Question : आपका पुत्र भारत के सर्वोत्तम कॉलेजों में से एक में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। भविष्य के बारे में पूछने पर वह बताता है कि वह विदेश में नौकरी करना चाहता है। एक दिन जब वह घर पर नहीं है आप उसके लैपटॉप को खोलते हैं। आप यह देखकर सदमे में आ जाते हैं कि वह आतंकी संगठनों के प्रसार के काम में संलग्न है। उसके ई-मेल से यह पता चलता है कि वह कई आतंकी घटनाओं में सूचना और ऑनलाइन सहयोग प्रदानकर्ता के रूप में भाग ले चुका है। आप अपने बेटे से बात करने और उसके विरोध के प्रति डरे हुए हैं। आपने एक सम्माननीय और गरिमापूर्ण जीवन बिताया है। आपके पारिवारिक सदस्य और पड़ोसी आपका और आपके परिवार का बहुत सम्मान करते हैं।
(a) एक पिता और एक देशभक्त नागरिक के रूप में आपके पास उपलब्ध विकल्प क्या है?
(b) प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन करें और अपनी कार्रवाई (course of action) बताएं।
Answer : उत्तरः इस केस स्टडी में निजी एवं सामाजिक जीवन के मूल्यों के बीच टकराव की स्थिति के बारे में है। एक पिता के रूप में आप अपने पुत्र की जिंदगी चाहेंगे, एवं एक राष्ट्रभक्त नागरिक के रूप में आप राष्ट्र के प्रति समर्पण रखना चाहेंगे।
विकल्प
मूल्यांकन
Question : आप मोटरसाइकिल से अपने मित्र को नजदीकी बस स्टॉप पर छोड़ने गए। लगभग एक 20 वर्षीय लड़की आपके नजदीक खड़ी है और बस का इंतजार कर रही है। आपका मित्र उस लड़की से छेड़खानी करता है, लड़की आपके मित्र को सबके सामने तमाचा मारती है और सावधान करती है, यदि उसने क्षमा नहीं मांगी तो वह पुलिस से उसकी शिकायत करेगी और उसको जेल भिजवा देगी। आपका मित्र बेचैनी में आपके पास आता है और मोटरसाइकिल पर भाग चलने को कहता है।
(a) इस परिस्थिति में कौन-कौन से नैतिक मुद्दे शामिल हैं?
(b) इस परिस्थिति में आप क्या करेंगे? सिद्ध कीजिये।
Answer : उत्तरः (a): इस केस में नैतिक संकट की स्थिति है कि अपने मित्र का समर्थन किया जाय या फिर एक अनजान पीड़ित लड़की का। यह केस महिलाओं के स्वाभिमान एवं सम्मान से भी संबंधित है। इस सबके अतिरिक्त आपके मित्र को उसे महिला के प्रति सम्मान एवं सहानुभूति रखनी चाहिए। इस स्थिति में आप अपने अंतःकरण की आवाज सुनेंगे एवं निष्पक्ष होकर कार्रवाई करेंगे। अतः आप अपने संबंधों की चिंता किए बिना उस महिला का साथ देकर नैतिकता का मिशाल देंगे।
(b): इस स्थिति में आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं-
Question : प्रवीण चंद्रा यह मानते हैं कि वैश्विक ताप वृद्धि गंभीर मुद्दा है। वह सोचते हैं कि वैश्विक ताप वृद्धि चरम मौसमी घटनाएं, तापमान में वृद्धि, समुद्री जलस्तर में वृद्धि, हिमाच्छादन में गिरावट को जन्म देगी।
यदि नीति निर्धारक इसे आकस्मिक संबोधित नहीं करते तो फिर आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेरंग होगा। प्रवीण अल्प गैस उत्सर्जन के लिए केवल सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करना चाहते हैं, परंतु महसूस करते हैं कि सार्वजनिक परिवहन, काफी भीड़-भाड़ वाली व असुविधाजनक है।
उसका कोई भी दोस्त कार हिस्सेदारी नहीं चाहता। वह सीएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग करने वाले कार की ओर उन्मुख होना चाहता है, पर वह नहीं जानता कि ऐसा कैसे किया जाए। इस केस स्टडी के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दीजिए:
(a) वैश्विक तापवृद्धि के प्रति आनंद की अभिवृत्ति क्या है?
(b) कार हिस्सेदारी के प्रति विषयनिष्ठ प्रतिमान क्या है?
(c) उपर्युक्त में कथित व्यवहार नियंत्रण क्या है?
(d) आनंद का व्यवहार कैसा होगा?
Answer : उत्तरः (a): वैश्विक ताप वृद्धि के प्रति प्रवीण की अभिवृत्ति नकारात्मक है क्योंकि वह इसके दुष्प्रभावों से अवगत है।
(b) कार हिस्सेदारी के प्रति आत्मनिष्ठ प्रतिमान निम्न हैं क्योंकि उसका कोई दोस्त इसे पसंद नहीं करता।
(c) कथित व्यवहार नियंत्रण निम्न है क्योंकि प्रवीण नहीं जानते कि कैसे और कहां कार में सीएनजी लगवाएं।
(d) वैश्विक तापवृद्धि के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति के बावजूद उसका आचरण परिवर्तित रहेगा। वह अपनी कार का प्रयोग जारी रखेगा। इस प्रकार वैश्विक ताप वृद्धि में भी योगदान करता रहेगा।
Question : आप एक पढ़ी-लिखी आधुनिक विचारों की महिला है। एक दिन आपके पति एक समाचार चैनल पर बलात्कार कि एक घटना कि रिपोर्ट देख रहे हैं और उनकी बगल में आपकी 9 साल की बेटी भी बैठी है। रिपोर्ट बलात्कार और हत्या के दृश्यों के ग्राफिक चित्रों को प्रसारित कर रही है। आपकी सासू माँ जो रिपोर्ट देख रही है वह आपके पति से यह कह रही है कि आपकी बेटी भी सुरक्षित नहीं है इसलिए उन्हें अभी से उसे कैसे कपड़े पहने जायें ये बताना जरूरी है। आपको पता है कि आपके पति भी अपनी माँ कि बातों से सहमत है। आप वही हॉल में बैठकर अपने बेटे जो कि 11 साल का है का गृह कार्य करवा रही हैं और वह आपसे बलात्कार के बारे में पूछने लगता है। वह आपसे पूछता है कि बलात्कार लोग क्यों करते हैं और इसको करने वाले कौन लोग होते हैं और क्यों ये समाचार वाले बलात्कार के समाचार को ज्यादा चला रहे हैं। आप ऐसे में असहज महसूस करती हैं और उसको काम पर ध्यान लगाने कि बात कहती हैं।
प्रस्तुत केस स्टडी से जुड़े विभिन्न मुद्दों की पहचान करें और उन पर अपनी राय दें।
Answer : उत्तरः यहां सबसे पहला गंभीर मुद्दा है, ऐसे अपराधों के मीडिया कवरेज का। कवरेज के दौरान हत्या और बलात्कार से जुड़ी तस्वीरों और शरीर का प्रसारण मीडिया कि नैतिकता के खिलाफ है और ऐसे उत्तेजना पैदा करने वाले और भड़काने वाले चित्रों के प्रसारण को सेंसर किया जाना चाहिए। बलात्कार पीड़ितों के शरीर की तस्वीरें लेना, यहां तक कि धुंधले चेहरों के प्रसारण पर रोक लगा देनी चाहिए तथा ऐसा करने वाले समाचार चैनल को प्रतिबंधित करना चाहिए। साथ ही, वयस्क यह सुनिश्चित करे कि उनके बच्चे ऐसे समाचार न देखे और ऐसे चैनल से दूर रहे।
Question : आप एक सिविल सर्वेंट हैं। आप का एक दोस्त जो कि अभी भी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है कुछ दिनों से काफी परेशान है। आपके पूछने पर वह बताता है कि दरअसल पहले वह एक अच्छी मल्टीनेशनल कंपनी में बहुत अच्छे वेतन की नौकरी करता था। उसने अपनी एक मित्र से शादी की जो कि खुद एक पढ़ी लिखी और एक बड़ी कंपनी में काम करती थी। शादी के बाद उसके घरवालों को उसका नौकरी करना अच्छा नहीं लगा और उन लोगों के दबाव में आकर उसकी पत्नी को नौकरी छोड़नी पड़ी। इसी बीच आपका मित्र सिविल सेवा की तैयारी करने लगा और पिछले 5 सालों से साक्षात्कार देने के बाद भी उसका चयन नहीं हो पाया। उसके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है और उसकी पत्नी अब चाहती है कि वह नौकरी करके घर का खर्चा चलाये लेकिन घरवाले उसको अभी भी इजाजत नहीं दे रहे और इसे अपने आत्मसम्मान पर धब्बा मान रहे हैं। आपके मित्र और उसकी पत्नी में आजकल झगड़े होने लगे हैं और दो दिन पहले उसकी पत्नी ने उसको तलाक देने का निश्चय किया है। आपके मित्र ने उसको बहुत समझाने की कोशिश की और ये भी बताया कि इस बार की परीक्षा अच्छी गयी है और उसे पक्की नौकरी मिल जाएगी पर उसकी पत्नी उसकी बातों को नजरअंदाज करके अपने मायके चली गयी।
इस मुद्दे से जुड़े नैतिक मुद्दों का विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः उपर्युक्त केस स्टडी निजी और व्यक्तिगत स्तर पर रिश्तों में संघर्ष को प्रतिबिंबित करती है। इसमें शामिल नैतिक मुद्दे हैं-
