प्रश्न : प्रारंभिक परीक्षा की रूपरेखा क्या हैं?
उत्तर :
प्रारंभिक परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्न पत्र होते हैं जिसमें प्रत्येक प्रश्न पत्र 200 अंकों का होता है। अनिवार्य का मतलब यह कि आपको दोनों पत्रें की परीक्षा में शामिल होना होगा।
- दोनों ही प्रश्न-पत्र वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकार के होते हैं।
- प्रश्न-पत्र हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में तैयार किए जाते हैं।
- प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा प्रश्न पत्र केवल क्वालीफाइंग नेचर का होता है। इसमें न्यूनतम 33% अंक लाना अनिवार्य है तभी आपका रिजल्ट घोषित हो सकता है। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम केवल सामान्य अध्ययन-प्रथम पत्र में प्राप्त अंकों के आधार पर घोषित किया जाता है।
- प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होती है। अर्थात वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पत्रों में उम्मीदवार द्वारा दिए गए गलत उत्तरों के लिए दंड (ऋणात्मक अंक) दिया जायेगा। किसी प्रश्न का उत्तर गलत होने पर उस प्रश्न को आवंटित अंक में से एक तिहाई (1/33) अंक काटे जाएंगे। यदि कोई छात्र किसी प्रश्न का एक से अधिक उत्तर देता है तो उसे गलत उत्तर माना जाएगा। यदि किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जाता है तो उस प्रश्न के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएंगे।