साक्षात्कार
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल की तरफ से आपको इस सफलता की ढेर सारी शुभकामनाएं। आप कैसा महसूस कर रहे हैं?
विशाल सारस्वतः बहुत-बहुत धन्यवाद। यह मेरे लिए आश्चर्य का विषय था। मैंने प्रथम स्थान की उम्मीद नहीं की थी, क्योंकि पिछले प्रयास में मैं सफल नहीं हो पाया था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः एक अधिकारी बनने की प्रेरणा आपको कैसे मिली? आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देंगे? आपके परिवार एवं अन्य लोगों (शिक्षक, मित्र) का सफलता में क्या योगदान है?
विशाल सारस्वतः परिवार एवं मित्रों का मेरी तैयारी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पूर्व राष्ट्रपति स्व- ए-पी-जे- अब्दुल कलाम मेरे आदर्श हैं। बिजेन्द्र सिंह सर (ECO - VISION IAS) ने तैयारी के दिनों में काफी मदद की। मैंने अपनी तैयारी में सिर्फ ECO - VISION IAS में बिजेन्द्र सर से अर्थशास्त्र वैकल्पिक की कोचिंग ली।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः किसी अभ्यर्थी को सामान्य अध्ययन हेतु प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कैसे करनी चाहिए? क्या आपने अपनी तैयारी में प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों को एक साथ शामिल किया था या अलग-अलग?
विशाल सारस्वतः कुछ मौलिक जानकारियों के संग्रह के पश्चात प्रारम्भिक एवं मुख्य दोनों परीक्षाओं की तैयारी एक साथ की जानी चाहिए। सफलता के लिए बार-बार रिवीजन आवश्यक है और यह 5-7 बार होना चाहिए, ताकि सभी बातें आपके मस्तिष्क में हों। प्रारम्भिक परीक्षा काफी हद तक सूचना एवं तथ्यों पर आधारित है जबकि मुख्य परीक्षा व्याख्यात्मक। समसामयिकी के प्रसंगों को तैयार करना और उसे उत्तर के साथ जोड़ना अच्छी रणनीति होगी। इसके लिए कुछ You Tube Channels का उपयोग किया जा सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने प्रारम्भिक, मुख्य, साक्षात्कार तथा वैकल्पिक विषय की तैयारी हेतु कितना समय दिया? आपने प्रारम्भिक तथा मुख्य परीक्षा की तैयारी में किस प्रकार समय को प्रबंधित किया?
विशाल सारस्वतः मुझे कुल 3 वर्ष का समय लगा। मैं अपने पिछले प्रयास में सफल नहीं हो पाया था, क्योंकि वैकल्पिक विषय में कम अंक थे। इस वर्ष मैंने वैकल्पिक विषय की अच्छी तैयारी की थी। मुख्य परीक्षा के समय आपको अधिक से अधिक समय अपने अध्ययन पर देना चाहिए। मुख्य परीक्षा हेतु सभी टॉपिक पर छोटे-छोटे नोट्स बना लेने चाहिए ताकि रिवीजन किया जा सके।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने नोट्स बनाए थे? नोट्स किस प्रकार लाभदायक रहे? आप नोट्स बनाने के लिए क्या सुझाव देंगे?
विशाल सारस्वतः हां, मैंने समसामयिकी विषयों पर नोट्स बनाया था। इससे मुझे रिवीजन में काफी सुविधा हुई। पेपर-3 तथा पेपर-4 से जुड़े विषय एवं मुद्दों पर आपका अपना नोट्स काफी लाभदायक होता है। वैसे प्रसंग जिसे आयोग अक्सर पूछ रहा होता है, उससे जुड़े प्रसंग तैयार करने ही चाहिए जैसे- महिला, कृषि, गैर सरकारी संगठन आदि।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? वैकल्पिक विषय के चुनाव का क्या आधार था? इसकी तैयारी के लिए आपने किस प्रकार रणनीति बनाई?
विशाल सारस्वतः मेरा वैकल्पिक विषय अर्थशास्त्र था, क्योंकि इसी विषय में मैंने स्नातक व परास्नातक दोनों किया था। अर्थशास्त्र एक व्यावहारिक विषय है, जिसमें ग्राफ तथा व्याख्या की आवश्यकता होती है। मैंने इसके लिए ECO - VISION IAS में कोचिंग की थी। अर्थशास्त्र विषय में मौलिक संकल्पना की स्पष्टता का विशेष महत्व है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः पेपर- IV के लिए आपकी रणनीति एवं तैयारी किस प्रकार थी।
विशाल सारस्वतः पेपर-IV के लिए मैंने The Lexicon हिंदी संस्करण तथा नेटवर्क आईएएस का नोट्स पढ़ा था। उत्तर लेखन पर विशेष ध्यान रखा तथा वर्तमान के उदाहरणों से जोड़कर उसे और संवर्द्धित किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः निबंध की तैयारी के विषय में कुछ बताएं।
विशाल सारस्वतः निबंध आपके ज्ञान व विचार का समन्वय है। विद्वानों के कथन तथा व्यावहारिक उदाहरण इसमें महत्वपूर्ण होते हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, मदर टेरेसा आदि के कथनों का प्रयोग उपयोगी है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा में आपकी लेखन पद्धति कैसी थी? सामान्य लेखन पद्धति से आपने खुद को कैसे पृथक किया? आपने अपनी लेखन प्रणाली को किस प्रकार विकसित किया?
