ विकसित कर तैयरी करनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
बिंदुनन्दन सिंहः पत्रिकाओं के तौर पर मैंने क्रॉनिकल और विजन का अनुकरण किया जो परीक्षा के तीनों चरण में मददगार रहें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें िकसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः क्रॉनिकल मैगजीन प्रिलिम्स एक्जाम के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है जो अन्य छात्रें की तुलना में आपको बढ़त बनाने में मददगार होगी।
अनुशंसित पुस्तक सूची प्रारंभिक परीक्षा
मुख्य परीक्षा
वैकल्पिक विषय - हिन्दी साहित्य
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः शानदार सफलता के लिए बधाई।
डॉ- ललित कुमार मिश्रः धन्यवाद।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःक्या आप चयन के प्रति आश्वस्त थे?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः हां, किंतु 6वीं रैंक के प्रति आश्वस्त नहीं था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः कितने घण्टे का अध्ययन पर्याप्त होता है?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः सिविल सेवा की तैयारी को घण्टों में बांधना उचित नहीं है। यह ध्यान रखना चाहिए आज कितना चैप्टर पढ़ा। लोग अपनी सुविधानुसार समय का विभाजन कर सकते है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या सिविल सेवाओं की तैयारी में पृष्ठभूमि का कोई असर होता है?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः पृष्ठभूमि का कोई असर नहीं होता। लेकिन अच्छे संस्थानों में पढ़ने का अपेक्षाकृत लाभ होता है। लेकिन कोचिंग संस्थान में सतत अध्ययन से इस कमी को पूरा किया जा सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः इस परीक्षा के चयन में महत्वपूर्ण कारक आपके हिसाब से कौन है?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः मैं सकारात्मक संगति को महत्वपूर्ण मानता हूँ। ‘ग्रुप स्टडी’ का कोई विकल्प नहीं है। लेखन क्षमता अति महत्वपूर्ण पक्ष है। अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से लेखन क्षमता में रचनात्मक सुधार किया जा सकता है। मॉक टेस्ट सीरीज प्री व मेन्स दोनों के लिए अति महत्वपूर्ण है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सेवा परीक्षा में निबन्ध की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी तैयारी के लिए आप की क्या रणनीति थी?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः कुछ महत्वपूर्ण निबंधों को मैंने लिख लिया था। मेरी यह सलाह है सभी प्रतियोगियों को उद्धरण की एक कॉपी बनानी चाहिए।
निबंध लेखन में लोक, कविताएं, अंग्रेजी साहित्य के उद्धरण का बखूबी प्रयोग करना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः कभी-कभी तैयारी में लम्बा समय लग जाता है तो अध्ययन में निरन्तरता कैसे बनाई जा सकती है?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः मैं सदैव से यह विश्वास करता हूं कि सार्थक जीवन जीना लक्ष्य है, प्रतियोगी परीक्षा पास करना द्वितीयक उद्देश्य। अपनी रुचि का कार्य करते रहना चाहिए। सकारात्मक लोगों केसम्पर्क में रहना चाहिए। कल उच्च पद पर चयन हो जाएगा तब यह कार्य करूंगा, ऐसा नहीं होना चाहिए। खुद पर सदैव आत्मविश्वास रखना चाहिए। उचित मेहनत एवं सार्थक रणनीति से सफलता एक दिन अवश्य मिलती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः वैकल्पिक विषय में अपनी रणनीति बताइये?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः मेरा वैकल्पिक विषय संस्कृत साहित्य था। संस्कृत में आधुनिक संस्कृत साहित्य के तथ्यों को अवश्य शामिल करना चाहिए तथा कई प्रश्नों के उत्तर में अन्य साहित्य जैसे अंग्रेजी साहित्य, हिन्दी साहित्य के साथ तुलनात्मक लिखना अंकदायी होता है। अंग्रेजी के उद्धरणों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
यूपीपीसीएस 2020 से उत्तर पुस्तिका में पृष्ठ भी कम कर दिये गये है, अतः उत्तरों को संक्षिप्त व बिन्दुवार रूप में लिखना आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः साक्षात्कार की रणनीति पर प्रकाश डालिए?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः साक्षात्कार सतत एवं क्रमिक प्रक्रिया है जिसके लिए प्रारम्भ से ध्यान देना चाहिए। चतुर्थ प्रश्न-पत्र के भावनात्मक प्रज्ञता, अभिवृत्ति तथा सिविल सेवा गुणों, सत्यनिष्ठा इत्यादि को अच्छे से तैयार करना चाहिए।
देवप्रयागम एकेडमी के बुकलेट को पढ़ना चाहिए जो साक्षात्कार संबंधित सामान्य प्रश्नों का संग्रह होता है। इस बार मुख्य परीक्षा के रिजल्ट व साक्षात्कार में समय कम था, इसलिए सभी ने थोड़ी दिक्कत महसूस की। वैकल्पिक विषय तथा स्नातक स्तर के विषय को भी साक्षात्कार पूर्व देख लेना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः साक्षात्कार में पूछे गये प्रश्न?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः असिस्टेण्ट प्रो- जैसे उच्च जॉब में होने पर भी SDM क्यों बनना चाहते हैं?
