- होम
- साक्षात्कार
- रश्मिलता
Topper यूपीपीसीएस 2021: रैंक-52, डिप्टी कलेक्टर
जीवन परिचय
|
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यू.पी.पी.सी.एस. में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई- आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
रश्मिलताः जी बहुत धन्यवाद! ईश्वर की असीम कृपा तथा परिवार का सहयोग, माता-पिता, भाईयों (श्री तेजेन्द्र सिह, श्री धमेन्द्र सिह, श्री सुरेन्द्र सिह) व तीनों भाभियों का आर्थिक मानसिक सहयोग मेरी सफलता में महत्वपूर्ण थी।
- शिक्षकों/ मेंटोर के रूप में श्री रोहित सर (Test World), श्री अनिल कुमार (इंफोशिक्षा) सर की आभारी हूं।
- मित्रों का विशेष सहयोग- मो. सुलेमान (असि- प्रोफेसर) अजीत सिह, अमित कुमार, एस- के- आर्या, डी- के- गुप्ता, गोविद शर्मा की मैं हृदय से आभारी हूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
रश्मिलताः ग्रेजुएशन करने के बाद जब मैं मेरे पिताजी के मित्र श्री प्रदीप चौधरी व श्री मानसिह से मिली तब उन्होंने मुझे इस तैयारी के लिये प्रेरित किया। इस प्रकार मैंने अपनी तैयारी शुरू की।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानती हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
रश्मिलताः मेरा इस परीक्षा में माध्यम हिदी था, क्योंकि मैं इसमें ही सहज थी और मेरी पृष्ठभूमि भी हिदी भाषी थी। लाभ या नुकसान का तो नहीं कह सकती, लेकिन मैं अपने माध्यम में ही सहज थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
रश्मिलताः मेरा वैकल्पिक विषय हिदी साहित्य था। इसके चयन में हिदी साहित्य का रफ़चिकर होना व छोटा सिलेबस भी इसकी खासियत रही।
- वैसे विषय का चुनाव व्यक्तिगत और रफ़चिकर होना चाहिये, लेकिन सेलेक्शन में अकादमिक विषयों के ट्रेंड को भी समझना आवश्यक है। विषय में रफ़चि होना सबसे आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानती हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
रश्मिलताः इस परीक्षा की तैयारी की मांग, इसके सिलेबस के व्यापक होने के कारण एक से डेढ़ वर्ष में तो सिलेबस ही पूर्ण हो पाता है और फिर ठीक से समझने और परीक्षा की तैयारी तक 2 वर्ष तक का समय तो लग ही जाता है, अधिकतम तो 10 वर्ष भी लग सकता है जैसे कि मुझे एक लम्बा समय लगा।
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु रणनीति- तथ्यात्मक जानकारी व बेसिक समझ व अधिकतम रिवीजन।
मुख्य परीक्षा हेतु रणनीति- वैकल्पिक विषय पर पकड़-मजबूत व लेखन शैली पर विशेष ध्यान देना। (मुख्य परीक्षा के लिये टेस्ट सीरीज महत्वपूर्ण है)।
- सामान्य अध्ययन के चारों पेपर पर विस्तृत समझा राइटिग प्रैक्टिस (फ्रलोचार्ट, डायग्राम व मैप आदि के साथ)।
- उत्तर प्रदेश स्पेशल की भूमिका (सामान्य अध्ययन के तीनों पेपर में लगभग 8-9 प्रश्न)। अतः उत्तर-प्रदेश स्पेशल अवश्य तैयार करें।
साक्षात्कार- यह व्यक्तित्व परीक्षण के रूप में होता है, अतः इसे कुछ दिनों के भीतर तैयार नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसमें लम्बा समय लगता है, अतः परीक्षा की तैयारी की शुरूआत से एक प्रशासनिक अधिकारी जैसी सोच विकसित करनी आवश्यक है। समस्या समाधान वाला व्यक्तित्व बनाएं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः मुख्य परीक्षा की रणनीति-
- सर्वप्रथम सामान्य अध्ययन के चारों पेपरों में आने वाले 20 प्रश्नों को हल करने की पूरी कोशिश करें।
- टेस्ट सीरज के माध्यम से अपना मूल्यांकन करना आवश्यक है।
- सामान्य अध्ययन के चारों पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिय हेडिग, डायग्राम, फ्रलोचार्ट व मैपिग का प्रयोग।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः हां, मैंने स्वयं के नोट्स बनाए, मैंने रिवीजन के लिये शॉर्ट नोट्स बनाएं, जो पेपर टाइम में बहुत लाभकारी होते हैं (प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा दोनों के लिए)।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकती हैं?
