- होम
- साक्षात्कार
- राजीव कुमार
Topper बीपीएससी रैंक-45 65वीं डीएसपी पद पर चयन
नाम: राजीव कुमार पिता का नाम एवं पेशा: श्री बिरेन्द्र सिंह, किसान माता का नाम एवं पेशा: श्रीमती सुनीता देवी, गृहिणी शैक्षिक योग्यता: स्नातक (गणित प्रतिष्ठा)- बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (प्रथम श्रेणी) आदर्श व्यक्ति: मेरे पिताजी अभिरुचियां: घूमना, संगीत सुनना वैकल्पिक विषय (मुख्य परीक्षा): भूगोल पूर्व चयन: (1) C.I.S.F., HC/CLK, (2) CENTRAL EXISE - TAX ASSISTANT,(3) CGL 2008 - PREVENTIVE OFFICER, (4) CGL 2010 - EXCISE INSP.(5) CDS – 2007 |
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्रॉनिकलः 65वीं बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई. आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
राजीव कुमारः जी बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरी सफलता में ईश्वर, माता-पिता, छोटे भाई, परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग विशेष रूप से मेरी पत्नी तथा प्यारी बेटी का त्याग/सहयोग महत्वपूर्ण है। शिक्षक के रूप में अभिनव झा सर जिन्होंने भूगोल वैकल्पिक का मार्गदर्शन किया, साथ ही शाहिद इकबाल सर जो 60-62वीं एवं 63वीं बीपीएससी में डीएसपी पद पर चयनित है, उनका भी योगदान महत्वपूर्ण है। मित्र में आलोक परासर, संजीत, मुकेश जी, प्रणव प्रकाश, रणधीर ने मुझे तैयारी के प्रत्येक स्तर पर अकथनीय सहयोग किये हैं। चूंकि मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि का छात्र रहा हूं, अतः गांव के लोगों के बारे में, उनकी समस्याओं के बारे में अच्छी तरह से अवगत हूं। अतः उन लोगों के लिए कुछ करने की इच्छा हमेशा से जागृत रही है। कहीं न कहीं इन सबने भी मुझे सिविल सेवा की ओर प्रेरित किया है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःआपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया?
राजीव कुमारः मैंने परीक्षा की तैयारी का आरंभ परीक्षा पैटर्न, सिलेबस तथा विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का गहन अध्ययन करते हुए किया। तैयारी के दौरान मैंने तीनों स्तरों (प्रारंभिक, मुख्य, साक्षात्कार) के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई। प्रारंभिक परीक्षा के लिए तथ्यात्मक अध्ययन पर जोर दिया। मुख्य परीक्षा के लिए विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए विस्तृत अध्ययन पर बल दिया तथा साक्षात्कार में अधिक से अधिक मॉक साक्षात्कार में शामिल हुआ। साक्षात्कार की तैयारी के दौरान ही मैं लक्ष्य कोचिंग दरभंगा के निदेशक आदरणीय पी.एन.झा सर से जुड़ा, उनके तथा हरिओम झा सर के मार्गदर्शन में ही मैंने साक्षात्कार में अच्छा अंक प्राप्त किया। साक्षात्कार की तैयारी के दौरान कैरियर क्वेस्ट के निदेशक संजीव कबीर सर से भी काफी सहयोग मिला।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