विशाल सारस्वतः अपने उत्तर में ग्राफ तथा डायग्राम का प्रयोग किया जाना चाहिए। साथ ही आंकड़े तथा तथ्यों का प्रयोग किया जाना चाहिए। ऐसा करना आपको अन्य से पृथक करेगा तथा परीक्षक अच्छे अंक देंगे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी किस प्रकार की? साक्षात्कार में किस प्रकार के प्रश्न पूछे गए थे? क्या आपने सभी उत्तर दिए थे? क्या कोई विशेष क्षेत्र है जिस पर बल दिया जाना चाहिए?
विशाल सारस्वतः मैंने साक्षात्कार के लिए वैकल्पिक विषय, समसामयिकी के प्रसंग, किसान आंदोलन आदि को तैयार किया था। परंतु मेरा साक्षात्कार मुख्यतः पेपर-4 पर आधारित था। मुझसे दया, जुनून, चेतना, अभिवृत्ति, योग्यता, संयम आदि पर प्रश्न पूछे गए थे। मैं 2-4 प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाया था। बोर्ड के सदस्यों का व्यवहार बहुत अच्छा था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा की तैयारी में कोचिंग का क्या महत्व है?
विशाल सारस्वतः तैयारी को नियमित करने में कोचिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। समय-सारणी तथा योजना के निर्माण में भी इसकी भूमिका है। परन्तु स्वयं भी तैयारी की जा सकती है। वर्तमान समय में ऑनलाइन तैयारी भी एक बेहतर विकल्प है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपकी सफलता में सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल की क्या भूमिका है?
विशाल सारस्वतः मैंने तैयारी के दौरान हमेशा क्रॉनिकल का अध्ययन किया क्योंकि इसमें दी गई सूचना हमेशा परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि क्रॉनिकल बहुत उपयोगी पत्रिका है। मुझे अपनी तैयारी में इससे काफी मदद मिली।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपकी तैयारी के स्रोत क्या थे? आपने कौन सी पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं, पढ़ीं तथा ऑनलाइन में किस प्रकार मदद ली।
विशाल सारस्वतः 6th से 12th तक की एनसीईआरटी (गणित व विज्ञान छोड़कर)
- कला व संस्कृतिनितिन संघानिया
- राजव्यवस्थाएम- लक्ष्मीकांत
- भूगोलभारत का भूगोल- अनिल केसरी तथा खुल्लर की पुस्तक
- अर्थव्यवस्थारमेश सिंह की पुस्तक
- समसामयिकीसिविल सर्विसेज क्रॉनिकल, VISION IAS,
- एथिक्सThe Lexicon (हिन्दी संस्करण)
- पर्यावरणShankar IAS की पुस्तक
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
अभय कुमार सिंहः धन्यवाद। मेरी सफलता में परिवार, मित्रों, शिक्षकों एवं शुभचिंतकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस पत्रिका के माध्यम से मैं सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पूर्व में मेरे परिवार के लोग सिविल सेवाओं में रहे हैं, उसका भी परीक्षा की तैयारी में मुझे लाभ प्राप्त हुआ।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
अभय कुमार सिंहः मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने परीक्षा की तैयारी के लिये प्रेरित किया। साथ ही इलाहाबाद के प्रतियोगी वातावरण ने मुझे प्रोत्साहित किया। तैयारी के पूर्व मैंने समय सीमा का निर्धारण किया; तत्पश्चात पाठ्य सामग्री का चयन किया। सिविल सेवाओं में उच्च सामाजिक बोध की आवश्यकता होती है। ऐसे में स्नातक के पश्चात 2 वर्ष का समय निर्धारित करते हुए तैयारी प्रारम्भ करना उपयुक्त होता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ या हानि हुई है? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
अभय कुमार सिंहः मेरा माध्यम हिन्दी ही रहा है। लेकिन वर्तमान परिस्थिति में अंग्रेजी माध्यम में बेहतर अभिव्यक्ति की जा सकती है, क्योंकि उत्तर संक्षिप्त और सटीक लिखना होता है। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम लाभप्रद है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःआपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
अभय कुमार सिंहः मेरा वैकल्पिक विषय इतिहास था। इतिहास का वैकल्पिक विषय के रूप में चयन दो कारणों से किया गया था। पहला, इतिहास विषय में मेरी व्यक्तिगत रुचि तथा दूसरा कारण आधुनिक इतिहास में परास्नातक होना। सिविल सेवाओं में सफलता हेतु सामाजिक बोध की आवश्यकता होती है और इतिहास के अध्ययन से अतीत के विभिन्न समाजों के तुलनात्मक ज्ञान का लाभ प्राप्त होता है। कथित लोकप्रियता के स्थान पर व्यक्तिगत रुचि और विषय की उपयोगिता अधिक महत्वपूर्ण होती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
