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Topper यूपीपीसीएस 2019 नायब तहसीलदार पद पर चयन
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई।
बिंदुनन्दन सिंहः धन्यवाद।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
बिंदुनन्दन सिंहः मैं अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं अपने गुरुजनों के साथ बड़े भाई और मार्गदर्शक उपेन्द्र प्रताप सिंह (सहायक कमान्डेंट सीआरपीएफ) एवं अनूप कुमार सिंह (आईपीएस) को देना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी इस यात्र में सदैव मेरे उत्साह को बनाए रखा। कोई भी सफलता मित्रें के सहयोग के बिना मुश्किल है अतः इस प्रयत्न यात्र में अपने मित्रें प्रभात, आशुतोष, अभिषेक, अनुज, शुभम के सहयोग का ऋणी हूं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गौरवमयी नागरिक सेवा संबंधी वातावरण एवं डॉ- ताराचन्द्र छात्रवास के चयनित अग्रजों ने उस भाव-बोधना का सृजन किया जिसने इस यात्र को आसान बनाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
बिंदुनन्दन सिंहः मैंने परीक्षा की तैयारी स्नातक में प्रवेश के साथ ही आरम्भ कर दी थी। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम ने सिविल सेवा के पाठ्यक्रम से नैरंतर्य स्थापित करने में सहयोग किया। स्नातक के दौरान ही मैंने विषय की मूलभूत समझ के लिए एनसीईआरटी का अध्ययन किया और समझ विकसित होने के उपरान्त प्रामाणिक किताबों का अध्ययन प्रारम्भ किया।
स्नातक के प्रारंभ में ही सिविल सेवा के पाठ्यक्रम के प्रति समझ विकसित करते हुए तैयारी प्रारम्भ करनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः आरंभिक शिक्षा एवं स्नातक हिन्दी परिपाटी से करने के कारण भाषा की सहजता की दृष्टि से हिन्दी ही मेरे लिए सर्वोत्तम विकल्प था अतः मैंने हिन्दी को ही चुना। मेरी सलाह है कि आप जिस भाषा में सहज हों उसी भाषा को चुने।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
बिंदुनन्दन सिंहः मेरा वैकल्पिक विषय हिन्दी साहित्य था। यह विषय छोटा होने के साथ अंकदायी भी है और साथ ही मेरे रुचि के अनुरूप भी है।
वैकल्पिक विषय के चयन में मैंने कथित लोकप्रियता को कभी आधार नहीं बनाया बल्कि अपने अभिरुचि को आधार बनाया जिससे मैं अपने वैकल्पिक विषय को बिना किसी तनाव के पढ़ सकूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
बिंदुनन्दन सिंहः सिविल सेवा की तैयारी एक लम्बी प्रक्रिया है जिसमें 2 से 3 वर्ष का समय लग सकता है। तैयारी की प्रारंभिक अवस्था में प्रिलिम्स और मेंस को साथ में लेकर चलना चाहिए आगे प्रिलिम्स के समय 3-4 महीने का अलग से समय देना चाहिए और मेंस के समय अपने बनाए गए नोट्स को ध्यान में रखकर रिवीजन करना चाहिए और साक्षात्कार के समय ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से समसामयिक विषयों पर पकड़ बनाने का प्रयास करना चाहिए।
इस परीक्षा की पूरी प्रक्रिया के दौरान अपने आप को सकारात्मक बनाए रखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसके साथ-साथ वैकल्पिक विषय का भी महत्व है।
मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पर पूरी तरह पकड़ बनाने के लिए मैंने अपने क्लास नोट्स के बार-बार रिवीजन पर जोर दिया साथ ही कुछ प्रामाणिक पुस्तकों से जरूरी तथ्यों, अवधारणाओं को नोट्स में सम्मिलित कर पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास किया।