Question : आप एक प्रसिद्ध सरकारी आवासीय स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। आपका बेटा, जो आपके स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है वह गणित में बेहद कमजोर है। आपकी पत्नी इसको लेकर काफी चिंतित है कि यदि आपका बेटा परीक्षा में विफल रहता है, तो वह अवसाद ग्रस्त हो सकता है। आपको भी डर है कि उसकी विफलता आपकी प्रतिष्ठा में कमी लाएगी। यद्यपि आपने कभी अपने बेटे पर अधिक अध्ययन करने के लिए दबाव नहीं डाला है। आपका बेटा अन्य विषयों में अच्छा है और वह स्कूल में भी एक बहुत अच्छा एथलीट है जिसने विभिन्न प्रतियोगिताओं में बहुत से पुरस्कार और पदक जीते हैं। आपकी पत्नी भी चिंतित है कि 12वीं कक्षा में विफल होने से उसे हमेशा के लिए अपनी पढ़ाई बंद करने के लिए हतोत्साहित किया जा सकता है। इस संबंध में, चल रही बोर्ड परीक्षाओं के दौरान, आपकी पत्नी आपको परीक्षा में आपसे बेटे को नकल करने की अनुमति देने का अनुरोध करती है। वह आपको गणित के शिक्षक से बात करने का अनुरोध करती है जो आपके पारिवारिक मित्र हैं तथा उनसे परीक्षा के दौरान आपके बेटे की मदद करने के लिए कहने का आग्रह करती है। कॉलेज के प्रधानाचार्य के रूप में, आप यह कर सकते हैं जो कि आपके बेटे को परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद कर सकता है।
(क) आपके लिए कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
(ख) इन विकल्पों में से प्रत्येक का मूल्यांकन करें और वह विकल्प चुनें जिसे आप अपनाएंगे।
Answer : उत्तर: (क): यह मुद्दा कई नैतिक और व्यक्तिगत पक्षों को प्रदर्शित करता है जो ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, समझदारी आदि से जुड़े हैं। ऐसे में मेरे पास उपलब्ध विकल्प हैं-
(ख): उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन
Question : भारत सरकार ने एक नैतिकता समिति (Ethics Committee) बनाई है और आपको उसका प्रमुख नियुक्त किया है। समिति के प्रमुख होने के नाते सरकार ने आपसे एक मुद्दे पर सलाह मांगी है। मुद्दा यह है कि एक विदेशी दम्पत्ति ने एक भारतीय महिला को एक सेरोगेट माता के रूप में चुना और बच्चे का जन्म होने से कुछ दिन पहले वे अपने देश लौट गये और बच्चे को अपना नाम देने से भी इन्कार कर दिया। एक दूसरे मामले में बच्चे के जन्म के बाद सेरोगेट माता ने वह बच्चा जैविक माता-पिता को सौंपने से मना कर दिया क्योंकि उसे अपने गर्भ में पले बच्चे से भावनात्मक लगाव हो गया था। सरकार के पास ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं और वह चाहती है कि इस मुद्दे पर एक स्पष्ट नीति व कानून बनाये। इस सम्बंध पर आप क्या सुझाव देंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः सेरोगेसी को समाप्त करने का विचार नहीं रखते हुए इसे बनाए रखना है क्योंकि यह मात्रा में तो कम है परन्तु इसका फायदा बहुत ज्यादा है।
Question : एक विश्वविद्यालय में पिछले दिनों छेड़छाड़ तथा यौन अपराध की घटनाएं अप्रत्याशित रूप से बढ़ गईं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन इन्हें रोकने में नाकाम रहा है। उनमें से कुछ अधिकारियों की राय है कि इन घटनाओं के पीछे एक बड़ा कारण लड़कियों की अमर्यादित वेश-भूषा है इसलिए समस्या के समाधान के लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालय सख्ती के साथ ड्रेस-कोड लागू करें। विश्वविद्यालय की लड़कियां ऐसे किसी भी निर्देश के विरूद्ध हैं और उनका दावा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी वेश-भूषा तय करने का पूरा अधिकार है। आप राज्य की ‘एथिक्स कमेटी’ के अध्यक्ष हैं। विवाद को बढ़ते हुए देखकर मुख्यमंत्री महोदय ने यह विषय आपकी राय जानने के लिए आपको भेजा है। आप इस मुद्दे पर क्या राय देंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः इस विषय पर कोई भी फैसला करने से पहले हमें कुछ गम्भीर विषयों पर विश्लेषण करना होगा-
मैं सरकार को इस मामले में निम्नलिखित राय देना चाहूंगा-
Question : आपकी उम्र 27 वर्ष है और आप एक अच्छी सरकारी नौकरी में है। आपके माता-पिता खुद निरक्षर हैं और एक पुराने शहर के पारम्परिक मोहल्ले में रहते हैं जहां हिन्दू और मुस्लमानों के संबंधों में तनाव होता रहता है। आप हिन्दू परिवार से हैं। आपकी छोटी बहन जिसकी उम्र 21 वर्ष है एक दिन आपके पास आती है और बताती है कि पड़ोस में रहने वाले एक मुस्लिम युवक से प्रेम हो गया है। वह जानती है कि माता-पिता इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पायेंगे और समाज में तनाव भी होगा किन्तु आप से उम्मीद है कि आप उसका साथ जरूर देंगे। ऐसी स्थिति में आपके पास क्या-क्या विकल्प हैं? आप उनमें से किसे चुनेंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः सर्वप्रथम मैं दो-तीन तथ्यों को दिमाग में रखकर चलूंगा।
इस मामले में निम्नलिखित क्रम में मैं विभिन्न कदम उठाऊंगा-
Question : आप दिल्ली चिड़ियाघर के मुख्य प्रबन्धक हैं तथा वन्य जीवन के संबंध में विशेषज्ञता भी रखते हैं। एक दिन आपको पता चला कि एक बाघ के बाड़े में एक युवक गिर गया है। आपने तुरन्त उस शेर के रख रखाव कर्मियों के साथ बाड़े के पास जाकर देखा तो पाया कि वह शेर उस युवक के एकदम नजदीक आ चुका है। बाहर खडी भीड़ उत्तेजित है और बाघ को पत्थर मारने के साथ-साथ चिड़ियाघर के कर्मियों को भी चेतावनी दे रही है अगर वह युवक नहीं बचा तो वे उन्हें देख लेंगे।
इस जटिल परिस्थिति में आपके पास कौन-कौन से नैतिक विकल्प हैं? आप कौन सा विकल्प चुनेंगे
और क्यों?
Answer : उत्तरः इस मामले में बुनियादी प्रश्न यह है कि मनुष्य के अधिकार ज्यादा हैं या पशुओं के मेरी व्यक्तिगत धारणा है कि मनुष्य के अधिकार सामान्यतः पशु-पक्षियों से ज्यादा माने जाते हैं। किन्तु यह नियम इतना रूढ़ और एक तरफा नहीं होना चाहिए कि हम अन्धे होकर सारे फैसले मनुष्य के हक में करें। यह ध्यान रखना जरूरी है कि पर्यावरण व पारिस्थितिकी तन्त्र मनुष्य के अस्तित्व की प्राथमिक शर्त है।
Question : आप एक महिला IPS अधिकारी हैं और पुलिस प्रशासन में अपनी ईमानदारी व कर्मठता के लिए विख्यात हैं। आपके पति भी सरकारी नौकरी में हैं किन्तु उनकी नौकरी किसी और विभाग में है और आपकी तुलना में उनके पास कम शक्तियां हैं। विवाह के समय आप नौकरी में नहीं थी और उनके निरन्तर सहयोग और उत्साहवर्धन के कारण ही आप इस स्तर पर पहुंच सकी हैं। पुलिस सेवा में आपको जो जिम्मेदारियां दी जा रही हैं वे काफी महत्वपूर्ण हैं और अपेक्षा करती हैं कि आप 24 घंटे अपने कार्य को लेकर सजग रहें। इस वजह से आप अपने परिवार पर उतना समय और ध्यान नहीं दे पा रही हैं जितना आपके पति अपेक्षा करते हैं। एकाध मौके पर ऐसा भी हुआ कि जिस दिन आपका बच्चा बेहद बीमार था उसी दिन जिले में कानून व्यवस्था कि कोई बड़ी समस्या हुई और आपको अधिकांश समय अपनी विभागीय जिम्मेदारियों में ही खर्च करना पड़ा। आपके पति इन स्थितियों से काफी नाराज हैं। उन्हें लगने लगा है कि आपको नौकरी में जाने देने की प्रेरणा उनकी गलती थी। एक दिन किसी तात्कालिक घटना से बेहद नाराज होकर उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि अगर आप उनके साथ रहना चाहती है तो आपको इस्तीफा देना होगा। इस मौके पर कोई समझौता करने की मनोस्थिति में वो नहीं हैं।
इस स्थिति में आपके सामने क्या-क्या चुनौतियां और विकल्प हैं? आप उनमें से क्या-क्या विकल्प चुनना चाहेंगी और क्यों?