अभय कुमार सिंहः मेरी समझ से तीनों चरणों की तैयारी के लिए दो वर्ष पर्याप्त होता है। मैंने मुख्य परीक्षा को अधिक समय दिया। 12 से 15 महीने मुख्य परीक्षा हेतु शेष समय प्रारम्भिक और साक्षात्कार के लिए पर्याप्त होता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
अभय कुमार सिंहः निःसन्देह मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन का आयाम विस्तृत हो गया है। सर्वप्रथम सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्न-पत्रों के पाठ्यक्रम की गहरी समझ रखनी चाहिए। किसी एक राष्ट्रीय समाचार पत्र का नियमित अध्ययन और उससे संक्षिप्त नोट्स तैयार करना तथा किसी एक मासिक पत्रिका का अध्ययन एवं नोट्स सामान्य अध्ययन हेतु महत्वपूर्ण है। मैंने समाचार पत्रों एवं पिछले एक वर्ष से क्रॉनिकल मासिक पत्रिका का बिन्दुवार अध्ययन करके नोट्स तैयार किया जो मुख्य परीक्षा हेतु उपयोगी साबित हुए।
परीक्षा भवन में मैंने प्रत्येक प्रश्न के लिए समय निर्धारित किया और उसी अनुरूप उत्तर लिखा। प्रश्नों को समझना और जो पूछा गया उसका सटीक उत्तर देना मेरी मुख्य रणनीति रही।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
अभय कुमार सिंहः हां, मैंने अपने नोट्स बनाए। स्वयं की समझ से बनाया गया नोट्स ही मुख्य परीक्षा में अधिक कारगर होता है। कोचिंग का नोट्स एक फ्रेमवर्क की तरह होता है। प्रतियोगी परीक्षार्थियों को स्वयं के अवबोध स्तर से उसमें कांट-छांट करनी पड़ती है। स्वयं के नोट्स एवं कोचिंग के नोट्स को मिलाकर एक परिष्कृत नोट्स बनाना उपयोगी होता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
अभय कुमार सिंहः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा का प्रश्न-पत्र मेरे रुचि का प्रश्न-पत्र था। इसके लिए मैंने पी.डी. शर्मा की पुस्तक का अध्ययन किया। प्रत्येक विशेष शब्द का गहन चिन्तन किया और स्वयं से नोट्स भी तैयार किये। इतिहास का छात्र होने के कारण भी इस प्रश्न-पत्र को समझने में आसानी हुई।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
अभय कुमार सिंहः निबंध के लिए मैंने विशेष तैयारी नहीं की। समाचार पत्रों के संपादकीय और क्रॉनिकल पत्रिका के आलेखों व निबंधों का अध्ययन कर स्वयं एक समझ विकसित करने का प्रयास किया और समय-समय पर लिखने का अभ्यास भी किया। साहित्य, पर्यावरण, कृषि जैसे मुद्दों पर निबंध भी लिखा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
अभय कुमार सिंहः प्रश्न की मांग के अनुरूप उत्तर की आपूर्ति ही उत्कृष्ट लेखन शैली है। शब्दों के चयन एवं शब्द सीमा पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। मैंने तैयारी के दौरान मूल शब्दों और विचारों को समझने की कोशिश की। कम पढ़ना और अधिक चिंतन करना मेरी रणनीति का हिस्सा रहा है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
अभय कुमार सिंहः साक्षात्कार में वैकल्पिक विषय एवं वर्तमान मुद्दों पर परीक्षार्थियों की समझ की क्षमता का परीक्षण किया जाता है। मैंने वैकल्पिक विषय, सामान्य अध्ययन में पूछे गये प्रश्नों एवं समसामायिक घटनाक्रमों का अध्ययन किया। स्वयं से कुछ नोट्स भी बनाए।
साक्षात्कार अच्छा रहा। मुझसे इतिहास विषय, सरकार की योजनाओं एवं उत्तर प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों से संबंधित सवाल किये गये। कुछ सवाल वर्तमान नौकरी से संबंधित भी किये गए। नर्वस जैसी कोई स्थिति नहीं थी। साक्षात्कार सकारात्मक रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अभय कुमार सिंहः मैंने कोचिंग नहीं की। स्वयं से ही तैयारी की। मेरी समझ से दो वर्ष स्वयं से कठिन परिश्रम करके एक स्तर प्राप्त करने के पश्चात ही कोचिंग की आवश्यकता हो सकती है। कोचिंग का सहयोग लिया जा सकता है, लेकिन कोचिंग पर पूर्ण निर्भरता उचित नहीं होती।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलःजो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
