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Topper बीपीएससी रैक-10 64वीं डीएसपी पद पर चयन
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः 64वीं बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
दीपक कुमारः धन्यवाद, मेरी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों की अहम भूमिका रही है। माता-पिता और बड़े भईया मेरे आदर्श रहे हैं। परिवार से मुझे इस सफर में हर संभव सहयोग मिला है। शिक्षकों का सहयोग भी बहुत ही सराहनीय रहा है। बीपीएससी के सफर में सर्वेश सर का मार्गदर्शन सामान्य अध्ययन परीक्षा में काफी कारगर रहा। मैंने सार्थक संवाद में मेन्स परीक्षा की टेस्ट सीरीज ज्वॉइन की थी और साक्षात्कार के लिए मॉक साक्षात्कार में भी शामिल हुआ था। दोनों ही काफी मददगार साबित हुए।
मित्रें तथा सीनियर्स का भी सहयोग रहा। एक मेरे Senior, IIT Delhi से IRS थे, सुभाष चन्द्रा। उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में काफी मार्गदर्शन किए। मित्रें ने मेरे सफर को आसान बनाया। अमरदीप, गौतम, दिलीप मनेया, सोनू, शुभम, सुबोध कुमार सिन्हा आदि का सहयोग अतुलनीय रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
दीपक कुमारः मैंने परीक्षा की तैयारी NCERT की बुक्स से प्रारंभ की। उस समय मैं मुख्य रूप से सिविल सेवा के लिए तैयारी करता था। मेरा मुख्य ध्यान अवधारणाओं को समझने पर रहा, जिसका मुझे सभी परीक्षाओं में लाभ मिला। ‘न्यूज पेपर पढ़ना’तैयारी का एक अभिन्न अंग रहा। जैसे-जैसे तैयारी बढ़ती गई मैं परीक्षा की मांग के अनुरूप सुधार करता गया। मेन्स परीक्षा के लिए मुख्य फोकस कॉन्सेप्ट को समझना तथा उसे करेंट से जोड़कर, बिग पिक्चर बनाने में है। मेरे अनुसार तैयारी शुरू करने का आदर्श समय कॉलेज का सेकंड या लास्ट ईयर है। तैयारी में निरंतरता बहुत महत्वपूर्ण है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
दीपक कुमारः मैं इंजीनियरिंग कॉलेज से था तो अंग्रेजी ही मेरे पास विकल्प था। जहां तक बीपीएससी की बात है मुझे लगता है भाषा का लाभ किसी को नहीं मिलता। बीपीएससी के लिए हिन्दी माध्यम में पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है। वास्तव में अंग्रेजी माध्यम वालों को बीपीएससी के लिए सामग्री की थोड़ी कठिनाई भी होती है, परंतु थोड़े से प्रयास से इस कठिनाई से निजात पाई जा सकती है। इसलिए मेरी सलाह है कि आप जिस माध्यम से सहज महसूस करते हैं उसे ही चुनें।
साक्षात्कार में भी माध्यम की कोई समस्या नहीं है। मैंने खुद दोनों ही बार बीपीएससी में हिन्दी माध्यम से साक्षात्कार दिया है और अच्छे अंक पाए हैं। इसलिए मेरे विचार से कोई भी भाषा बीपीएससी में समस्या या फायदे की स्थिति में नहीं है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
दीपक कुमारः गणित मेरा वैकल्पिक विषय था। मैंने पूरी तरह अपनी अभिरुचि के आधार पर यह विषय चुना था। वैकल्पिक विषय के चयन में मैंने कथित लोकप्रियता को कभी आधार नहीं बनाया। मैंने अपने अभिरूचि को ही आधार बनाया, ताकि मैं अधिक समय तक मनोरंजक रूप में वैकल्पिक विषय पढ़ सकूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
दीपक कुमारः मेरे विचार से परीक्षा की तैयारी बेसिक (Basic) से मेन्स ओरिएंटेड (Mains Oriented) की तरफ होनी चाहिए। पहले एनसीईआरटी से बेसिक मजबूत कीजिए, छोटी-छोटी बातों को समझिए। सामाजिक तथा राष्ट्रीय मुद्दों की समझ परीक्षा में काफी मदद करती है और मेन्स में आपके नंबर बढ़ाती है। सार्थक संवाद की बुक्स मेन्स के लिए काफी मददगार हैं।
बेसिक को मजबूत करने के लिए आप जो सामग्री पढ़ते हैं, उसके फैक्ट से आप प्रीलिम्स की तैयारी कीजिए। न्यूज पेपर की भूमिका तीनों ही चरण में अहम रहती है।
मेन्स तथा वैकल्पिक विषय के लिए 12 से 14 महीनों की संपूर्ण पढ़ाई तथा उसके बाद प्रीलिम्स के लिए 2 से 2-5 महीने की तैयारी काफी होती है। साक्षात्कार की तैयारी मेन्स के रिजल्ट के बाद करें। पूरी परीक्षा के दौरान आत्मविश्वासी (Confident) रहें। इससे काफी लाभ मिलता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
