Question : क्या यह कहना सही है कि ‘इच्छा-स्वातंत्र्य (Freedeom of will)’ एक महत्वपूर्ण मानवीय मूल्य है। यह ‘कर्मवाद’ के भारतीय मूल्य प्रणाली से किस प्रकार सुसंगत है?
Answer : उत्तर: ‘इच्छा-स्वातंत्र्य (Freedom of will)’ एक महत्वपूर्ण मानवीय मूल्य है क्योंकि यह मानवों की नैतिक सिद्धांतों के आधार पर उचित निर्णयों को लेने की क्षमता तथा स्वतंत्रता दोनों को ही व्यक्त करता है। अतः इच्छा-स्वातंत्र्य तथा नैतिक स्वतंत्रता दोनों ही एक ही वस्तु को व्यक्त करते हैं। यह मानव वृद्धि के चरम स्तर तक ऊँचा उठने की मानवीय क्षमता में सकारात्मक विश्वास को व्यक्त करता है।
Question : मानवीय मूल्य तथा नीति-शास्त्र के संदर्भ में ‘स्वतंत्रता’ तथा ‘अनुशासन’ को परिभाषित कीजिए। एक उपयुक्त समस्या अध्ययन के माध्यम से यह बताइए कि सच्ची ‘स्वतंत्रता’ किस-प्रकार प्राप्त की जा सकती है तथा ‘अनुशासन’ इसमें कौन-सी भूमिका निभा सकता है?
Answer : उत्तर: स्वच्छंदता (freedom) स्वतंत्रता (liberty) के द्वारा नियंत्रित, अनुशासित और विनियमित होती है। दूसरे शब्दों में, ‘स्वतंत्रता’ तथा ‘अनुशासन’ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। संस्कृत में एक शब्द है ‘स्वाधीनता’। अंग्रेजी भाषा का स्वतंत्रता शब्द इसी संदर्भ में अपना अर्थ रखता है। वस्तुतः यह शब्द दो भागों के योगः- स्व + अधीनता से बना है। इसका तात्पर्य है अपने स्वयं के नियंत्रण में होना।
Question : ‘कर्त्तव्य’ तथा ‘अधिकार’ की परिभाषा दें तथा दोनों के बीच के संबंध को स्पष्ट करें। एक उपयुक्त समस्या अध्ययन के द्वारा कर्त्तव्य की सच्ची संकल्पना को प्रकट करें।
Answer : उत्तर: ‘कर्त्तव्य’ एक आदरपूर्ण शिष्टाचार है जो कि वरिष्ठों, वृद्धों या अभिभावकों के साथ व्यवहार में प्रयुक्त किया जाता है। इसके अंतर्गत स्थानपरक तथा भूमिकागत बाध्यताएं व नैतिक-कानूनी बाध्यताएं भी शामिल हैं। यह न्यायपरायणता के प्रति हमारी निष्ठा पर भी बल देता है।
Question : 2002 में चिकित्सा परिषद् द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा नीतिशास्त्र की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
Answer : उत्तर: चिकित्सकीय नीतिशास्त्र के प्रमुख लक्षण
Question : किसी समाज के मूल्य-निर्णय सामाजिक उद्देश्यों के सबसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं के आधार पर पीढ़ी दर पीढ़ी बदलते रहते हैं।’’ आप इस कथन से कितना सहमत हैं?
Answer : उत्तरः मैं इस बात से सहमत हूँ कि किसी समाज के मूल्य-निर्णय बदल सकते हैं क्योंकि मानवीय मानदंडों के लक्षण प्रयोजनपरकता, विचारपरकता तथा तार्किकता पर आधारित होते हैं।
Question : समता और मानवता, अहिंसा भावना की अभिव्यक्ति है। स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः समता (Civility) देश के कानून अथवा संविधान की परिधि के भीतर रहते हुए स्वयं अथवा अपने परिवेश की देखभाल की मांग करती है। मानवता (Humanity) सहानुभूति, स्नेह, परवाह अथवा देखरेख से संबंधित होती है। यह किसी और को वाचिक अथवा कार्य के रूप से कोई हानि नहीं पहुंचाती। साथ ही, यह व्यक्तिगत प्रयास की जगह सामूहिक प्रयास पर ध्यान केन्द्रित करती है।
Question : मूल्य से आप क्या समझते हैं? प्रमुख विशेषताओं को बताते हुए इसके वस्तुनिष्ठता या आत्मनिष्ठता के संदर्भ पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः सामाजिक जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए समाज द्वारा अपनाई गई उच्च नैतिक आदर्श, जिनके लिए नैतिक नियम बनाई जाती हैः मूल्य कहलाते हैं। ईमानदारी, न्याय, शांति आदि उच्च मूल्य है।
मूल्यों की प्रमुख विशेषतएं
मूल्य वस्तुनिष्ठ या आत्मनिष्ठ
Question : क्या आप औरों की भलाई के लिए किए अनैतिक व्यवहार को समर्थन देंगे?