Answer : उत्तरः सबसे पहले यह समझना कि पति को वास्तविक रूप से तनाव किस बात का है। नौकरी से समय नहीं देने से या मेरे पद का प्रभाव या सम्मान ज्यादा होने से। अगर समस्या समय की है तो निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं-
अगर दिक्कत मेरे पद के प्रभाव से है तो निम्नलिखित उपायः
पति के अनुचित दबाव की स्थिति में उपायः
बच्चे की परवरिश
परिवार
Question : आप एक सरकारी कार्यालय में अपने विभाग के निदेशक के सहायक हैं। आपने कुछ समय पहले ही यह नौकरी ज्वाइन की है। आपका उच्चस्थ (बॉस) बहुत दयालु एवं आपको अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित करने के लिए तैयार है। आप अपने बॉस का सम्मान करते हैं और उससे बहुत कुछ सीखने को उत्सुक हैं।
एक दिन बॉस किसी काम से आपको अपने घर बुलाता है। आप उसके घर पहुंचे एवं घंटी बजाने से पूर्व आपने जोर-जोर से चिल्लाने का शोर सुना। घर पर बॉस आपका स्वागत करता है किन्तु आपको एक औरत के रोने की आवाज निरंतर व्याकुल कर रही है। आप इसके बारे में बॉस से पूछते हैं तो वह कोई संतोषप्रद उत्तर नहीं देता है। आपको कार्यालय से जानकारी प्राप्त होती है कि आपके बॉस का अपनी पत्नी से व्यवहार बहुत खराब है। वह अपनी पत्नी को मारता है। उसकी पत्नी कम शिक्षित और सरल महिला है। आप देखते हैं कि आपका बॉस कार्यालय में अच्छा व्यक्ति है जबकि घर पर घरेलू हिंसा में संलिप्त है। इस स्थिति में दिए गए विकल्पों का परिणामों के साथ विश्लेषण कीजिए।
(a) इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है।
(b) उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित कीजिए।
(c) स्थिति के बारे में अपना स्वयं नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण।
Answer : उत्तर:
(a): यह बिल्कुल सही है कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है तथा जैसे कि उनका व्यवहार कार्यालय में एक बेहतर व्यक्ति का है घर में एक हिंसक व्यक्ति का तो कहीं न कहीं एक सहायक व कर्मचारी से इतर एक नागरिक होने के नाते मुझे इस समस्या को समझने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि हो सकता है कि वह व्यक्ति भले ही कार्यालय में एक बेहतर व्यक्तित्व का उदाहरण दे रहा हो मगर उसकी यह दोहरी प्रवृत्ति कार्यालय तथा उसकी पत्नी के लिए भविष्य में ज्यादा हानिकारक हो जाए इसलिए एक नागरिक के नाते मुझे इस बात का पता लगाना चाहिए कि वास्तविक समस्या क्या है?
(b): मुझे मामले को लेकर आश्वस्त होने के साथ-साथ इस बात की सूचना उपयुक्त प्राधिकारी को भी देनी चाहिए क्योंकि संगठन के पदसोपानिक व्यवस्था में मैं उनका सहायक हूं न कि अधिकारी। ऐसे में कार्रवाई या संज्ञान का अधिकारी उच्चाधिकारी ही होता है। मुझे एक जागरूक कर्मचारी व नागरिक होने के नाते संगठन की प्रक्रियानुसार यह सूचना व मामला मात्र अधिकारी के संज्ञान में लाने के बाद अन्य संगठनों जैसे महिला आयोग, पुलिस इत्यादि को प्रेषित करने का भी प्रयास करना चाहिए। मगर यह सब कदम मुझे अपने बॉस यानि उस व्यक्ति को एक बार समझाकर या मामले को पूछकर ही लेना चाहिए, जब वह इसकी सूचना मुझे न दे रहे हों।
(c): नवाचारी कदम
Question : आप पुलिस अधिकारी हैं। आप अपनी ईमानदारी व सत्यनिष्ठा के लिए ख्यात हैं। हाल में, आपके पुत्र का कैंसर का इलाज हुआ है, जिसका इलाज जरूरी था, नहीं तो वह घातक सिद्ध हो सकता था। सर्जरी के लिए कैंसर विशेषज्ञों की जरूरत है। इसके लिए बहुत अधिक पैसों की जरूरत पड़ेगी जिसका भुगतान आपके वेतन से संभव नहीं है।
अस्पताल का, जहां आपका पुत्र भर्ती है, एक कैंसर विशेषज्ञ आपसे कहता है कि वह आपके पुत्र का निःशुल्क इलाज कर सकता है, परंतु इसके बदले वह आपसे कुछ कानूनी छूट चाहता है। वह यह भी कहता है कि यदि उसकी योजना असफल हुई, तब भी वह आपका नाम बाहर नहीं आने देगा।
(क) उपर्युक्त परिस्थिति में कौन से मूल्य शामिल हैं?
(ख) उपर्युक्त मूल्यों के आधार पर आप कौन-सी कार्रवाई करना चाहेंगे?
Answer : उत्तरः इस केस में दो स्थिति है, पहला जन सेवा में नैतिक संशय जो कि हितों के टकराव से प्रेरित है और दूसरा आपका रिश्वत को लेकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की साजिश। यह केस आपके व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन का मिश्रण है। इस केस को हल करने के दौरान इस तथ्य को भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि आपका मुख्य उद्देश्य अपने बच्चे के जीवन को बचाना। साथ ही, नैतिकता का भी पालन करना है।
विकल्प
अगर कहीं से भी सहयोग न मिले तो आप रिश्वत इस शर्त पर ले सकते हैं कि आप इसे लौटा देंगे तथा किसी भी गैर-कानूनी काम में सहयोग नहीं करेंगे।
Question : केस
उसे स्पष्ट लग रहा था कि ये चालान नकली हैं। वहीं उसे यह भी पता था अहमद रजा पर एक अन्य वरिष्ठ साकेत सिंह अंबष्ट का भी दबाव है कि रूबिना का मामला सेट्ल किया जाये। राजू सारे मामलों से अहमद रजा को अवगत कराते हैं और सभी के लिए समान नियम की वकालत करते हुये रूबिना के तर्क को खारिज कर देते हैं। इस पर रजा काफी खफा हो जाते हैं और एक सरकारी पत्र भेजते हैं जिसमें रूबिना की इकाई का वैट उस चालान पर ही फिक्स्ड करने का आदेश होता है।
प्रश्न: पेरिस्वामी एम-राजू के पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
प्रश्न: पेरिस्वामी की क्या चुनौतियां हैं?
Answer : संकेतः पेरिस्वामी के समक्ष धर्मसंकट है। या तो वह अपने वरिष्ठ की बात मान ले अथवा सत्य पर अडिग रहे और या तो नौकरी छोड़ दे या अपना तबादला करा ले। देखा जाये तो ये दोनों विकल्प नैतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। यदि वह अपने वरिष्ठ की बात मान लेता है तो फिर उसे अपने प्रांत की सारी इकाइयों का वैट संशोधित करना होगा क्योंकि नकली चालान तो कोई भी बनवा लेगा।
Question : केस
प्रश्न: किस प्रकार के भावनात्मक बल (गुण) श्री बनर्जी को संचालित कर रहा है? भावनात्मक गुण व मूल्यों का उल्लेख करें।
प्रश्न: आपके विचार से दिल्ली शाखा के खराब प्रदर्शन के कारण रहे हैं?
प्रश्न: अनीतिपरक साधनों का सहारा लेने के लिए श्री बनर्जी को क्या प्रेरित किया?
प्रश्न: आपके विचार से कंपनी के लक्ष्य, उसकी मूल्य व्यवस्था में कैसे प्रदर्शित हो रहे थे, क्या वह निष्काम कर्म के सिद्धांत पर आधारित था?