अभय कुमार सिंहः सर्वप्रथम छात्र को अपनी अभिरुचि समझनी चाहिए। यदि सिविल सेवा में अभिरुचि हो तभी इस क्षेत्र का चयन करना चाहिए, क्योंकि सिविल सेवा में चयन हेतु अधिक समय, परिश्रम, संघर्ष और संयम की आवश्यकता होती है।
सिविल सेवा में किसी भी पृष्ठभूमि का छात्र सफल हो सकता है। इसके लिए सिर्फ अभिरुचि एवं आत्मविश्वास के साथ परिश्रम की आवश्यकता होती है। समाचार पत्रों का नियमित गहन अध्ययन एवं बिंदुवार नोट्स एवं एनसीईआरटी की पुस्तकों से प्रारम्भ करना उचित होता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
अभय कुमार सिंहः प्लान बी रखना उचित हो सकता है लेकिन प्लान बी सम्पूर्ण समर्पण में बाधक भी बन जाता है। मैं JRF के साथ, रिसर्च भी कर रहा हूं और वर्तमान में ज्येष्ठ लेखा परीक्षक के पद पर सेवारत हूं। यही मेरा प्लान बी था, लेकिन प्लान बी, प्लान ए को प्रभावित कर देता है। मेरी समझ से स्नातक के पश्चात दो वर्ष पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ प्लान ए को देने चाहिए। तत्पश्चात ही प्लान बी बनाना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
अभय कुमार सिंहः पत्र-पत्रिकाओं की भी विषय सामग्री एवं लेखन शैली हेतु महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मैंने योजना, कुरुक्षेत्र, विज्ञान प्रगति, सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल मासिक का नियमित अध्ययन किया है। पत्र पत्रिकाओं में एक ही स्थान पर समसामयिक घटनाओं का संकलन प्राप्त होता है। अतः तैयारी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
अभय कुमार सिंहः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका सारगर्भित एवं परीक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण पत्रिका है। पत्रिका के तथ्य एवं विश्लेषण पद्धतियों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। विगत 18 महीनों से मैं इस पत्रिका का नियमित अध्ययन कर रहा हूं। मेरी सफलता में इस पत्रिका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह पत्रिका वर्तमान परीक्षा के अनुरूप स्वयं में अनेक परिवर्तन लायी है। मुझे उम्मीद है कि परीक्षार्थियों की मांग और परीक्षा के स्वरूप के अनुसार यह पत्रिका स्वयं को संशोधित और परिमार्जित करती रहेगी।
परिचय
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पूछे गए प्रश्न के सभी आयामों को कवर कर निष्कर्ष के साथ उत्तर लिखने का प्रयास करें
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2018 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
अनीता कुमारीः सर्वप्रथम धन्यवाद, मेरे परिवार के सभी सदस्यों का प्रत्येक परिस्थिति में मेरे साथ खड़े होने का ही परिणाम मेरी सफलता है, जिसमें मेरे शिक्षकों, मित्रें की भूमिका सराहनीय व बेहद सकारात्मक रही।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
अनीता कुमारीः मैंने सिविल सेवा की तैयारी एनसीईआरटी पुस्तक से आरंभ की। तैयारी करते समय प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्न पत्र पर बराबर ध्यान दें। समग्र तैयारी करने का प्रयास करें। लेखन शैली में सुधार हेतु अभ्यास जारी रखें। स्नातक से आप सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
अनीता कुमारीः मेरा माध्यम हिंदी था, विशेषकर मुख्य परीक्षा के सामान्य हिंदी पेपर में मुझे इसका लाभ मिला। यदि आप की लेखन शैली में उत्कृष्टता है तो भाषा आपके लिए समस्या नहीं बनेगी परंतु आपको सिविल सेवा की तैयारी के लिए अंग्रेजी पर भी उचित मेहनत करनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
अनीता कुमारीः मेरा वैकल्पिक विषय ‘राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध’ था। इसके चयन का आधार अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मेरी रुचि होना तथा मुख्य परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में इसका लाभ मिलना था। मैंने लोकप्रियता को आधार नहीं बनाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
अनीता कुमारीः 2 से 3 वर्ष का समय मैंने अपनी रणनीति में परीक्षा के बदलते पैटर्न, सामान्य अध्ययन की बढ़ती भूमिका को लेकर यथासंभव बदलाव किये।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