राजीव कुमारः मैं हिन्दी माध्यम से इस परीक्षा में सफल हुआ हूं। जहां तक अंग्रेजी भाषी छात्रों की लाभप्रद स्थिति का सवाल है इस संबंध में, मैं यह कहना चाहूंगा कि विगत वर्षों के परिणाम से स्पष्ट है कि वर्ष दर वर्ष हिन्दी माध्यम से चयनित छात्रों की संख्या घटती जा रही है। 65वीं बी.पी.एस.सी. में ही अंतिम रूप से चयनित प्रथम 50 छात्रों में केवल दो छात्रों का माध्यम हिन्दी था। इसमें मेरा स्थान द्वितीय था। मैं अपने अनुभव के आधार पर हिन्दी माध्यम के छात्रों, अभ्यर्थियों से कहना चाहूंगा कि वो माध्यम को लेकर हतोत्साहित/निराश न हो तथा सही दिशा में, मानक अध्ययन सामग्री को आधार बनाते हुए तैयारी करें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःआपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
राजीव कुमारः मेरा वैकल्पिक विषय भूगोल था। इस विषय के प्रति मेरी अभिरुचि, अध्ययन सामग्री की उपलब्धता, अंकदायी होने के कारण मैंने इस विषय का चयन किया। मैं वर्ष 2011 संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली गया था। उस समय मुखर्जी नगर में सर्वत्र यह चर्चा का विषय था कि UPSC में वैकल्पिक विषय के रूप में केवल लोक प्रशासन एवं विधिशास्त्र (LAW) को ही वैकल्पिक विषय के रूप में रख सकेंगे। मैंने लोक प्रशासन विषय को चुना। लेकिन 56-59वीं एवं 64वीं बी.पी.एस.सी. में मैंने भूगोल वैकल्पिक का चयन किया तथा मुझे अंतिम रूप से इस परीक्षा में सफलता मिली।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःपरीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
राजीव कुमारः तीनों चरणों की तैयारी के लिए उपयुक्त समय परीक्षार्थी की रणनीति, कार्य के प्रति समर्पण आदि पर निर्भर करता है। फिर भी यदि प्रयास स्नातक स्तर से ही किया जाए तो स्नातक के उपरांत एक वर्ष का समय पर्याप्त है। मुझे ज्यादा समय लगने का कारण यह है कि मैं सरकारी सेवा में कार्यरत हूं तथा तैयारी केवल परीक्षा के समय में ही अनियोजित तरीके से करता था। साथ ही पिछले 4-5 वर्षों से बी.पी.एस.सी. की परीक्षा नियमित होने लगी है, उससे पहले फार्म प्रकाशित होने से अंतिम परिणाम तक लगभग 4-5 वर्ष लगते थे, इस कारण भी देर हुई। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के कारण ऑफिस में रोस्टर सिस्टम लागू था, जिससे मुझे 65वीं मुख्य परीक्षा की तैयारी में काफी सहायता मिली।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
राजीव कुमारः सामान्य अध्ययन की तैयारी का सर्वोत्तम तरीका है कि इस विषय के दोनों पेपर के विभिन्न खंडों का विभाजन कर तैयारी करना। जैसे स्टैटिक्स को अधिक बल देना ताकि इसमें अधिकतम अंक प्राप्त हो सके। इस भाग में अच्छा स्कोर मिलने पर ही उच्च रैंक प्राप्त करने की सम्भावना रहती है। परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करते समय मैंने समय प्रबंधन पर विशेष बल दिया तथा प्रत्येक खंड के सभी प्रश्नों को एक निर्धारित समय-सीमा में हल करने का प्रयत्न किया। साथ में यह भी ध्यान रखा कि कोई भी प्रश्न छूट न जाए। एक भी प्रश्न छूट जाने पर उच्च रैंक तो दूर सफलता की संभावना भी नगण्य हो जाती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःक्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
राजीव कुमारः वैकल्पिक विषय भूगोल तथा समान्य अध्ययन के इतिहास एवं राजव्यवस्था खंड का नोट्स बनाया था। स्वयं का बनाया नोट्स तैयारी के दौरान तथा परीक्षा के समय रिवीजन में काफी लाभप्रद साबित हुआ। मैंने किसी कोचिंग के नोट्स का उपयोग नहीं किया। मैंने मूल किताब से स्वयं नोट्स बनाया तथा इसे नियमित रूप से अपडेट किया। मैंने सामान्य अध्ययन के लिए बी.पी.एस.सी. पाठशाला टेलीग्राम चैनल द्वारा मुफ्त में आयोजित टेस्ट सीरीज में भाग लिया तथा टॉपर्स की कॉपी से अपने उत्तर तथा नोट्स को अपडेट किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