- म्यांमार समस्या
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति
- असिस्टेण्ट प्रो- व SDM किसके पास लोग ज्यादा जाएंगे?
- महिला व पर्यावरण सम्बन्धी योजनाएं आदि।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः चयन के लिए कितना समय पर्याप्त है तथा किस स्तर पर तैयारी शुरू कर देना चाहिए।
डॉ- ललित कुमार मिश्रः 1 से ½ वर्ष पर्याप्त है। मेरे हिसाब से ग्रेजुएशन के समय केवल ग्रेजुएशन पर ध्यान देना चाहिए। इससे व्यक्तित्व का निर्माण सहज होता है। किन्तु स्नातक के बाद तैयारी में लग जाना चाहिए। मैंने तो काफी देर से तैयारी शुरू की। परास्नातक के बाद तैयारी प्रारम्भ की।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जॉब में रहते हुए अध्ययन के लिए कैसे समय निकाला जाता है?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः जॉब करते समय अध्ययन करना अपेक्षित रूप से कठिन होता है, किन्तु चूंकि इसमें आत्मविश्वास एवं ऊर्जा बनी रहती है अतः कम समय में ही अधिक अध्ययन सम्भव होता है। इसमें अनुशासन व त्याग की ज्यादा जरूरत पड़ती है।
प्रतिदिन का टारगेट बनाकर इसमें अध्ययन करना चाहिए। जिस दिन ज्यादा समय मिले ज्यादा अध्ययन करना चाहिए।
मैं महाविद्यालय के प्राचार्य तथा अन्य प्राध्यापकों के सकारात्मक सहयोग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता हूं, जिन्होंने सदैव सकारात्मक प्रेरणा दी। तैयारी के समय की परेशानियों को सहज भाव से लेना चाहिए।
"Our sweetest songs are those that
tell of Saddest thought"
"If Winter Comes, Can be spring for behind"
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः एथिक्स के अध्ययन की रणनीति सुझाइये।
डॉ- ललित कुमार मिश्रः लेक्सिकॉन (Lexicon) को मैं रामबाण मानता हूं तथा इसके अन्तिम पृष्ठों में लिखे गये उद्धरण का प्रयोग करके उत्तर को आकर्षक बनाया जा सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या प्रतियोगी छात्रें को तैयारी के समय वैकल्पिक रोजगार पर ध्यान देना चाहिए?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः प्रारम्भिक एक-दो वर्ष में चयन न होने पर व्यक्ति को वैकल्पिक रोजगार के विषय में ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ऊर्जास्वित होकर व्यक्ति अपने लक्ष्य पर एकाग्र होता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आगामी परीक्षाओं के लिए सन्देश।
डॉ- ललित कुमार मिश्रः समाज, परिवार व मित्रें के प्रति दायित्वों का निर्वाह करते हुए अटूट आत्मविश्वास रखना चाहिए। एक दो असफलताओं से न घबराते हुए सदैव अध्ययनरत होना चाहिए। मॉक टेस्ट सीरीज करते रहना चाहिए तथा अपनी कमियों में सुधार करते रहना चाहिए। सफलता निश्चित मिलती है, इसका सदैव ध्यान रखना चाहिए।
'प्रसादे सर्वदुः खाना हानिरस्योपजायतेय् (गीता)
सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। टापर्स भी समाज के अंदर से होते हैं। हर व्यक्ति में टॉप करने की क्षमता होती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्रॉनिकल पत्रिका का योगदान स्पष्ट करिये?
