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Topper 64वीं बीपीएससी
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः 64वीं बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
अंकिता वर्माः मुझे मेरे परिवार, मित्रें एवं शिक्षकों से हमेशा सहायता मिली। सभी ने मुझे सकारात्मक रह कर प्रयास करने एवं असफलताओं से सीखने के लिए प्रेरित किया।
मेरे परिवार की पृष्ठभूमि में मैंने सबको मेहनत से अपना लक्ष्य साधते हुए देखा है। मुझे भी इसी से निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा मिली और फलस्वरूप मेरा बीपीएससी में चयन हुआ।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
अंकिता वर्माः मैंने अपने ग्रेजुएशन के आिखरी वर्ष से परीक्षा की तैयारी प्रारंभ की। तैयारी शुरू करने के लिए मैंने सबसे पहले सिलेबस को समझा, फिर प्राथमिक परीक्षा, मेंस एवं साक्षात्कार के लिए टॉपिक चुने और उसी के हिसाब से अपने नोट्स तैयार किए। मेरे हिसाब से ग्रेजुएशन के साथ ही तैयारी करना लाभदायक रहता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानती हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
अंकिता वर्माः मेरा माध्यम अंग्रेजी था क्योंकि बचपन से शिक्षा अंग्रेजी माध्यम में हुई थी। मेरा मानना है कि अच्छे अंक लाने के लिए छात्र/छात्रओं को बस अच्छी जानकारी जरूरी है, जो किसी भी माध्यम से व्यत्तफ़ की जा सके और अच्छे अंक मिल सकें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
अंकिता वर्माः मेरा वैकल्पिक विषय भूगोल था। सिलेबस एवं पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को देखकर मुझे लगा कि यह विषय अच्छे अंक लाने में सहायक रहेगा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानती हैं? तीनों चरणोंकी तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
अंकिता वर्माः पूरी तैयारी के लिए 10 से 12 महीने का समय लग जाता है। तीनों चरणों के लिए मैंने समय की रणनीति में बदलाव किए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
अंकिता वर्माः प्रिलिम्स के लिए भी सामान्य अध्ययन की तैयारी करनी होती है। उसी समय से महत्वपूर्ण विषयों के नोट्स बनाना अच्छा रहता है, जो मेंस के समय सहायता करता है।
मैंने उत्तर हमेशा निर्धारित शब्द सीमा में लिखने का प्रयास किया। GS-1 में सांख्यिकी (Statistics) के प्रश्नों को पहले हल किया जाए तो बाकी प्रश्नों के लिए समय मिल जाता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
अंकिता वर्माः हां! खुद बनाए हुए नोट्स से लिखने की प्रैक्टिस होती है और रिवीजन में भी कम समय लगता है। मैंने नोट्स पॉइंट वाइज बनाए एवं मैप व फ्लो चार्ट भी बनाए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःउत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
अंकिता वर्माः मैंने अपना उत्तर हमेशा शब्द सीमा में देने का प्रयास किया। पॉइंट वाइज उत्तर लिखना एवं फ्रलो चार्ट का प्रयोग करना उत्तर को आकर्षक बनाता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुईं?
अंकिता वर्माः साक्षात्कार के लिए अपने शिक्षकों की मदद से प्रश्नावली बनाई। अपने बायो-डेटा के हिसाब से उत्तर देने की प्रैक्टिस की। मॉक इंटरव्यू देखे और दिए भी। मुझसे मेरे वैकल्पिक विषय, रुचियों और करेंट अफेयर्स से प्रश्न पूछे गए थे। मैं कुछ प्रश्नों में नर्वस भी हुई थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अंकिता वर्माः मैंने टेस्ट सीरीज ली थी। साथ ही मैंने मेन्स के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद से तैयारी की। कोचिंग लेने का, ऑनलाइन पढ़ाई करने का या खुद से ही पढ़ के परीक्षा देने का निर्णय हर छात्र को अपने हिसाब से लेना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगी? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
अंकिता वर्माः मेरा यही सुझाव होगा कि अपना रुटीन बनाएं, सिलेबस समझें, पूछे गए प्रश्नों को हल करें। डेली टारगेट बनाएं और तैयारी आगे बढ़ाएं।
आजकल ऑनलाइन हिन्दी व अंग्रेजी दोनों में मैटेरियल्स मिल जाते हैं जिनको छात्र फ्री में भी पढ़ सकते हैं। मैंने भी Online बहुत टॉपिक्स पढ़े। यह काफी छात्रें के लिए लाभदायक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
अंकिता वर्माः जी नहीं! मैंने कोई कैरियर विकल्प नहीं रखा था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओंका अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
अंकिता वर्माः मैंने योजना और क्रॉनिकल मैगजीन (मासिक) का अध्ययन किया। इससे मुझे डेटा एवं फैक्ट मिले और करेंट अफेयर्स के टॉपिक में मदद मिली।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखती हैं?
अंकिता वर्माः मुझे सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल काफी उपयोगी लगी। मुझे इससे सही डेटा मिले।
धन्यवाद
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