राजीव कुमारः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली में निर्धारित समय में सरल भाषा में तथा प्रश्न की मांग के अनुरूप सभी भागों को कवर करना चाहिए। इसके लिए मैंने नियमित रूप से टेस्ट सीरीज में भाग लेकर अपने उत्तर को अपडेट करने का प्रयास किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःआपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
राजीव कुमारः साक्षात्कार हेतु मैंने संजीव कबीर सर (Career Quest) से काफी सहयोग मिला, सर ने साक्षात्कार के दौरान क्या, क्यों, कब करना चाहिए, आपके ड्रेस पैटर्न, बैठने का तरीका, प्रवेश करने तथा निकलने के समय अभिवादन आदि के बारे में बताया। मॉक साक्षात्कार में, मैं संजीव सर, आस्था आईएएस, परम आईएएस तथा लक्ष्य कोचिंग दरभंगा में शामिल हुआ। लक्ष्य कोचिंग में ही मैंने सबसे अधिक मॉक दिया, वहां पर आदरणीय पी.एन. झा सर का सहयोग काफी प्रशंसनीय था। मेरा साक्षात्कार 6 अगस्त, 2021 को प्रथम पाली में श्री चौधरी सर के बोर्ड में था। साक्षात्कार में मुझसे ऐच्छिक विषय, वर्तमान नौकरी तथा हॉबी से संबंधित प्रश्न पूछे गए। बोर्ड का व्यवहार बहुत ही सहयोगपूर्ण था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अनुशंसित पुस्तक सूचीप्रारंभिकी:
मुख्य परीक्षा:
वैकल्पिक विषय: भूगोल
|
राजीव कुमारः साक्षात्कार हेतु मार्गदर्शन व मॉक इंटरव्यू के अतिरिक्त मैंने कोई कोचिंग नहीं ली थी। जो छात्र तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें कहना चाहूंगा कि सर्वप्रथम वे वैकल्पिक विषय का चयन कर पाठयक्रम तथा विगत वर्षों के प्रश्न को ध्यान में रखते हुए एक बेस तैयार कर लें फिर कोचिंग जॉइन करें। वैसे, बिना कोचिंग के भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःजो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
राजीव कुमारः तैयारी आरंभ करने वाले छात्र को मेरी सलाह है कि वह बिना समय गवाएं वैकल्पिक विषय का चयन कर पाठयक्रम के अनुसार, प्रामाणिक अध्ययन सामग्री को इकट्ठा कर एक सही रणनीति बनाकर तैयारी शुरु कर दे। ग्रामीण पृष्ठभूमि के तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मैं सलाह दूंगा कि वे भी उक्त रणनीति के अनुसार तैयारी करें। आज के समय में स्मार्टफोन सभी के पास उपलब्ध है, अतः उन्हें शहर की ओर जाने की कोई जरूरत नहीं है। वे सभी प्रकार की सूचना अपने निवास स्थान पर भी प्राप्त कर सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःतैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
राजीव कुमारः मासिक पत्रिका जैसे क्रॉनिकल मेरी तैयारी का महत्वपूर्ण भाग था। इससे न केवल समसामयिकी बल्कि प्रत्येक माह में सामान्य अध्ययन के सभी भागों पर अध्ययन सामग्री छपने के कारण, सामान्य अध्ययन की तैयारी भी आसान हो जाती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
राजीव कुमारः यह पत्रिका सिविल सेवा के प्रत्येक चरणों की तैयारी में काफी उपयोगी सिद्ध हुई। सामान्य अध्ययन में अच्छे अंक प्राप्त होने के साथ ही भूगोल वैकल्पिक को करेंट से जोड़ने में यह पत्रिका काफी लाभप्रद सिद्ध हुई। क्रॉनिकल टीम को धन्यवाद एवं आभार।