अनीता कुमारीः यह सच है कि मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ गई है। इसका सर्वोत्तम तरीका मुख्य परीक्षा के प्रत्येक प्रश्नपत्र के संक्षिप्त नोट्स अलग-अलग डायरी में बनाएं, जिसमें पाठ्यक्रम के समस्त विषय कवर किए गए हों।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
अनीता कुमारीः मैंने अपने नोट्स स्वयं बनाएं जिसके लिए मैंने 5D रणनीति अर्थात 5 अलग-अलग डायरी बनाई, जिसे मैंने समसामयिक घटनाओं, सरकारी योजनाओं, डायग्राम, फ्रलो चार्ट से अपडेट किया। मुख्य परीक्षा के दौरान यह रणनीति सर्वाधिक प्रभावी रही, क्योंकि लगातार पेपर होने के दौरान यह रणनीति रिवीजन में लाभकारी सिद्ध हुई। कोचिंग संस्थानों के नोट्स औरों से अलग बनाने हेतु उसे समसामयिक घटनाओं, उपयुक्त उदाहरणों एवं वर्तमान योजनाओं से अपडेट कर तैयार करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
अनीता कुमारीः नीतिशास्त्र के लिए मैंने केवल क्रॉनिकल पब्लिकेशन की ‘लेक्सिकॉन नीतिशास्त्र’ पढ़ी व यू-ट्यूब चैनल से केस स्टडी हल की। हां, इसके लिए मैंने स्वयं के संक्षिप्त नोट्स बनाए जिसे उपयुक्त उदाहरणों से परिपूर्ण किया। नीतिशास्त्र की शब्दावली को गहनता से समझें व इसके संक्षिप्त नोट्स बनाकर रिवीजन अवश्य करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
अनीता कुमारीः निबंध के लिए मैंने निशांत जैन की पुस्तक का अध्ययन किया। परंतु निबंध लेखन लगातार अभ्यास, सीनियर व शिक्षकों से जांच कराकर उसे अधिक प्रभावी बना सकते हैं। परीक्षा भवन में जिन विषयों पर निबंध लिखना हैं उन्हें चयन करने के पश्चात कम से कम 30 मिनट रफ कार्य अवश्य करें जिसमें विषय से संबंधित सभी आयामों जैसे ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, पर्यावरण, नैतिक इत्यादि को ढांचागत करें तत्पश्चात लिखना शुरू करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
अनीता कुमारीः उत्कृष्ट लेखन हेतु लगातार लेखन अभ्यास करें प्रश्न का टू द प्वाइंट उत्तर दें। पूछे गए प्रश्न के सभी आयामों को कवर कर निष्कर्ष के साथ उत्तर लिखने का प्रयास करें। मैंने शिक्षकों एवं सीनियर से उत्तर का फीडबैक लेकर यथासंभव सुधार किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
अनीता कुमारीः कोरोना महामारी के चलते मैं मॉक इंटरव्यू नहीं ले सकी। मैंने अपने मित्रें, सीनियर से साक्षात्कार के लिए टिप्स लिए व अभ्यास किया। मुझसे मेरे वैकल्पिक विषय से संबंधित प्रश्न भारत-चीन गलवान घाटी, भारत-नेपाल, भारत-अमेरिका तथा स्नातक एवं परास्नातक विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गए। जब मुझसे स्नातक विषय समाजशास्त्र से संबंधित सैद्धांतिक प्रश्न पूछे गए तब मैं थोड़ा नर्वस हुई।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अनीता कुमारीः मैंने प्रारंभिक परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ली। हां वैकल्पिक विषय के लिए कोचिंग ली जो मददगार साबित हुई। कोचिंग आपका मार्गदर्शन कर सकती है परंतु आपकी सफलता आपकी मेहनत, रणनीति उत्तर लेखन हेतु आपके लगातार अभ्यास पर निर्भर करती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
अनीता कुमारीः आप सिविल सेवा में क्यों आना चाहते हैं यदि इसका कारण आपको पता है तो यह सेवा आपके लिए है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रें के लिए इंटरनेट वरदान साबित हो सकता है। आप किसी भी दो यू-ट्यूब चैनल की विश्वसनीयता जांच कर तैयारी शुरू कर सकते हैं। मैंने ओनली आईएएस यू-ट्यूब चैनल से अपनी तैयारी को सुदृढ़ किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कॅरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
अनीता कुमारीः हां, क्योंकि यह 3 से 4 वर्ष या उससे भी अधिक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है। इसलिए कॅरियर विकल्प रखना समझदारी कही जाती है। लेकिन मेरे संकल्प का कोई विकल्प नहीं था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