Answer : विश्लेषणः हम यह पाते हैं कि श्री बनर्जी ने उपर्युक्त कार्य अपने कर्मचारियों को दिये गये वादे के लिए किया न कि अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए। किंतु देखा जाये तो यह उनका ‘अहं’ था जिसने अपने वचन की प्रतिष्ठा रखने के लिए सभी प्रकार की जालसाजी करने तथा अपने सहकर्मियों के बीच लोकप्रियता बनाये रखने के लिए प्रेरित किया।
Question : केस
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि सीबीआई के लोक सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई कार्यकर्त्ता को सूचना देने से इंकार करना सही था?
प्रश्न: क्या आरटीआई एक्ट की धारा 24(1) के तहत प्रावधानित अनुसूची 2 के तहत उल्लेखित संगठनों को सूचना के अधिकार के तहत किसी भी प्रकार की सूचना देने से उन्मुक्ति दी गई है?
Answer : संकेतः यह सही है कि केंद्रीय अण्वेषण ब्यूरो को वर्ष 2011 में आरटीआई कानून के 24(1) के तहत अनुसूची 2 में शामिल किया गया है और इस आधार पर उसे सूचना देने से उन्मुक्ति प्रदान की गयी है। पर यहां धारा 24 को ‘सूचना’ की परिभाषा एवं पारदर्शिता कानून के तहत दी गई सूचना का अधिकार से जोड़कर देखे जाने की जरूरत है।
Question : केस
प्रश्न: सत्यम कंप्यूटर्स के उपर्युक्त घोटाले में कार्पोरेट गवर्नेंस से जुड़े क्या मुद्दे थे?
प्रश्न: कंपनी के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स कौन से थे और उनके साथ क्या विश्वासघात हुआ?
प्रश्न: कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की भूमिका का परीक्षण करें।
Answer : संकेतः सत्यम में कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मुद्दा इसलिए है क्योंकि विभिन्न हितधारकों के प्रति कंपनी के दायित्वों को पूरा नहीं किया गया। अपने सभी हितधारकों के साथ कंपनी ने खराब संबंध को सिद्ध किया।
Question : केस
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि मुकेश अम्बानी को दी गई सुरक्षा के खिलाफ दायर की गयी जनहित याचिका उचित है जबकि सुरक्षा पर आने वाला खर्च मुकेश अंबानी द्वारा वहन किया जा रहा है?
Answer : उत्तरः यह केस निम्न शीर्षकों के आधार पर समझा जा सकता हैः
Question : केस
प्रश्न: क्या भारत को यह अधिकार है कि श्रीलंका पर 13वें संविधान संशोधन में बदलाव न लाने के लिए दबाव डाले? पुनः इस मुद्दे पर श्रीलंका सरकार के रवैये के बारे में आपकी क्या राय है?
Answer : उत्तरः यह केस निम्न शीर्षकों के आधार पर समझा जा सकता है:
Question : केस
प्रश्न: अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की मान्यताओं के आधार पर भारत द्वारा की कारवाई नैतिक दृष्टि से कहां तक सही है?
Answer : उत्तरः यह केस निम्न शीर्षकों के आधार पर समझा जा सकता हैः
Question : केस
प्रश्न: वर्तमान में चल रहे मध्याह्न भोजन के कार्यान्वयन की प्रक्रिया की क्या स्थिति है? इस पर अपना विचार प्रकट करें। हाल में हुए त्रासदी के आलोक में मध्याह्न भोजन के कार्यान्वयन में सुधार के लिए अपना सुझाव दें।
Answer : उत्तरः प्रस्तुत केस को निम्न शीर्षकों के अंतर्गत समझा जा सकता है-
अब मुख्य प्रश्न यह है कि मध्याह्न भोजन योजना की कार्य संरचना कैसी है और इसका सफल कार्यान्वयन किस प्रकार किया जा सकता है? इस संबंध में निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
Question : केस
भूमिकाः यहां मामला यह है कि एक विदेशी शक्ति भारत को यहां हुए आपदा में मदद की पेशकश कर रहा है लेकिन भारत सरकार मदद लेने को इच्छुक नहीं है। भारत सरकार का यह मानना है कि आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों में विदेशी मदद लेने पर यहां (भारत) के आपदा प्रबंधन योजनाओं की खामियां उजागर हो जाएंगी जिससे भारत की प्रतिष्ठा धूमिल होगी। वस्तुतः यह दुविधा भारत के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि एक तरफ उसे उत्तरांचल में हो रही जान-माल की क्षति को रोकना है तो दूसरी तरफ भारत की गरिमा को भी बचाना है।
प्रश्न: आपके विचार में भारत की नीति इस संदर्भ में कैसी होनी चाहिए? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
Answer : उत्तर: इस केस को निम्नांकित शीर्षक के अन्तर्गत समझा जा सकता हैः
Question : केस
भूमिका
जैसा कि ऊपर बताया गया है, उच्चतम न्यायालय द्वारा यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि जिस व्यक्ति पर मुकदमा चल रहा हो वह पुलिस बल में शामिल किए जाने योग्य नहीं होता जबकि वह चुनाव लड़ सकता है। निर्णय का आधार यह है कि पुलिस विभाग में अनुशासन की विशेष जरूरत होती है तथा आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को इसमें शामिल किए जाने पर पुलिस विभाग का अनुशासन भंग हो सकता है।
प्रश्न: क्या आपके विचार में सिर्फ पुलिस विभाग के लिए ही सत्यनिष्ठा की आवश्यकता होती है। उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से क्या राजनीति में नैतिक संहिता के अनुपालन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है?
Answer : उत्तर: इस केस को निम्न शीर्षकों के अंतर्गत समझा जा सकता हैः
किसी राजनीतिक तंत्र की कार्यप्रणाली उसके अंतर्गत कार्य कर रहे विभिन्न इकाइयों के कार्यों पर निर्भर करती है। पुलिस बल तथा चुने गए लोक प्रतिनिधि- ये दोनों ही किसी भी राजनीतिक तंत्र के लिए दो अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकारी/तंत्र माने जाते हैं। किसी राजनीतिक व्यवस्था के लिए दोनों का समान महत्व है। लोक प्रतिनिधि आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा पुलिस बल समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरदायी होता है।
पुनः इस व्यक्ति ने बस कंडक्टर पर हमला किया था। इससे यह भी पता चलता है कि इसमें भावनात्मक बुद्धि व समझ का अभाव है और वह अपनी भावना पर नियंत्रण कर पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में उसे पुलिस बल के योग्य नहीं समझा जा सकता जहां सिपाहियों से सहिष्णुता एवं समझदारी की उम्मीद की जाती है।
Question : केस
प्रश्न: आप एक न्यायाधीश को इस मामले में क्या सलाह देंगे?
Answer : उत्तरः समाधान एवं विश्लेषणः उपर्युक्त मामले में पिता व चिकित्सक के बीच मूल्य के स्तर पर संघर्ष होने की स्थिति के कारण विवाद आरंभ हुआ है और इस मामले के निर्धारण में अनिल फ्रांसिस का दृष्टिकोण मुख्य है- आहार ट्यूब को वापस लेना उसके जीवन के अधिकार का उल्लंघन है या नहीं? चूंकि फ्रांसिस की चिकित्सकीय दशा ऐसा नहीं है कि वह अपने स्तर पर यह बता सके कि उसके जीवन पर कौन सा मूल्य अपनाया जाना चाहिए। उपर्युक्त घटना से पूर्व उसने अपने जीवन के बारे में कोई राय रखी है भी या नहीं, यह हमें नहीं पता। यहां उसके माता-पिता उसके हित का प्रतिनिधित्व करने की भूमिका निभा रहे हैं। यहां फ्रांसिस के पिता से फ्रांसिस की अहमियत के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
Question : केस
प्रश्न: उपरोक्त परिस्थिति से निपटने के लिए आप क्या सलाह देंगे?
Answer : उत्तरः समाधान एवं विश्लेषणः उपयोगितावादी सिद्धान्त के अनुसार अधिकतम का कल्याण तथा न्यूनतम की हानि ही उचित है। इस दृष्टिकोण से देखें तो विमान में 150 लोग सवार हैं। उनके अलावा तीन आतंकवादी हैं। आतंकवादियों की मुख्य मांग चार खूंखार आतंकवादियों की रिहाई है। यहां चार लोगों की रिहाई की बदौलत अधिकतम लोगों (150) की जान बचाई जा रही है यदि अपहरण विमान को आतंकवादियों के विवेक पर छोड़ा जाता है तो संभव है कि वे उसे उड़ा दे जिसके कारण सभी लोग मारे जाएंगे।
Question : केस
प्रश्न: क्या आप मानते हैं कि भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी नहीं है? क्या आप भारतीय रेलवे के उस तर्क से सहमत हैं कि विधि एवं व्यवस्था उसका विषय नहीं होने के कारण वह यात्रियों की क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है?