इसके साथ ही टेस्ट सीरीज के माध्यम से अपने उत्तर में गुणवत्ता लाने का प्रयास किया_ साथ ही टेस्ट सीरीज के जो प्रश्न मुझे नहीं आते थे उनको कॉपी में नोट कर उनके अभ्यास पर जोर दिया, जिसका मुझे मुख्य परीक्षा में काफी सहयोग मिला। परीक्षा भवन में मैंने सबसे पहले उन प्रश्नों को हल किया जो अच्छी तरह से आते थे उसके बाद उन प्रश्नों को जो आधे-अधूरे आते थे। अन्त में उन प्रश्नों को हल किया जो एकदम से नहीं आते थे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः कोचिंग के क्लास नोट्स के अलावा मैंने अपना एक अलग नोट्स बनाया था जो कि क्लास नोट्स का संक्षिप्त रूप था। इन नोट्स में विभिन्न टेस्ट सीरीज के कठिन प्रश्नों को शामिल कर विषय पर पकड़ बनाई जा सकती है, जो औरों के नोट्स से आपको बढ़त बनाए रखने में सहायता करेगी है।
सि-स- क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के लिए मैंने डॉ- विकास दिव्यकीर्ति सर के नोट्स का अनुकरण किया था, जो काफी मददगार साबित हुआ।
विकास सर के नोट्स का अध्ययन कर अन्य छात्र अपने नीतिशास्त्र विषय पर पकड़ बना सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
बिंदुनन्दन सिंहः निबंध के लिए मैंने समसामयिक मुद्दों पर पकड़ बनाई जिसमें सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल, Only IAS यू-ट्यूब चैनल का महत्वपूर्ण योगदान रहा साथ ही पर्यावरण, महिला, राजनीति जैसे विषयों के लिए अलग से Quotes (दोहे या कथन) का नोट्स बनाया जो परीक्षा में काफी मददगार रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
बिंदुनन्दन सिंहः लेखन शैली के अन्तर्गत पहले, प्रश्न से संबंधित प्रस्तावना लिखना चाहिए, फिर मुख्य बिन्दु और अंत में निष्कर्ष के साथ खत्म करना चाहिए।
फ्रलो चार्ट, डायग्राम, रिपोर्ट, आंकड़े ये उत्तर को काफी प्रभावशाली बनाते हैं, साथ ही उत्तर को निबंधात्मक शैली में ना लिखकर प्वाइंट में लिखना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
बिंदुनन्दन सिंहः मेरे साक्षात्कार की तैयारी में श्रेष्ठ एकेडमी का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जहां शिवम सर के मार्गदर्शन में हमने समसामयिक विषयों पर ग्रुप डिस्कशन के द्वारा अपनी पर्सनालिटी में सुधार किया और आत्म विश्वास से परिपूर्ण हुए।
साक्षात्कार में किसान बिल, आत्मनिर्भर भारत, वैक्सीन पर प्रश्न पूछे गये वहीं म्-चालान में किस कैमरे का प्रयोग होता है एवं आप विज्ञान को साहित्य की भाषा में कैसे पढ़ाएंगे, के प्रश्न पर मैं काफी नर्वस हो गया था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? ऐसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
बिंदुनन्दन सिंहः मैंने दृष्टि संस्थान से कोचिंग ली थी और कोचिंग के द्वारा मुझे ‘‘क्या पढ़ना है, क्या छोड़ना है, कैसे लिखना है’’ की सीख के साथ अवधारणाओं को समझने में काफी सहयोग मिला। कोचिंग लेने वाले छात्र को पहले अपने लिखित क्लास नोट्स पर कमांड करना चाहिए। तत्पश्चात प्रिंट मैटेरियल पर ऐसा अनुकरण कर छात्र विषय पर कमांड बना सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
बिंदुनन्दन सिंहः जो छात्र सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें अपने स्नातक के पाठ्यक्रम को सही से पढ़ना चाहिए जो आगे सिविल सेवा में सहायक हो सकेगा। साथ ही एनसीईआरटी की बुक्स, वीडियो के माध्यम से समझ विकसित कर तैयरी करनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
बिंदुनन्दन सिंहः पत्रिकाओं के तौर पर मैंने क्रॉनिकल और विजन का अनुकरण किया जो परीक्षा के तीनों चरण में मददगार रहें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें िकसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
बिंदुनन्दन सिंहः क्रॉनिकल मैगजीन प्रिलिम्स एक्जाम के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है जो अन्य छात्रें की तुलना में आपको बढ़त बनाने में मददगार होगी।
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