अनीता कुमारीः मासिक पत्र-पत्रिकाओं की सिविल सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका है। मैंने क्रॉनिकल, योजना, कुरुक्षेत्र जैसी पत्रिकाओं का अध्ययन किया। प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में इन पत्रिकाओं की भूमिका आप उत्तर लिखते समय जरूर समझ पाएंगे जैसा कि मैंने अनुभव किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
अनीता कुमारीः मुझे यह पत्रिका अच्छी लगी! मेरी सफलता में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। सिविल सेवा में उपयोगिता के कारण ही यह पत्रिका प्रतियोगी छात्रें के बीच लोकप्रिय है।
धन्यवाद
अनुशंसित पुस्तक सूची
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परिचय
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उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली हेतु प्रश्न के उत्तर को शुरू करने से पहले उसकी फ्रेमिंग अवश्य करें
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2018 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
विनय कुमारः जी धन्यवाद। मेरी सफलता में परिवार, मित्रें एवं शिक्षकों का सदैव सकारात्मक सहयोग रहा। मित्र हमेशा मुझे सकारात्मक रहने की सलाह देते थे। मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि का विद्यार्थी रहा हूं। मेरे पिता एवं भाइयों के संघर्ष ने मुझे हमेशा सफल होने के लिए प्रेरित किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
विनय कुमारः स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद से मैंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। शुरुआती दौर में मैंने सामान्य अध्ययन के साथ-साथ मुख्य परीक्षा के विषयों पर भी अपनी पकड़ बनाई। परीक्षा की तैयारी हेतु एक आदर्श समय 12वीं के बाद का होता है। इसी समय से ही मस्तिष्क में इसे हासिल करने की जिद होनी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
विनय कुमारः मेरा माध्यम हिन्दी रहा है। मेरा मानना है कि अंग्रेजी माध्यम का मुख्य परीक्षा में ज्यादा महत्व होता है। यदि कोई हिन्दी मीडियम का प्रतियोगी है तो उसे बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
विनय कुमारः मेरा वैकल्पिक विषय इतिहास रहा है। PCS-2018 में एक वैकल्पिक विषय था, जिसमें वैकल्पिक विषय की अपेक्षा सामान्य अध्ययन की बहुत ज्यादा भूमिका थी। इतिहास वैकल्पिक विषय रखने का कारण मेरे स्नातक एवं परास्नातक में इस विषय का होना था।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
विनय कुमारः मेरा मानना है कि प्रारंभिक परीक्षा के दौरान ही मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन की भी तैयारी कर लेनी चाहिए। प्राथमिक परीक्षा हेतु मैने 10 घण्टे तक की पढ़ाई की। मुख्य परीक्षा हेतु मैंने टेस्ट सीरीज पर ज्यादा फोकस किया। साक्षात्कार हेतु ग्रुप में बातचीत एवं चर्चा करता रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
विनय कुमारः मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन की तैयारी हेतु कम से कम 2 कोचिंग के नोट्स एवं सभी टॉपिक से जुड़ी एक-एक बुक आपके पास होनी चाहिए। बुक एवं नोट्स की सहायता से आप खुद का एक नोट्स तैयार करें। मैंने PCS-2018 में सामान्य अध्ययन के चारों पेपर के खुद के नोट्स बनाए। परीक्षा के समय उसको बार-बार याद कर अपनी सफलता को सुनिश्चित किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
विनय कुमारः जी मैंने मुख्य परीक्षा हेतु सभी विषयों का खुद का नोट्स बनाया। मेरे नोट्स में सभी कोचिंग एवं बुक के मैटर को एकत्रित करके एक स्थान पर लिखा था। नोट्स बनाते समय आप शब्दों को अपने सरल शब्दों में लिखें। कुछ नोट्स जैसे- अर्थव्यव्स्था, पर्यावरण, विज्ञान-प्रौद्योगिकी को हमेशा अपडेट करते रहें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
विनय कुमारः वर्तमान में मुख्य परीक्षा के नीतिशास्त्र के विषय पर प्रतियोगी काफी परेशान रहते हैं। मेरा मानना है कि आप इसके लिए किसी कोचिंग के नोट्स एवं एक बुक की सहायता से नोट्स बनाये। इसके लिए आप यू-ट्यूब की हेल्प ले सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
विनय कुमारः निबंध हेतु आप सर्वप्रथम सभी टॉपिक को अलग-अलग कर लें। दैनिक समाचार पत्रें के स्तम्भ को अलग करके एकत्र कर लें। योजना, कुरुक्षेत्र की महत्ती भूमिका होती है। इसके लिए परम्परागत एवं समसामयिक विषयों पर भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। निबंध शुरू करने से पहले सर्वप्रथम प्रथम पेज पर निबंध की फ्रेमिंग अवश्य कर दें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
विनय कुमारः उत्कृष्ट उत्तर शैली हेतु सर्वप्रथम प्रश्न का उत्तर शुरू करने से पहले उत्तर का फ्रेमिंग अवश्य करें। इसके लिए तीर, गोला या आयत का प्रयोग कर सकते हैं। मैंने सभी प्रश्नों के उत्तर हेतु एक शॉर्ट फ्रेमिंग की थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
विनय कुमारः मेरी मुख्य परीक्षा अच्छी हुई थी। अतः उसी समय से मैंने ग्रुप डिस्कशन एवं न्यूज पेपर पर ज्यादा फोकस करना शुरू कर दिया था। मुख्य परीक्षा का परिणाम आने के बाद मैंने पूरी ऊर्जा से साक्षात्कार की तैयारी की।
साक्षात्कार में पूछे गए प्रश्न
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
विनय कुमारः मैंने प्रारंभिक परीक्षा हेतु कोई कोचिंग नहीं ली थी। प्रारंभिक परीक्षा हेतु मैंने मानक पुस्तकों एवं नोट्स की सहायता ली थी। मुख्य परीक्षा हेतु मैंने कुछ कोचिंग की सहायता ली थी। मेरा मानना है कि अगर आप सक्षम हैं तो कोचिंग अवश्य ले लें। अपना खुद का नोट्स भी बनाएं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
विनय कुमारः मेरा मानना है कि PCS अधिकारी बनना एक जुनून होता है। सिविल सेवा की तैयारी हेतु यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर हों तो आप कोचिंग ना करें। आप खुद के नोट्स बनाएं। यू-ट्यूब पर फ्री क्लास लें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
विनय कुमारः मैं मानता हूं कि यदि आप केवल PCS की तैयारी कर रहे हैं तो कोई अन्य डिग्री आपको अवश्य रखनी चाहिए। जैसे- B.ed, L.L.B संभव हो तो कर लें। बाद में कुछ विशेष पदों हेतु इसकी आवश्यकता होती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
विनय कुमारः पत्र पत्रिकाओं की भूमिका बहुत ज्यादा होती है। इसके लिए क्रॉनिकल के विशेषांक एवं क्रॉनिकल की समसामयिकी बहुत महत्वपूर्ण है। दैनिक समाचार पत्रें के साथ-साथ योजना एवं कुरुक्षेत्र को भी पढ़ते रहने की जरूरत है।
अनुशंसित पुस्तक सूची
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
विनय कुमारः क्रॉनिकल पत्रिका मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। इसमें मुख्य एवं प्रारंभिक परीक्षा हेतु विशेषांक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस पत्रिका में सफल लोगों का साक्षात्कार मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। मैं इस पत्रिका एवं क्रॉनिकल परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूं।
धन्यवाद
परिचय
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2018 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई- आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मेरी सफलता में मेरे पिता, माता, बहन, मित्रें और शिक्षकों का भरपूर सहयोग रहा विशेषकर मेरे पिता का। मेरे पिता ने भी सिविल सेवा की तैयारी की थी। उनका अनुभव और मार्गदर्शन काफी सहायक रहा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मैंने ग्रेजुएशन के बाद ही परीक्षा की तैयारी की। सही मार्गदर्शन के लिए जरूरी विषयों की कोचिंग भी की। मैंने शुरुआत में जो मुख्य विषय हैं जैसे इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था आदि पर ध्यान दिया। इनके लिए एनसीईआरटी और मानक पुस्तकों का अध्ययन किया। मेरे हिसाब से हमें स्नातक के अंतिम वर्ष से तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए और सभी विषयों की एनसीईआरटी (9 to 12th) पढ़नी चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मेरा भाषा माध्यम अंग्रेजी है और पूर्णतया स्वीकार करता हूं कि अंग्रेजी भाषा वाले विद्यार्थी ज्यादा लाभप्रद स्थिति में होते हैं। क्योंकि उन्हें बेहतर अध्ययन सामग्री, अच्छी राइटिंग स्पीड आदि के फायदे हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मेरा वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र (Sociology) था। मेरे चयन का आधार था- सामान्य अध्ययन और निबंध के पेपर में इससे मदद मिलना, बार-बार पढ़ने में भी रुचि बने रहना और इसका उपयुक्त सेलेबस।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः परीक्षा के शुरुआती दो चरणों की तैयारी हमें एक-साथ करनी चाहिए। दोनों चरणों के परीक्षा पैटर्न के अनुसार उनकी तैयारी करनी बहुत जरूरी है। प्रतिदिन 10-11 घंटे की पढ़ाई बहुत है। साक्षात्कार के लिए वैकल्पिक विषय, करेंट अफयर्स और बायोडेटा पर थोड़ा ध्यान दें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए रणनीतिः