Answer : उत्तरः भारतीय रेलवे के इस तर्क से सहमत नहीं हुआ जा सकता कि रेलगाड़ी में हुई किसी डकैती के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यात्रियों को यात्र के दौरान पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफलता, ट्रेन में सुरक्षा प्रबंधन का दायित्व संभालने वाले व्यक्यिों की ओर से कुछ और नहीं वरन् लापरवाही है और इस लापरवाही के लिए भारतीय रेलवे उत्तरदायित्व से नहीं बच सकता। ऐसे में क्षतिपूर्ति देने से रेलवे इंकार नहीं कर सकता और उसका कदम बिल्कुल गलत है।
Question : केस
प्रश्न: उस गरीब आदमी का बेहतर इलाज कौन सा होगा?
Answer : विश्लेषणः निश्चित रूप से विकल्प 2 होगा। किंतु मरीज गरीब है और चिकित्सक जानता है। कि वह दुकान से महंगी दवाइयां नहीं खरीद सकता तो फिर चिकित्सक विकल्प 1 का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकता। कम से कम उसका इलाज तो होगा भले ही इलाज सर्वोत्तम नहीं हो। चिकित्सक ऐसी परिस्थितियों का असंख्य बार सामना करता है।
Question : आप एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी हैं। आपकी नियुक्ति एक साम्प्रदायिक रूप से अत्यधिक संवेदनशील जिले में हुई है। पिछले कुछ वर्षों से इस जिले में कई साम्प्रदायिक घटनाएं हो चुकी हैं। आपके ऊपर उस इलाके में शान्ति बहाली का दबाव है। ऐसी स्थिति में आप अपने जिले में शान्ति एवं सद्भाव कैसे सुनिश्चित करेंगे? आप समस्या से निपटने हेतु प्राथमिकता के आधार पर क्या-क्या कदम उठायेंगे?
Answer : उत्तरः एक जिला अधिकारी के रूप में समाज में शान्ति एवं सद्भाव बनाना मेरा प्राथमिक दायित्व है। अतः शान्ति एवं सद्भाव को बनाये जाने के लिए मैं निम्नलिखित प्रयास करूंगा-
ये सभी कदम प्राथमिकता के आधार पर उठाये जायेंगे तथा इनसे संबंधित जानकारी मीडिया तथा वरिष्ठ अधिकारियों को दी जायेगी ताकि लोगों का प्रशासन में विश्वास बढ़े। इसके अलावा कुछ अन्य कदम उठाये जायेंगे-
Question : आप एक ऐसे जिले के पुलिस अधीक्षक हैं जो महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए पिछले कई सालों से जाना जाता है। आप अभी हाल ही में उस जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हुए हैं। जिले में पुलिस अधिकारियों के साथ आपकी बातचीत में आपको पता चला है कि वे तुरंत न्याय के पक्ष में रहते हैं और आम तौर पर इसका प्रयास भी करते हैं। उदाहरण के लिए, सड़कों पर महिलाओं से छेड़खानी करने वालों का पीछा करना और मारना एक आम बात है। पीड़ितों से पुलिस स्टेशनों में अपने उत्पीड़कों के खिलाफ ‘बदला लेने’ के लिए कहा जाता है ताकि वे कठोर वस्तुओं के साथ आरोपी को मार सकें।
क्या आप मानते हैं कि ऐसे ‘ऑन द स्पॉट प्रतिक्रिया’ या तुरंत न्याय, अपराधियों के नैतिक और सुधारवादी कदमों के खिलाफ हैं? अपने विचारों का औचित्य सिद्ध करें।
Answer : उत्तरः अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं के खिलाफ छेड़खानी या अन्य अपराध करने वाले आसानी से जमानत लेकर मुक्त भाव से घूमते रहते हैं और ऐसे मामले भी लंबे समय तक खींचते हैं, ऐसे में अक्सर पुलिस हतोत्साहित या हताश अनुभव करती है। इसलिए अक्सर पुलिस ऐसी पीड़िता को तुरंत न्याय देने के लिए ऑन द स्पॉट ‘न्याय’ का सहारा लेती है। हालांकि इस तरह के सहारे में निम्नलिखित मुद्दे शामिल हैं-
Question : आप किसी जिले के जिलाधिकारी हैं। पिछले कुछ वर्षों से सरकार लगातार डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रही है। परन्तु इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और सोशल मीडिया के विस्तार अब देश के कोने-कोने में हो चुका हैं। परिणामस्वरुप, आजकल दंगों को भड़काने और आपसी सामाजिक सौहार्द को मिटाने में कुछ असामाजिक तत्व इस इंटरनेट और सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। चूँकि अभी ऐसे लोगों को पकड़ना और उनकी पहचान करना मुश्किल है इसलिए ऐसे में प्रशासन को बार-बार कई क्षेत्रों में इंटरनेट बंद करना पड़ता है। डिजिटल भारत में, इंटरनेट के बारे में हर नीतिगत निर्णय नागरिकों के अधिकारों को प्रभावित करता है। भारत में हालिया इंटरनेट शटडाउन से जुड़े कानूनी और नैतिक मुद्दों की जांच करें।
Answer : उत्तरः इंटरनेट शटडाउन जानबूझकर किसी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच को प्रतिबंधित करता है। भारत में जहां एक तरफ अर्थव्यवस्था को डिजिटाइज करने और सेवाओं को और अधिक सुलभ और तेज बनाने के लिए बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है वही दूसरी तरफ इंटरनेट बंद होने के उदाहरण भी सामने आते हैं। इस संबंध में यह निम्नलिखित मुद्दों को जन्म देता है-
कानूनी मुद्दे
नैतिक मुद्दे
Question : आप एक तहसील में कनिष्ठ अभियंता के रूप में काम कर रहे हैं। आपको उस क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए मनरेगा कार्यों को मापने की जिम्मेदारी दी गई है। आपके पास सभी मनरेगा कार्यों को तकनीकी रूप से अनुमोदित करने का अधिकार है। इन पंचायतों में से एक में आप देखते हैं कि आपके पूर्ववर्ती ने कई कार्यों को गलत तरीके से मापा है और कई मामलों में उन्होंने उन कार्यों को मंजूरी दे दी है जो कभी अस्तित्व में नहीं थे। एक दिन पंचायत के कुछ निर्वाचित सदस्य नौकरी कार्ड के बंडल के साथ अपने द्वारा किए गए कार्यों के लिए ‘स्वीकृति’ मांगने के लिए आते हैं। जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने खुलासा किया कि वे ठेकेदार थे जिन्होंने मनरेगा के तहत काम पूरा कर लिया था। जब आप उनकी मांग को खारिज करते हैं, तो वे आपको धमकी देते हैं और आपको बताते हैं कि पिछले जूनियर अभियंता को उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने के लिए डरा-धमका कर बाध्य किया था क्योंकि उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी थी। यह आपकी पहली नौकरी है और आपके परिवार के भरण-पोषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं कि तहसील के कुछ हिस्सों में कुछ जूनियर अधिकारियों को मार डाला गया या उन पर जानलेवा हमले किये गए।
आप इस स्थिति में क्या करेंगे? मनरेगा अधिनियम के नियमों और अन्य प्रशानिक नियमों का हवाला देते हुए विस्तार से बताएं।
Answer : उत्तरः अक्सर ऐसे मामलों में देखा गया है कि ठेकेदार डरा-धमका कर अधिकारियों से काम करवा लेते हैं। चूँकि यह मेरी पहली नौकरी है और मुझे अपनी योग्यता, साहस, कर्तव्यनिष्ठा को साबित करने का सबसे अच्छा मौका मिला है। अगर मैं उनकी धमकी से डर गया तो आगे भी मेरी छवि एक डरे अधिकारी की बन सकती है और वे ठेकेदार बाद में और भी गलत कार्य करने को प्रेरित होंगे।
चूँकि मैं जानता हूं कि यदि मैं किसी भी मामलें में ठेकेदारों द्वारा निर्देशित बातों का अनुपालन करता हूं, तो मेरी नौकरी पर संकट होगा और सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। अतः ऐसी धमकियों और गलत कार्यों को करने के बजाय साहस के साथ निपटाते हुए अपने कार्यों को ईमानदारी से करना ही मेरे लिए बेहतर होगा।
Question : आप छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासनिक अधिकारी हैं। एक दिन सूचना मिलती है कि दंतेवाड़ा जिले में नक्सलवादियों ने लगभग पचास नागरिकों को बंधक बना लिया है जिसमें 15 बच्चे व पांच विदेशी नागरिक (2 अमेरिकी, 2 ब्रिटिश व 1 पाकिस्तानी) भी शामिल हैं। नक्सलवादियों की मांग हैं कि उनके 10 साथियों को देश से रिहा किया जाए व उन पर लगाए गए मुकदमे भी वापस लिए जाएं, सरकार की ओर से कोशिश की गई कि किसी और रास्ते से काम चला लिया जाए किंतु इसी बीच नक्सलियों ने एक बंधक की हत्या कर दी है। जनता की मांग है कि बंधकों को छुड़ाया जाए।
