प्रश्न : न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता कितनी रखी गई है?
उत्तर :
•सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के पास भारत के केन्द्र या राज्य विधानमंडल द्वारा निगमित किसी विश्वविद्यालय की या संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के खंड 3 के अधीन विश्वविद्यालय के रूप में मानी गई किसी अन्य शिक्षा संस्था की डिग्री अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
• यदि छात्र सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन देते समय स्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षा दे चुका है पर उसका परिणाम जारी नहीं किया जा सका है, वे भी प्रारंभिक परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होते हैं, परंतु उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन देते समय अपने सभी प्रमाणपत्रों की छायाप्रति देनी होगी। अर्थात मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन देते समय उन्हें स्नातक परीक्षा जरूर पास कर लेनी होगी।
•विशेष परिस्थितियों में यूपीएससी ऐसे किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा में प्रवेश पाने का पात्र मान सकता है जिसके पास उपर्युक्त अर्हताओं में से कोई अर्हता न हो, बशर्ते कि उम्मीदवार ने किसी संस्था द्वारा ली गई कोई ऐसी परीक्षा पास कर ली हो जिसका स्तर आयोग के मतानुसार ऐसा हो कि उसके आधार पर उम्मीदवार को उक्त परीक्षा में बैठने दिया जा सकता है। इसके अलावा जिन उम्मीदवारों के पास ऐसी व्यावसायिक और तकनीकी योग्यताएं हों, जो सरकार द्वारा व्यावसायिक और तकनीकी डिग्रियों के समकक्ष मान्यता प्राप्त हैं वे भी उक्त परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे।
•जिन उम्मीदवारों ने अपनी अंतिम व्यावसायिक एमबीबीएस अथवा कोई अन्य चिकित्सा परीक्षा पास की हो लेकिन उन्होंने सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा का आवेदन प्रपत्र प्रस्तुत करते समय अपना इण्टर्नशिप पूरा नहीं किया है तो वे भी अनन्तिम रूप से परीक्षा में बैठ सकते हैं, बशर्ते कि वे अपने आवेदन-प्रपत्र के साथ संबंधित विश्वविद्यालय/संस्था के प्राधिकारी से इस आशय के प्रमाणपत्र की एक प्रति प्रस्तुत करें कि उन्होंने अपेक्षित अंतिम व्यावसायिक चिकित्सा परीक्षा पास कर ली है। ऐसे मामलों में उम्मीदवारों को साक्षात्कार के समय विश्वविद्यालय/ संस्था के संबंधित सक्षम प्राधिकारी से अपनी मूल डिग्री अथवा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने होंगे कि उन्होंने डिग्री प्रदान करने हेतु सभी अपेक्षाएं (जिनमें इण्टर्नशिप पूरा करना भी शामिल है) पूरी कर ली है।
•शैक्षणिक योग्यता के मामले में प्रायः छात्रों का यह सवाल होता है कि स्नातक के अंतिम वर्ष वाले छात्र परीक्षा में बैठ सकते हैं या फिर जहां से उन्होंने स्नातक की डिग्री ली है उसकी मान्यता है। कई छात्रों का यह भी सवाल होता है कि डिस्टेंस एजुकेशन या इवनिंग क्लासेस या फिर किसी अन्य बोर्ड (मदरसा या संस्कृत शिक्षा बोर्ड) के प्रमाणपत्रों की मान्यता है या नहीं। जहां तक पहले सवाल की बात है तो पूर्व में ही कहा जा चुका है कि जो छात्र स्नातक के अंतिम वर्ष में हैं वे भी प्रारंभिक परीक्षा में बैठ सकते हैं परंतु उन्हें मुख्य परीक्षा के आवेदन करते वक्त स्नातक की परीक्षा अवश्य रूप से पास कर लेनी होगी क्योंकि संघ लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा के आवेदन मांगते वक्त सभी प्रमाणपत्रों की छायाप्रति मांगता है।