Answer : उत्तरः हमारे दैनिक जीवन में समाजोन्मुख अनैतिक व्यवहारों के अनगिनत उदाहरण देखे जा सकते हैं, उदाहरण के लिए अपने दोस्त के स्थान पर छद्म उपस्थिति दर्ज करना। ये कभी-कभी किसी को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से किए जाते हैं और कभी-कभी इनसे दूसरों का नुकसान भी होता है। यह कभी इरादतन किए जाते हैं और कभी गैर-इरादतन। ये कभी भावनात्मक होते हैं तो कभी व्यावहारिक। ये दैनिक घटनाओं के सामान्य अंग होते हैं।
Question : किसी स्वतंत्र समुदाय में स्वतंत्रता तथा उत्तरदायित्व नागरिकता के दो पहलू हैं?
Answer : उत्तरः किसी स्वतंत्र समुदाय में स्वतत्रंता तथा उत्तरदायित्व नागरिकता के दो पहलू हैं:
Question : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आचार, एक ज्ञान संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। कथन का परीक्षण कीजिए और वर्तमान सन्दर्भ में आपके अनुसार इसका क्या अर्थ है?
Answer : उत्तर: वर्तमान समय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय जीवन के सभी आयामों को प्रभावित कर रही है। आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी वैश्विक अर्थव्यवस्था का केन्द्र है तथा आर्थिक हितों की पूर्ति में सहायक की भिूमका निभा रही है। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराए जाने के साथ ही नैतिक मुद्दे विज्ञान के साथ स्पष्ट होने लगे। तब से नैतिक मुद्दे अंतिरजित तरीके से देखे जा सकते हैं, जैसे- जीएम सीड्स, जिनको मानव जीवन व समाज के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
कभी-कभी सरकार कॉर्पोरेट हितों को ध्यान में रखते हुए लोगों में तकनीक की स्वीकार्यता बढ़ाने का भी प्रयास करती है। इस हेतु सरकार प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के तकनीक को सही व लाभकारी बताने वाले तर्कों का सहारा लेती है। चयनित सूचना, गलत सूचना, व्यापक विज्ञापन आदि के द्वारा सार्वजनिक स्वीकृति को लामबंद करने का प्रयास किया जाता है। बौद्धिक सम्पदा अधिकार एक दूसरा मार्ग है जहाँ पर विशालमात्र में प्रावधानों/सूचनाओं के हेरफेर तथा उन्हें अन्य प्रकार से पेश करने के कारण अनेक नैतिक चिन्ताएं उभर रही हैं। असुरक्षित चिकित्सकीय परिक्षण, तीसरी दुनिया के देशों को बिना उचित सहयोग के ऊँचे मूल्यों पर तकनीक का विक्रय तथा खाद्य पदार्थों में रसायनों की उपस्थिति आदि अन्य नैतिक चिंता के विषय है। अतः विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के साथ नैतिक मूल्यों का संतुलित एकीकरण किए जाने की आवश्यकता है।
Question : राजनैतिक अभिवृति को परिभाषित करें। ‘‘राजनैतिक अभिवृति किस प्रकार लोगों के मतदान के व्यवहार को प्रभावित करती है’’ इस कथन का परीक्षण राजनीति के अपराधीकरण को ध्यान में रखते हुए करें।
Answer : उत्तरः राजनीतिक अभिवृति से तात्पर्य ऐसी अभिवृति से है जिसके होने से एक व्यक्ति, समूह आदि का मतदान करते समय व्यवहार प्रदर्शित होता है। साथ ही, उसकी किसी एक दल विशेष की ओर आकर्षण बढ़ता है।
Question : परीक्षा के दौरान आपका सबसे अच्छा दोस्त आपसे अपनी उत्तर-पुस्तिका दिखाने को कहता है। वह आपके उत्तर-पुस्तिका में से नकल करने देने हेतु जोर दे रहा है। एक उपयुक्त कार्रवाई तक पहुंचने से पहले अपने द्वारा विचारे गए सभी कारकों की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः इस स्थिति में आपकी नैतिकता एवं भावनात्मक समझ की जानकारी होनी अत्यंत आवश्यक है। आपकी कार्य करने की प्रक्रिया सुखवादी तथा नैतिक मूल्य के बीच उत्पन्न हुई टकराव की स्थिति को दूर कर के ही संभव है।