राज्य सरकार ने अपनी विशिष्ट योग्यताओं को देखते हुए आपको इस मामले में निर्णय लेने हेतु अधिकृत किया है। आप चाहें तो नक्सली नेताओं से वार्ता भी कर सकते हैं। इस परिस्थिति में निम्न प्रश्नों पर विचार करें-
Answer : उत्तरः इस जटिल परिस्थिति में मेरे पास कुछ ही विकल्प होंगे; जैसे-
मैं इनमें से तीसरे विकल्प को चुनूंगा किन्तु इसके साथ निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दूंगा-
Question : आप एक जिले में जिला अधिकारी हैं। आप के जिले में कुछ दिनों से लड़कियों पर तेजाबी हमले की घटनाएं अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हैं और राज्य सरकार ने इस सम्बंध में आपसे एक रिपोर्ट मांगी है जिससे आपको इस समस्या के बढ़ने के साथ-साथ वे सुझाव भी प्रस्तुत करने हैं जिनके माध्यम से इस समस्या को नियन्त्रित किया जा सकता है। लगभग 250 शब्दों में अपनी रिपोर्ट का सार प्रस्तुत करें।
Answer : उत्तरः उपरोक्त परिस्थिति में मेरे मन में मुख्यतः तीन चिन्ताएं होगी जो इस प्रकार हैं-
पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवाने के लिए सर्वप्रथम मैं इस बात का अध्ययन करूंगा कि तेजाबी हमले से जुड़े कानून पर्याप्त रूप से कठोर हैं या नहीं। ऐसे मामलों की जांच और कानूनी मामलों की कार्रवाई समुचित गति से होती है या नहीं। इस सबंध में मेरे निम्नलिखित सुझाव हो सकते हैं-
दूसरी चिंता यह है कि पीड़ितों का समुचित पुनर्वास होना चाहिए। इसमें आर्थिक, सामाजिक व मनोवैज्ञानिक सभी पक्ष शामिल होंगे। इस पक्ष में मेरे निम्नलिखित सुझाव हो सकते हैं-
रिपोर्ट का अंतिम हिस्सा इस विषय पर केन्द्रित होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है इसके लिए कुछ तात्कालिक उपाय करने होंगे और कुछ दीर्घकालिक उपाय; जैसे-
Question : आप एक जिला अधिकारी हैं। एक दिन आपको खबर मिलती है कि जिले में एक विवाह कार्यक्रम में जिस लड़की का विवाह हो रहा था। अचानक किसी ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। डॉक्टरों के प्रयासों से उस लड़की का जीवन तो बच गया किन्तु चेहरे और शरीर के कुछ अन्य हिस्सों पर तेजाब गिरने के कारण उसका रूप विकृत जैसा हो गया है। इसके कारण उसका आत्म सम्मान कम हुआ और वह अवसाद (Depression) ग्रस्त हो गई। एक मनोवैज्ञानिक ने आपको बताया है कि निरन्तर ऐसी स्थिति में रहने से व्यक्ति आत्म हत्या का प्रयास कर सकता है। आपने उस लड़की से बातचीत की है और पाया है कि वह अत्यन्त पढ़ी लिखी और समझदार युवती है। पहले वह एक नौकरी भी करती थी किन्तु उसने अब वह भी छोड़ दी है। आप उसके संकट का समाधान चाहते हैं और इसका समाधान करना आपकी प्राथमिकता है। अभी आप स्वयं अविवाहित हैं और रात-दिन जनता की सेवा करने के लिए विख्यात हैं।
इन परिस्थिति में आप किन विकल्पों पर विचार करेंगे, क्या निर्णय लेंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः इस मामले में मेरी प्रमुख चिंताएं निम्नलिखित होंगी-
अवसाद दूर करना तथा पुनर्वास करना
विवाह करने से संबंधित निर्णय
Question : आप एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं। श्री X आपके कार्यालय के वरिष्ठ कर्मी हैं और अपने प्रबन्धकीय कौशल के लिये विख्यात हैं। कार्यालय की किसी भी चुनौती या प्रबन्धन करने में उनका कोई मुकाबला नहीं है। व्यवहारिक स्थिति यह है कि उनका कार्यालय उन्हीं के कारण चलता है।
एक दिन जब श्री X किसी दूसरे शहर की सरकारी यात्रा पर गये हुए थे तो उनकी पत्नी और बच्चे आपसे मिलने के लिए आये। पत्नी ने बताया कि श्री X न केवल घर में बुरा व्यवहार करते हैं बल्कि उसे और बच्चों को गालियां देना और मारना-पीटना भी उनकी सामान्य आदत है। उसने अपने घर के बड़ों से जब यह बात कही तो सबने श्री X के रूतबे को देखते हुए यही सलाह दी कि वह चुप रहे और स्थितियों को सहन करे।
आपने बातचीत के दौरान महसूस किया कि बच्चे भी काफी डरे हुए हैं और उन्हें यह भय भी है कि जब उनके पिता को इस बात का पता चलेगा कि उनकी शिकायत की गई है तो वे गुस्से में क्या सजा देंगे?
श्री X की पत्नी ने आपसे सलाह मांगी है ऐसी स्थिति में उसे क्या करना चाहिए? उसकी यह इच्छा भी है कि आप मानवीय आधार पर उसकी मदद करें। वह कानूनी विकल्प पर भी विचार करने को तैयार है और चाहती है कि आप उसे बताए कि उसके पास कौन से कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं?
बतायें कि आप इस परिस्थिति में कौन से कदम उठायेंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः इस परिस्थिति में मैं सबसे पहले श्री X की पत्नी को समझाने का प्रयास करूंगा कि कानूनी विकल्प तो उसके पास है ही, किन्तु बेहतर होगा कि उससे पहले ऐसे विकल्पों को इस्तेमाल किया जाए जिनसे उनके बीच एक स्वस्थ पारिवारिक संबंध बन सकता हो। मैं उन्हें आश्वस्त करूंगा कि उनकी मुझसे सलाह करने की जानकारी श्री X को नहीं मिलेगी ताकि वे समाधान की प्रक्रिया में लगातार मेरा सहयोग निर्भय होकर ले सकें।
इस समस्या के समाधान के लिए मैं निम्नलिखित विकल्पों को आजमाऊंगा-
(वैसे भी मानव संसाधन प्रबन्धन में यह माना जाता है कि संगठन को लगातार इस बात के लिए सचेत रहना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति अप्रतिस्थापनीय न होने पाये)
Question : आप एक वरिष्ठ लोक सेवक हैं। व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक जीवन में अपनी सत्यनिष्ठा के लिए विख्यात हैं, आप सयुंक्त परिवार में रहते हैं जिसमें आपका और आपके छोटे भाई का परिवार भी रहता है। आपका छोटा भाई भी सरकारी सेवक है और ऊंचे पद पर है। हालांकि, आपसे कनिष्ठ है।
आप देखते हैं कि आपका भाई अपने बच्चों और पत्नी के प्रति निर्मम व्यवहार करता है जिसमें गाली-गलौज तथा मार-पिटाई भी शामिल है। उसकी पत्नी उससे भयभीत रहती है और किसी से भी शिकायत नहीं करती। आपके माता-पिता की मौन सहमति भी आपके भाई के साथ है। आपके भाई का व्यवहार लगातार खराब होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में आप क्या निर्णय लेंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः सबसे पहले यह समझने का प्रयास करूंगा कि मेरे भाई का ऐसा व्यवहार क्यों है-
Question : आप एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं। एक दिन आपको जानकारी मिलती है कि आपका एक अधीनस्थ AIDS से ग्रस्त है। इससे पहले कि आप इस जानकारी को फैलने से रोक सकें कार्यालय के सभी व्यक्तियों को यह जानकारी मिल जाती है। अब कार्यालय के सभी कर्मचारी आप पर दबाव बना रहे हैं कि उस व्यक्ति को निलम्बित, बर्खास्त या स्थानान्तरित किया जाए क्योंकि उन्हें डर है कि उसके वहां रहने से उन्हें भी संक्रमण हो सकता है।
आपने उन्हें समझाया कि HIV हवा से या छूने से नहीं फैलता लेकिन वे इतने डरे हुए हैं कि आपकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। उन सबने मिलकर निर्णय कर लिया है कि जब तक उस कर्मचारी को कार्यालय से नहीं हटाया जायेगा तब तक वे काम नहीं करेंगे। आपके कार्यालय पर पहले से ही बहुत अधिक कार्य भार है और अगले एक सप्ताह में कुछ तात्कालिक महत्व के कार्य निपटाने ही हैं।
इस स्थिति में आपके पास क्या-क्या विकल्प है और आप किस तथा किन विकल्पों को चुनेंगे तथा क्यों?