रश्मिलताः मैने सामान्य अध्ययन के चौथे पेपर के लिये पतंजलि व दृष्टि पब्लिकेशन के नोट्स पढ़े और जहां भाषा की क्लिष्टता दिखायी दी उसे अपने अनुसार सरल कर लिया और वर्तमान समय के उदाहरण व हिदी साहित्य (वैकल्पिक विषय) के उदाहरणों को भी जोड़ा।
सुझाव- नीतिशास्त्र सामान्य अध्ययन के तीनों अन्य पेपर की तुलना में अधिक अंकदायी है, क्योंकि इस एक विषय को पढ़कर इसमें अधिक से अधिक अंक प्राप्त किये जा सकते हैं।
- इसमें वर्तमान समय के उदाहरणों का प्रयोग, फ्रलोचार्ट इत्यादि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
रश्मिलताः निबंध का सिलेबस पूरी तरह से डिफाइन है-
1. खण्ड-अ 2. खण्ड-ब 3. खण्ड-स
- उपर्युक्त तीनों खण्डों में साहित्य, समसामयिक घटाक्रम व राजनीतिक घटनाक्रम पर निबंध आते हैं।
- प्रथम खण्ड के लिये मैंने अपने वैकल्पिक विषय (हिदी साहित्य) के माध्यम से तैयारी कर ली थी, क्योंकि इस खण्ड में साहित्य के साथ अन्य विषयों (संस्कृति, समाज, मूल्य इत्यादि) को जोड़कर पूछा जाता है।
- दूसरे और तीसरे खण्ड में समसामयिक और राजनीतिक घटनाक्रम (जलवायु परिवर्तन, कृषि कानून, आजादी का अमृत महोत्सव इत्यादि) की तैयारी भी की थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
रश्मिलताः वर्तमान पाठ्यक्रम के अनुसार (सामान्य अध्ययन के 4 पेपर)।
- 20 प्रश्नों में से 10 प्रश्न 125 शब्द व 10 प्रश्न 200 शब्दों में लिखने होते हैं।
- 125 शब्दों वाले प्रश्नों को बिदुवार (प्वाइंट्स) लिखें व फ्रलोचार्ट, डायग्राम इत्यादि बनाएं।
- 200 शब्दों वाले प्रश्नों को पैराग्राफ व बिदुवार दोनों रूप में लिख सकते हैं।
- मैप अवश्य बनाएं। (उत्तर प्रदेश, भारत, विश्व)।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी?
रश्मिलताः हां मैंने तैयारी की शुरुआत में अलग-अलग कोचिग संस्थानों में पढ़ाई की है, क्योंकि मेरे पास मार्गदर्शन की कमी थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
रश्मिलताः तैयारी प्रारंभ करने से पहले किसी से मार्गदर्शन अवश्य लें, जोकि इस परीक्षा की सफलता के लिये बहुत जरूरी है। अगर सम्भव हो सके तो चयनित लोगों को भी सुनें या उनसे मिलें क्योंकि वे अपनी कमियों से अवगत कराते हुए आपका मार्गदर्शन भी करेंगे।
- कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि व ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थी भी इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं, क्योंकि मैं खुद ग्रामीण पृष्ठभूमि से ही हूं।
- इसके लिये मार्गदर्शन के साथ-साथ निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
- सर्वप्रथम इस परीक्षा से सम्बन्धित जानकारी, पाठ्यक्रम, पैटर्न को अच्छे से समझें। पाठ्यक्रम (प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा) की एक-एक लाइन याद करें।
- विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अध्ययन (प्राथमिक/ मुख्य परीक्षा) अवश्य करें।
- इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत करने के लिये सामान्य अध्ययन के सभी विषयों की NCERT की बुक्स (6-12) काफी लाभदायक सिद्ध होती है।
- इसके बाद सभी स्टैंण्ड़र्ड बुक्स पढ़ें।
- अगर सम्भव हो सके तो प्री व मेंस दोनों की टेस्ट सीरीज अवश्य करें। क्योंकि परीक्षा से पूर्व अपनी परीक्षा की तैयारी का मूल्यांकन आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
रश्मिलताः पत्र-पत्रिकाएं सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्र में आने वाले समसामयिक विषयों तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध साइंस-टेक आदि की तैयारी में बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
मैंने प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिये सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (मासिक), समसामयिक घटनाचक्र, विजन के मेंस 365 को पढ़ा, जो मेरे लिये काफी लाभकारी सिद्ध हुआ।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखती हैं?
रश्मिलताः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल की मैं नियमित रूप से पाठक रही हूं, प्रारम्भिक, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार में समसामयिक विषयों की तैयारी में इसका काफी योगदान रहा।
सुझाव- यह पत्रिका भविष्य में भी सिर्फ सिविल सर्विसेज की तैयारी से सम्बन्धित सामग्री प्रस्तुत करने पर केन्द्रित रहे, ताकि भविष्य में भी सिविल सर्विसेज के प्रतिभागी परीक्षार्थी इससे लाभान्वित होते रहें।
धन्यवाद!