दीपक कुमारः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत काफी है। बीपीएससी के दोनों सामान्य अध्ययन पेपर में आपके अंक ठीक-ठाक होने चाहिए। साथ ही वैकल्पिक विषय भी काफी महत्वपूर्ण है तथा उसकी भी तैयारी अच्छी होनी चाहिए। बीपीएससी के सामान्य अध्ययन पेपर के लिए आप Exam Oriented पढ़ाई करें। पिछले साल के प्रश्न-पत्रें को देखें और स्टैटिक पोर्शन (static portion) के लिए उसे तैयार भी करें_ इससे मदद मिलेगी।
सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न-पत्र के लिए परीक्षा भवन में मेरी रणनीति हमेशा रही है कि आंकड़े के प्रश्नों को अच्छे से किया जाए। यद्यपि वे 10 से 15 मिनट ज्यादा भी ले लेते हैं तो भी ठंडे दिमाग से करना है। उसके बाद बाकी प्रश्नों को हल करना है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
दीपक कुमारः नोट्स मेन्स के लिए काफी उपयोगी है_ मैंने भी नोट्स बनाएं थे। अच्छे तरीके से तथा महत्वपूर्ण टॉपिक्स के विस्तृत नोट्स बनाएं, उसे अपडेट करते रहें तथा बार-बार रिवीजन करें, इससे बहुत मदद मिलती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
दीपक कुमारः उत्तर लेखन मेन्स की तैयारी का एक अभिन्न अंग है। नियमित रूप से उत्तर लेखन करें। आपकी विस्तृत समझ आपके उत्तर में प्रदर्शित होनी चाहिए। टेस्ट सीरीज की इसमें अहम भूमिका है तथा टेस्ट का विचार-विमर्श भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रश्नों की मांग के आस-पास रहें तथा उसे अलग-अलग बिन्दुओं से जोड़ें। ये सभी गुण उत्तर लेखन से आते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
दीपक कुमारः बीपीएससी के लिए साक्षात्कार की तैयारी व्यत्तिफ़गत पृष्ठभूमि तथा करेंट अफेयर्स ओरिएंटेड रही। मेरे दोनों ही साक्षात्कार में प्रश्न भी इन्हीं सब से रहे। अगर हम कोई तथ्य गलत कर देते हैं तो कोई बड़ी समस्या नहीं है, उससे नर्वस होने की कोई बात नहीं है। साक्षात्कार में आपको विश्लेषणात्मक प्रश्न का अच्छा जबाव देना बहुत महत्वपूर्ण है। 63वीं बीपीएससी के साक्षात्कार में थोड़े कठिन प्रश्न पूछे गए थे, लेकिन मैं ज्यादा नर्वस नहीं हुआ, तुरंत ही सामान्य हो गया। साक्षात्कार के दौरान शांत रहें_ इससे मदद मिलती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
दीपक कुमारः मैंने टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी। बीपीएससी के लिए सार्थक संवाद की टेस्ट सीरीज ज्वाइन की और यह बहुत मददगार भी रही। मुझे लगता है कि टेस्ट राइटिंग (Test Writing) तथा डिस्कशन (discussion) मेन्स परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी तरह साक्षात्कार के लिए मॉक इंटरव्यू देना भी जरूरी है। मैंने सार्थक संवाद, पतंजलि IAS का मॉक इंटरव्यू दिया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
दीपक कुमारः डिजिटलीकरण के इस युग में अब तैयारी कहीं से भी रह के की जा सकती है। आप जहां कहीं भी रहकर अच्छे से अध्ययन कर सकते हैं_ करें। इंटरनेट के माध्यम से मार्गदर्शन तथा सामग्री की कोई भी दिक्कत ग्रामीण या छोटे शहरों में नहीं है। अतः वहां से भी तैयारी की जा सकती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
दीपक कुमारः मैंने ऐसा कोई विकल्प नहीं रखा था। मुझे विश्वास था कि किसी न किसी परीक्षा में मेरा चयन हो जाएगा और मैंने अपनी पढ़ाई आगे जारी रखी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
दीपक कुमारः तैयारी के दौरान पत्र-पत्रिकाओं का ज्यादा अध्ययन नहीं किया। मुख्य फोकस विजन आईएएस की करेंट अफेयर्स मैगजीन पर रहा तथा कभी-कभी योजना भी पढ़ी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
दीपक कुमारः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका अच्छी है। तैयारी के दौरान कभी-कभी मैंने पढ़ी है। अगर आप के पास समय है तो सेलेक्टिव रीडिंग कर सकते हैं।
-धन्यवाद
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