इस परिस्थिति में मेरे सामने तीन चुनौतियां हैं जिनका समाधान अपेक्षित हैं-
Answer : उत्तरः कर्मचारी को विश्वास दिलाऊंगा कि किसी भी स्थिति में उसके किसी अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा। साथ ही उसे यह भी समझाऊंगा कि शेष कर्मचारियों का व्यवहार धीरे-धीरे सहज होगा। इसलिए कुछ दिनों तक अपने आत्म-विश्वास और धैर्य को बनाए रखें।
अंतिम चुनौती यह है कि कार्यालय का काम बाधित न हो, उसके लिए मैं निम्नलिखित कदम उठाऊंगा-
Question : Mr. A नामक अधिकारी के द्वारा किसी संरचनात्मक निर्माण पर रोक लगाया गया जो उनके नजरिये से अवैध था। इस पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए यह विचार प्रस्तुत किया कि इससे राज्य में 2 समुदायों के बीच विवाद की सम्भावनाएं थी और A के द्वारा किया गया कार्य उचित नहीं था। इस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया है जो उस अधिकारी के हित में ही है। उनके जीवन रक्षा को ध्यान में रखकर ही किया गया है। ऐसी घटना के उपरान्त राज्य के IAS Association us Media Management करते हुए राज्य सरकार की कार्रवाई गलत है, इसके लिए ज्ञापन दिया। PM को और सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष को औपचारिक रूप से A के स्थगन को हटाने के लिए ज्ञापन प्रस्तुत किया। ऐसी परिस्थिति में निम्नांकित बिन्दुओं पर विचार करें और अपनी तर्कणा को प्रस्तुत करें।
Answer : उत्तरः चूंकि किसी भी तरह की औपचारिक प्रतिक्रिया Code of Conduct के विरूद्ध होती है। अतः यहां पर IAS संघ द्वारा की गई प्रतिक्रिया निश्चित तौर पर कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है।
Question : आप किसी संगठन में अध्यक्ष के पद पर हैं। आपकी उस संगठन में कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का और उन्हें कार्यकुशल बनाने का दायित्व भी सौंपा गया है। यदि आप इसमें बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो आपको प्रशासनिक एकेडमी का निदेशक बनाया जा सकता है। आप ऐसे पद को प्राप्त करने के लिए प्रबल इच्छा भी रखते हैं। ऐसी परिस्थिति में निम्नांकित चार परिस्थितियों में आप किस तरह की भावनात्मक बुद्धिमता का व्यवहार करेंगे?
उपर्युक्त चारों परिस्थितियों में आप किस तरीके से भावनाओं को प्रस्तुत करेंगे?
Answer : उत्तरः प्रस्तावित परिस्थितिजन्य केस अध्ययन भावनात्मक बुद्धिमता जैसे विषय वस्तु से संबंधित है जिसमें यह अपेक्षा है कि कोई सिविल सेवक अपने अधीनस्थों के साथ अलग-अलग भावनाओं का प्रदर्शन करे ताकि परस्पर अंत:संबंध भी बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो और कर्मचारियों को कार्य कुशल तरीके से प्रशिक्षण हो।
Question : यदि आप किसी प्रशासनिक संगठन के मुखिया हैं और आपको अपने अधीनस्थों का एक समूह बनाना है जो कार्यबल (Task Force) की भांति प्रयास करेंगे और किसी विशिष्ट लक्ष्य के लिए कार्य करेंगे। सामान्यतः समूह में समूह चिंतन की समस्याएं देखने को मिलती है; इससे वास्तविक लक्ष्यों पर अनुक्रिया नहीं हो पाता है। समूह चिंतन की वजह से समूह किसी नकारात्मक विचारों को भी लेकर चलता है। ऐसी परिस्थिति में आप कौन-कौन सी पहल करेंगे ताकि समूह चिंतन की समस्या का न्यूनीकरण किया जा सके?
Answer : उत्तरः ऐसे किसी समूह को दो आलोचनात्मक उपसमूहों में विभाजित किया जाना चाहिए।
Question : आपको एक जिले में एक पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्ति प्राप्त हुई है। एक दिन आपको एक सड़क दुर्घटना की जानकारी प्राप्त होती है जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। आप तुरंत घटना स्थल पर पहुंचते हैं और पाते हैं कि चारों व्यक्ति अचेत अवस्था में सड़क पर पड़े हैं। घटना के इतनी देर बाद भी कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया। आप पहुंचते ही उन चारों घायलों को तुरंत निकटतम चिकित्सालय भेजते हैं। वहां लोगों की भीड़ जुटी हुई है परन्तु जब आप एफआईआर दर्ज करने के लिए वहां मौजूद लोगों से पूछताछ करते हैं तो कोई भी गवाह के रूप में सामने नहीं आता। आप अपने एक अधीनस्थ से पूछते हैं तो वह बताता है कि लोग डर के कारण ऐसा करने से मुकर जाते हैं।
Answer : उत्तरः अक्सर देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना के मामलों में लोग गवाह होने के लिए आगे आने में संकोच करते हैं। यह देखा गया है कि लोग दुर्घटना के बाद इससे प्रभावित की मदद के बजाय सड़क किनारे मूक दर्शक के रूप में खड़े रहते हैं। लोगों के ऐसे व्यवहार के लिए निम्नलिखित कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है-
Question : देश के विकास के लिए आधारभूत ढांचे का विकास करना अति आवश्यक होता है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जमीन की आवश्यकता होती है। जमीन अधिकांशतः आदिवासियों, पहाड़ी निवासियों एवं ग्रामीण समुदायों से प्राप्त की जाती है। विस्थापितों को न तो पर्याप्त और न ही समय पर मुआवजा मिल पाता है जिससे इनका जीवन अधिक कष्टकर हो जाता है। वे आखिरकार कम मजदूरी वाले प्रवासी श्रमिक बन जाते हैं जिससे उनका परम्परा एवं संस्कृति से कटाव भी हो जाता है। आधारभूत ढांचे के विकास से होने वाले लाभ विस्थापित को नहीं मिलकर शहरी लोगों को मिलते हैं जबकि विकास की लागत इन गरीब असहाय लोगों पर डाल दी जाती है। लागतों एवं लाभों का यह अनुचित वितरण अनैतिक है। यदि आपको ऐसे विस्थापित व्यक्तियों के लिए अच्छे मुआवजे एवं पुनर्वास नीति का मसौदा बनाने का कार्य दिया जाता है तो आप इस समस्या के संबंध में क्या दृष्टिकोण रखेंगे एवं आपके द्वारा बनाई गई नीति के मुख्य तत्व कौन-कौन से होंगे?