- मानक पुस्तकों को 4-5 बार पढ़ें और स्वयं उनके जरूरी नोट्स (Self Notes) तैयार कर लें।
- करेंट अफेयर्स पर विशेष ध्यान दें, उनके भी स्वयं नोट्स बना लें।
- नोट्स को बार-बार पढ़ें और छोटा करते जाएं। फ्लोचार्ट, डायग्राम व मैप का प्रयोग करें।
- परीक्षा में हर हाल में पेपर पूरा करें। पहले बड़े उत्तर करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः स्वयं के नोट्स अत्यंत आवश्यक हैं। किसी भी कोचिंग संस्थान के नोट्स या मानक पुस्तकों काे पढ़ें लेकिन नोट्स स्वयं के ही बनाएं। नोट्स वैसे ही बनाएं जैसे उन्हें परीक्षा में लिखना है- संक्षिप्त एवं टू द पॉइंट।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा विषय की तैयारी के लिए मेरा सुझाव:
- किसी कोचिंग संस्थान के नोट्स लेकर प्रत्येक चेप्टर के शॉर्ट नोट्स बना लें।
- सेलेबस में जो महत्वपूर्ण शब्द हैं जैसे - अभिवृत्ति, सत्यनिष्ठा, ईमानदारी आदि इनकी व्याख्या और उदाहरण तैयार कर लें।
- महापुरुषों के कथन (Quotation) रट लें और उनका परीक्षा में भरपूर प्रयोग करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः निबंध की तैयारी के लिए पठन एवं लेखन कौशल विकसित करें। महत्वपूर्ण विषय जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिला आदि पर नोट्स तैयार कर लें। सरकारी योजनाएं, प्रसिद्ध लोगों के सुझाव, महापुरुषों के कथनों का खूब प्रयोग करें। निबंध एक लय में हर पहलू को समझाते हुए सकारात्मक भाव में लिखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः अच्छी लेखन शैली के लिए आवश्यक है-
- खूब लेखन अभ्यास (Writing practice) करें ताकि राइटिंग स्पीड बढ़ाई जा सके।
- फ्लोचार्ट, डायग्राम व मैप आदि का प्रयोग करें।
- उत्तर एक क्रम में लिखें (Introduction-body-end) उत्तर की समाप्ति सकारात्मक रखें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः साक्षात्कार की तैयारी मैंने स्वयं की। आत्मविश्वास और अधिकारी जैसी सोच और व्यवहार आवश्यक है। मेरा साक्षात्कार अच्छा रहा और लगभग हर विषय से प्रश्न पूछे गए। एक प्रश्न ने नर्वस किया कि ऑटोमेशन, टेक्निकलाइजेशन, मेकनाइजेशन एवं डिजिटलाइजेशन में फर्क बताइए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मैंने जरूरी विषय के लिए कोचिंग ली। मेरा मानना है कि अगर आपको सही मार्गदर्शन देने वाला व्यक्ति है जैसे कि कहां से, कितना, क्या पढ़ें, टाइम मैनेजमेंट कैसे करें आदि तो कोचिंग की आवश्यकता नहीं है। टेस्ट सीरीज जरूर जॉइन करें, यह आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः उन्हें मैं यही सलाह दूंगा कि सिविल सेवा की तैयारी कोई भी कर सकता है बस उसके लिए कड़ी मेहनत, हार न मानने वाला एट्टीट्यूड और आत्मविश्वास चाहिए। तैयारी एनसीईआरटी से शुरू कर सकते हैं। ऑनलाइन उपलब्ध पीडीएफ, किताबों का उपयोग करें। खुद के नोट्स बनाएं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः मेरा स्नातक सिविल इंजीनियरिंग से है। मेरे पास विकल्प भी था पर मैंने छोड़ दिया। मेरा मानना है कि पूरी लगन से तैयारी करें, विकल्प पर ध्यान न दें। समय लग सकता है पर सफलता अवश्य मिलेगी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः करेंट अफेयर्स की पत्रिकाएं काफी सहायक है। तैयारी में मैंने योजना, क्रॉनिकल आदि पत्रिकाओं का अध्ययन किया। करेंट अफेयर्स की तैयारी में ये अहम भूमिका अदा करती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
देवेन्द्र प्रताप सिंहः क्रॉनिकल पत्रिका का कंटेंट भी बहुत अच्छा है। यह सिविल सेवा की तैयारी में बहुत उपयोगी है।