डॉ- ललित कुमार मिश्रः क्रॉनिकल पत्रिका का परीक्षा के तीनों चरणों में महत्वपूर्ण स्थान है। क्रॉनिकल पत्रिका के लेख मुख्य परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद
मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
संत रंजन श्रीवास्तवः बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरी सफलता में परिवार, मित्र, माता-पिता, बहनें, बड़े मम्मी-पापा, मामा आनंद श्रीवास्तव तथा मौसा अनीश श्रीवास्तव का अति योगदान रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
संत रंजन श्रीवास्तवः वैसे तो इस परीक्षा की तैयारी स्नातक अंतिम वर्ष के दौरान शुरू करनी चाहिए, किंतु इस परीक्षा की तैयारी कभी भी शुरू कर सकते हैं। मैंने सबसे पहले पाठ्यक्रम को 3-4 बार पढ़ा तथा नोट्स बनाना शुरू किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
संत रंजन श्रीवास्तवः मेरा माध्यम हिन्दी था। समस्या माध्यम की नहीं ‘कंटेंट’की है। जो सामग्री हिन्दी भाषा में उपलब्ध नहीं है, उसे अंग्रेजी में पढ़कर उसका हिन्दी में नोट्स बना लें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
संत रंजन श्रीवास्तवः मेरा वैकल्पिक विषय इतिहास था। मेरे वैकल्पिक विषय चयन का आधार-
- इतिहास में रुचि
- इतिहास का अंकदायी होना
- इतिहास की सामान्य अध्ययन में उपयोगिता
- इतिहास में अध्ययन सामग्री व गाइडेंस की उपलब्धता।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
संत रंजन श्रीवास्तवः तीनों चरणों की तैयारी के लिए 1-2 वर्ष पर्याप्त है। मैंने तीनों चरणों की संयुक्त तैयारी शुरू की, किंतु जब जो परीक्षा नजदीक होती थी, तो एक माह केवल उसी पर फोकस करता था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
संत रंजन श्रीवास्तवः मुख्य परीक्षा के लिए निम्न बातों का ध्यान रखा-
- 40 शब्द प्रति मिनट की गति।
- प्वांइट वाइज फॉरमेट में उत्तर लेखन।
- प्रतिदिन उत्तर लेखन अभ्यास।
- उत्तर में बेहतर कोटेशन, फिगर, डायग्राम का इस्तेमाल
- भूमिका, निष्कर्ष पर विशेष ध्यान।
- प्रतिदिन नोट्स बनाना।
- विषय की गहरी समझ।
- हिन्दी, निबंध, सामान्य अध्ययन पेपर I तथा II तथा वैकल्पिक विषय पर विशेष ध्यान।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
संत रंजन श्रीवास्तवः इस परीक्षा में नोट्स बनाना अति आवश्यक है, इससे आपको परीक्षा हाल में 6 घंटे लिखने में हाथ दर्द नहीं करेगा तथा वही चीज याद रहती है, जिनका हम नोट्स बनाते हैं। नोट्स में विविधता रखें, कई विचारों को जगह दें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
संत रंजन श्रीवास्तवः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के लिए मैंने नोट्स बनाए, जिसमें सभी परिभाषाओं को लिखा। बेहतर कोटेशन का इस्तेमाल किया। कुछ महत्वपूर्ण दार्शनिकों के विचारों को समझा। केस स्टडी के लिए मैंने विजन केस स्टडी को फॉलो किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
संत रंजन श्रीवास्तवः निबंध के लिए मैंने कोटेशन, तर्क, कहानी, तथ्य घटना आदि को नोट करते हुए 40-50 पेज के नोट्स बनाए, जिसे बार-बार रिवाइज किया। परीक्षा से पूर्व कुछ निबंध लिखकर देखे तथा विषय चयन करते हुए सामान्यतः अमूर्त विषय पर निबंध लिखने की कोशिश की।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
संत रंजन श्रीवास्तवः उत्कृष्ट उत्तर लेखन के लिए नियमित अभ्यास करें, प्वाइंट वाइज फॉरमेट में लिखे, बेहतर कोटेशन, डायग्राम, तर्क, घटना का उल्लेख करें। कोटेशन व निष्कर्ष बहुत अच्छा लिखने का प्रयास करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
संत रंजन श्रीवास्तवः साक्षात्कार के दौरान नर्वस होना स्वभाविक है, किंतु धैर्य बनाए रखें, कॉन्फिडेंट रहें। मेरा साक्षात्कार प्रो. डॉ. राम जी मौर्या सर के बोर्ड में था। मुझसे निम्न सवाल पूछे गए-
- आप सिविल सेवा में क्यों आना चाहते हैं?
- आपके अंदर क्या गुण हैं?
- सिविल सेवक में क्या गुण होने चाहिए।
- गांव में तकनीक का इस्तेमाल कैसे करेंगे?
- इन्टेग्रिटी क्या है?
- पॉवर तथा अथॉरिटी में अंतर।
- उ.प्र. में कितनी जातियां अनुसूचित हैं?
- उ.प्र. में कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?
- अवधी क्षेत्र के दो कवि का नाम
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? ऐसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
संत रंजन श्रीवास्तवः मैंने कोचिंग नहीं की। किंतु जो अभ्यर्थी अभी बहुत शुरुआती स्टेज में हैं, यदि वो अफॉर्ड कर सकते हैं, तो वो कोचिंग कर लें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
संत रंजन श्रीवास्तवः सबसे पहले छात्रों को पाठ्यक्रम को 3-4 बार पढ़ना चाहिए। फिर पूर्व प्रश्नों को देखते हुए, नोट्स बनाना चाहिए। अच्छे वेबसाइट व यू-ट्यूब चैनल का भी सहारा लिया जा सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
संत रंजन श्रीवास्तवः चूंकि मैं असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था, तो मुझे वैकल्पिक रोजगार की समस्या नहीं थी। किंतु छात्रों को 2-3 प्रयास के बाद वैकल्पिक रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
संत रंजन श्रीवास्तवः मैं सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल का नियमित पाठक रहा, यह सिविल सेवा को लक्षित करते हुए लिखी जाने वाली अत्यंत उपयोगी पत्रिका है। छात्रों को इस पत्रिका को अवश्य पढ़ना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
संत रंजन श्रीवास्तवः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल मेरी तैयारी में प्रारंभिक परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई। इसके लेख खंड अत्यंत उपयोगी हैं। कई बार यहीं से सीधे सवाल आ जाते हैं।
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मुख्य परीक्षा
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