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Topper 66वीं बीपीएससी परीक्षा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (LEO)
जीवन परिचय
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई- आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
बमबम कुमारः बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। किसी भी व्यक्ति की सफलता में परिवार का सहयोग महत्वपूर्ण होता है। मेरी सफलता में खासकर मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। जिस परिस्थिति में रहकर उन लोगों ने मुझे पढ़ाने का सपना देखा था, वो गिने चुने लोग ही कर पाते हैं। उनकी ऐसी सोच और संघर्ष की वजह से ही मैं यहां तक पहुंच पाया हूं। हालांकि जीवन में अच्छे मित्र और मार्गदर्शक (शिक्षक) का होना अनिवार्य है, और मैं इस मामले में भी भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे लोगों का साथ मिलता रहा है।
जहां तक पृष्ठभूमि की बात है तो मेरे पिता किसान हैं, मैंने उनका संघर्ष बचपन से देखा है जिसने मुझे निरंतर मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
बमबम कुमारः M.Tech करने के बाद मैंने एक संस्थान में पढ़ाना शुरू किया। परंतु मन में था कि एक बार सिविल सेवा परीक्षा देनी चाहिए। मैंने BPSC की तैयारी के लिए पटना में ही परफेक्शन आईएएस जॉइन किया और यहीं से परीक्षा की तैयारी आरंभ हुई। तैयारी आरंभ करने से पहले मैंने पाठ्यक्रम को अच्छे से देखा और उसी के अनुसार मैंने महत्वपूर्ण टॉपिक्स को चिह्नित कर पढ़ना शुरू किया।
वैसे तो परीक्षा शुरू करने का कोई मानक समय नहीं होता है। इस परीक्षा की तैयारी कोई स्नातक के पहले भी शुरू कर सकता है, कोई स्नातक के बाद भी। जहां तक मेरा सवाल है, मैंने M.Tech के 2 साल बाद तैयारी शुरू की।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
बमबम कुमारः भाषा माध्यम के बारे में, मैं यह कह सकता हूं कि आप जिस भाषा में सहज हैं वह ले सकते हैं। मैंने हिन्दी माध्यम में परीक्षा दी, क्योंकि मुझे लगता था मैं हिन्दी भाषा में अपनी बातों को सहजता से व्यक्त कर सकता हूं। आपको लगता है कि आप अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने में अधिक सहज हैं तो अंग्रेजी से ही दीजिए, दोनों भाषाएं अपनी जगह सही हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
बमबम कुमारः मेरा वैकल्पिक विषय इतिहास था। वैकल्पिक विषय के चयन में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है आपकी उस विषय में रुचि। फिर आप इतिहास को देखेंगे तो प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के GS-I में इतिहास से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं। यही मेरा आधार था। मैंने लोकप्रियता को आधार नहीं बनाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानते हैं? तीनों चरणोंकी तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
बमबम कुमारः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए जहां तक समय की बात है तो 1 वर्ष में हो सकता है, हालांकि अलग-अलग छात्रों के लिए यह अवधि घट या बढ़ भी सकती है।
परीक्षा के तीन चरण प्रारंभिक मुख्य परीक्षा एवं व्यक्तित्व परीक्षण, तीनों की अलग-अलग मांग है इसलिए रणनीति भी अलग-अलग ही होगी। प्रारंभिक के लिए मैंने तथ्यों पर ज्यादा ध्यान दिया और बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए। हालांकि तीनों में समानता यह है कि जो चीजें आप प्रारंभिकी के लिए पढ़ते हैं वो मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में भी लाभदायक होते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
बमबम कुमारः मुख्य परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन को तैयार करने के लिए मैंने मूल पूस्तकों को पढ़ा था ताकि विषय वस्तु की अवधारणात्मक समझ हो जाए मेरी रणनीति रही थी कि में विगत वर्षों के प्रश्न को अच्छे से तैयार कर मुख्य बिंदु नोट कर लेता था और उसका एक स्ट्रक्चर तैयार कर बार-बार याद करने की कोशिश करता था।
परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए मैंने सबसे पहले समय प्रबंधन करने की रणनीति बनाई थी, उसके लिए मैंने Perfection IAS का Mains Test Series दिया था। जिससे मैं 3 घंटे में सारे उत्तर लिख पाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
बमबम कुमारः हां। आप जब किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो आपको अपना नोट्स बनाना चाहिए तथा शॉर्ट नोट्स भी बनाने चाहिए। ये नोट्स आखिरी वक्त के रिवीजन में बहुत उपयोगी होते हैं।
मैंने अपने नोट्स में उन बिंदुओं को ज्यादा स्थान दिया जो परीक्षा के दृष्टिकोण से ज्यादा महत्वपूर्ण थे तथा वैसे Tricky Questions थे जहां पर मैं गलती करता था या कर सकता था उन पर भी ध्यान दिया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
बमबम कुमारः वैसे तो उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली का कोई मानक रूप नहीं है, परंतु यदि आप प्रश्न के अनुसार, शब्द सीमा को ध्यान में रखते हुए उत्तर लेखन करते हैं, तो इसे एक अच्छा उत्तर लेखन माना जा सकता है। मैंने तैयारी के दौरान पूर्व में पूछे गये प्रश्नों की व्याख्या को देखकर उत्तर लेखन करना शुरू किया था। धीरे-धीरे उत्तर लेखन शैली बेहतर हो गई।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए?
बमबम कुमारः साक्षात्कार के लिए मैंने बहुत सारे चयनित प्रतियोगियों के मॉक इंटरव्यू के वीडियो को देखा तथा उसी के अनुसार मैंने तैयारी शुरू की।
अपने परिचय, रुचि, समसामयिकी, स्नातक विषय तथा एच्छिक विषय को तैयार किया।
फिर मैंने परफेक्शन IAS के Mock Interview Programe को जॉइन किया था।
मेरा साक्षात्कार साधारण ही रहा था। मुझसे पहले ठेंपब सवाल पूछे गये जैसे- ग्रेजुएशन कब किया, अभी क्या कर रहे हैं, पदों की प्राथमिकताएं क्या हैं, Hobby & Optional क्या हैं।
फिर मगध के इतिहास के बारे में, रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस का तर्क और मेरा विचार क्या है? G.I tag जंह क्या होता है, गया संस्कृति आदि के बारे में प्रश्न पूछे हैं। OTT Platform और कुछ खेल से जुड़े प्रश्न भी थे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
बमबम कुमारः हां। कोचिंग से आपको एक निरंतरता मिलती है तथा वो माहौल मिलता है जिसमें आप खुद को Motivated रख सकते हैं। हालांकि सफलता के लिए कोचिंग लेना ही है यह जरूरी नहीं है। आप स्व-अध्ययन से भी सफल हो सकते हैं। परंतु आप अगर कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं तो जरूर लीजिए, बस आपको याद रखना होगा कि आप नियमित क्लास लें और मेहनत आपको खुद ही करनी पड़ेगी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
बमबम कुमारः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं उनके लिए यह सुझाव है कि आप सबसे पहले सेलेबस को ध्यान से विश्लेषित करे फिर उसी के अनुसार अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। Basic Concept के लिए मानक टेक्स्ट बुक को पढ़िये।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्र You Tube के सहारे अपनी तैयारी शुरु कर सकते हैं। You Tube पर फ्री में अच्छी सामग्री उपलब्ध है आप उनका उपयोग कर सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
बमबम कुमारः यह व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों का मानना है अगर आपके पास कैरियर विकल्प है तो आप निशि्ंचत रहेंगें और बेहतर कर पाएंगे वहीं कुछ लोगों का इसके विपरीत मानना है।
जहां तक मेरी बात है तो मैं Teaching करते हुए इस परीक्षा की तैयारी किया था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
बमबम कुमारः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका काफी व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत की जाती है। इसमें BPSC मुख्य परीक्षा के 10 संभावित प्रश्नों की श्रंृखला सराहनीय है। इससे मुझे अपने उत्तर लेखन शैली को बेहतर करने में मदद मिली। मुझे नहीं लगता इसमें किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत है।
अनुशंसित पुस्तक सूची प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन
मुख्य परीक्षा
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