Answer : उत्तरः उपर्युक्त समस्या का हल निकालने में मेरे द्वारा बनायी गई नीति का दृष्टिकोण तथा तत्व निम्निलखित होंगे-
इस प्रकार इन लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही, राज्य अपने कर्तव्यों का भी पालन कर सकेगा।
Question : आप एक सामाजिक सेवा योजना के क्रियान्वयन के कार्यप्रभारी हैं, जिससे बूढ़ी एवं निराश्रय महिलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एवं अशिक्षित महिला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आती है। उसके पास पात्रता मानदंड के लिए आवश्यक कागजात नहीं हैं लेकिन उससे मिलने पर एवं उसे सुनने पर आप महसूस करते हैं कि उसे सहायता की तत्काल आवश्यकता है। आपकी जांच से पता चलता है कि वह वास्तव में दयनीय दशा में निराश्रित जीवन जी रही है। आप इस धर्मसंकट में हैं कि क्या किया जाए? उसे बिना आवश्यक कागजात के योजना में शामिल किया जाना नियमों का स्पष्ट उल्लंघन होगा। उसे सहायता के लिए मना करना भी निर्दयता एवं अमानवीय होगा।
Answer : उत्तर (a): इस समस्या में धर्मसंकट का रूप नैतिकता से जुड़ा है। वहीं एक तरफ नैतिकता है तो दूसरी तरफ कर्तव्य दोनों के बीच की भूमिका कुछ इस प्रकार होगी:
उत्तर (b): इसके पीछे अनेक कारण हैं-
Question : आप एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं। महिलाओं से संबंधित सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक मामलों पर आपने काफी कार्य किया हुआ है। इस बात को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने हाल ही में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के संबंध में सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया है। आप उस समिति के अध्यक्ष हैं। पद ग्रहण के बाद जब आपने ऐसे अपराधों के बारे में आकड़े जुटाने और उनके विश्लेषण शुरू किये तो आपको पता चला कि महिलाओं को जलाना, उनको प्रताड़ित करना, उनके साथ यौन शोषण के मामले सर्वाधिक हैं। उनमें कुछ ऐसे भी अपराध शामिल हैं जो पूरे समाज एवं प्रशासन के लिए शर्मसार करने वाले हैं।
Answer : उत्तरः एक लोकतांत्रिक एवं कल्याणकारी राज्य में अपने नागरिकों को सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। किसी भी समाज एवं देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाली ऐसी घटनाओं को जायज नहीं ठहराया जा सकता। ऐसी घटनाएं असंवैधानिक, अपराधिक तथा अमानवीय हैं और इनसे निपटने हेतु सख्त से सख्त कदम उठाये जाने चाहिए।
Question : आप एक पिछड़े जिले के उप जिलाधिकारी हैं। आपके क्षेत्र के अन्तर्गत एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा लगायी जा रही है। आपके पास आपके क्षेत्राधिकार के एक गांव की कुछ बालिकाएं शिकायत लेकर आती हैं कि उनका चयन उस इकाई में हुआ है। वे सभी काफी पिछड़ी पृष्ठभूमि एवं गरीब परिवार से हैं। उनके परिवार के ऊपर काफी कर्ज है इसलिए वे उस इकाई में कार्य करना चाहती हैं। परन्तु उनकी ग्राम पंचायत ने उनको एवं उनके परिवार को नौकरी न करने की धमकी दी है। वे शिकायत करती हैं कि यदि वे घर से बाहर निकलकर जायेंगी तो उनका एवं परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा। साथ ही, गांव के कुछ दबंगों ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है।
Answer : उत्तरः भारत का संविधान सभी नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करता है ताकि नागरिक स्वतंत्र रूप से अपने कार्य को अंजाम दे सके। ऐसे ही अधिकारों में प्रमुख है, अनुच्छेद-21 के तहत सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार, अनुच्छेद-16 के अन्तर्गत बिना भेदभाव के कार्य करने के अधिकार तथा अनुच्छेद-19 के अन्तर्गत स्वतंत्रता के अधिकार। पंचायत द्वारा उन बालिकाओं को खाद्य प्रसंस्करण इकाई में कार्य करने से रोकने हेतु धमकी देना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। अतः इस समस्या के समाधान हेतु कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
Question : हाल में आपका स्थानांतरण एक ऐसे साधारण पुलिस स्टेशन में एसएचओ पद पर हुआ है जो चोरी के लिए विख्यात है। उस क्षेत्र के लोग पुलिस के व्यवहार के प्रति सशंकित रहे हैं और उनसे सहयोग के बारे कभी सोचा भी नहीं। पुलिस अधिकारियों का बर्ताव ऐसा रहा है कि लोग स्थानीय गुंडों के बजाय पुलिस से अधिक डरते रहे हैं। पुलिस विभाग से लोगों का विश्वास उठ चुका है। अपराध दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस अधिकारी कभी भी समय पर रिपोर्ट नहीं करते हैं और वे अपराधियों के बजाय निर्दोष को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। पुलिस स्टेशन की बदतमीजी गृह मंत्रालय और राज्य स्तरीय पुलिस बैठक तक पहुंच चुकी है। आपकी गंभीरता व रिकॉर्ड को देखते हुये स्थिति में सुधार के लिए आपको उस पुलिस स्टेशन भेजा जाता है।
Answer : उत्तर (a): यह कर्तव्यच्युति का केस है। इस स्थिति में दो चीज किया जा सकता है- पहला, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाय तथा दूसरा, उचित कार्रवाई की जाय। पहले आप एक कार्यशाला का आयोजन कर सकते हैं जिसमें आप अपने सहकर्मियों को अपने कर्त्तव्य निर्वाहन के लिए आह्वान कर सकते हैं। आप उन्हें उनके दायित्व को याद दिलाने की कोशिश करेंगे कि उनका कार्य कानून व्यवस्था को बरकरार रखना एवं कानून का राज स्थापित करना है। अगर फिर भी कोई इसे नजरअंदाज कर रहा है, तो आप उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं जिससे दूसरों के लिए मिशाल कायम हो सके।
Question : हाल में आपका स्थानांतरण एक ऐसे साधारण पुलिस स्टेशन में एसएचओ पद पर हुआ है जो चोरी के लिए विख्यात है। उस क्षेत्र के लोग पुलिस के व्यवहार के प्रति सशंकित रहे हैं और उनसे सहयोग के बारे कभी सोचा भी नहीं। पुलिस अधिकारियों का बर्ताव ऐसा रहा है कि लोग स्थानीय गुंडों के बजाय पुलिस से अधिक डरते रहे हैं। पुलिस विभाग से लोगों का विश्वास उठ चुका है। अपराध दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस अधिकारी कभी भी समय पर रिपोर्ट नहीं करते हैं और वे अपराधियों के बजाय निर्दोष को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। पुलिस स्टेशन की बदतमीजी गृह मंत्रालय और राज्य स्तरीय पुलिस बैठक तक पहुंच चुकी है। आपकी गंभीरता व रिकॉर्ड को देखते हुये स्थिति में सुधार के लिए आपको उस पुलिस स्टेशन भेजा जाता है।
Answer : उत्तर (b): हाँ, ये कानून व्यवस्था एवं पुलिस अधिकारियों के ढीले रवैये का विषय है। दंड एवं मार्गदर्शन से ही इसे दूर किया जा सकता है।
Question : आप एक अल्पविकसित जिले में जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। सरकार द्वारा आपको आदेश दिया गया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नवजात शिशु के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन करें।
टीकाकरण के पश्चात् एक केंद्र पर दस शिशुओं की मृत्यु हो जाती है। शव परीक्षण के पश्चात् आपको ज्ञात होता है कि शिशुओं की मृत्यु का मुख्य कारण टीकाकरण के दौरान संक्रमित यंत्रों का प्रयोग है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आपको फोन द्वारा कहा जाता है कि घटना की रिपोर्ट में मृत्यु का कारण डॉक्टर्स एवं सरकार के बजाय संक्रमित दवाइयों को बताया जाए। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर्स द्वारा भी आपसे सम्पर्क किया गया है कि ऐसा निराधार रिपोर्ट बनाइये जिससे वे और उनके परिवार का बचाव हो। आपको इस सच्चाई का पता चलता है कि सारी घटना हेतु आपको दोषी ठहराया जायेगा और इसके लिए आप ही जिम्मेदार होंगे।
Answer : उत्तरः (a) इस स्थिति में कुछ नैतिक मूल्य शामिल है। इस केस को चिकित्सकीय नैतिकता के हनन के आधार पर हल किया जा सकता है।
Question : आप एक अल्पविकसित जिले में जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। सरकार द्वारा आपको आदेश दिया गया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नवजात शिशु के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन करें।
टीकाकरण के पश्चात् एक केंद्र पर दस शिशुओं की मृत्यु हो जाती है। शव परीक्षण के पश्चात् आपको ज्ञात होता है कि शिशुओं की मृत्यु का मुख्य कारण टीकाकरण के दौरान संक्रमित यंत्रों का प्रयोग है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आपको फोन द्वारा कहा जाता है कि घटना की रिपोर्ट में मृत्यु का कारण डॉक्टर्स एवं सरकार के बजाय संक्रमित दवाइयों को बताया जाए। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर्स द्वारा भी आपसे सम्पर्क किया गया है कि ऐसा निराधार रिपोर्ट बनाइये जिससे वे और उनके परिवार का बचाव हो। आपको इस सच्चाई का पता चलता है कि सारी घटना हेतु आपको दोषी ठहराया जायेगा और इसके लिए आप ही जिम्मेदार होंगे।
Answer : उत्तर (b):
Question : देर रात्रि अपने कार्यालय से घर जाते समय कैब ड्राइवर द्वारा एक महिला के साथ बेरहमी के साथ मारपीट और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उस महिला को कुछ चोट पहुँची, उस दिन वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए उस महिला पर दबाव था, इसलिए वह देर रात ऑफिस से घर लौट रही थी। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा उसको निःशुल्क उपचार और मौद्रिक मुआवजा भी दिया गया।
आप उपनिरीक्षक हैं। जाँच का मामला आपके वरिष्ठ अधिकारी के पास आया है। संबंधित केस की फाइल के जाँच के दौरान आपने पाया कि वरिष्ठ अधिकारी ने टिप्पणी की है कि महिला उस दिन अपने कार्यालय जाने के बजाय घर पर मौजूद थी। यह भी टिप्पणी की गई थी कि ऐसे घटना से पीड़ित को सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए। आपके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आप से कहा गया कि संबंधित केस पर ध्यान देने के बजाय और अन्य महत्वपूर्ण केसों पर ध्यान दिया जाय।
Answer : उत्तर (a): इस केस में शामिल नैतिक मूल्य निम्नलिखित हैं:
Question : देर रात्रि अपने कार्यालय से घर जाते समय कैब ड्राइवर द्वारा एक महिला के साथ बेरहमी के साथ मारपीट और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उस महिला को कुछ चोट पहुँची, उस दिन वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए उस महिला पर दबाव था, इसलिए वह देर रात ऑफिस से घर लौट रही थी। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा उसको निःशुल्क उपचार और मौद्रिक मुआवजा भी दिया गया।
आप उपनिरीक्षक हैं। जाँच का मामला आपके वरिष्ठ अधिकारी के पास आया है। संबंधित केस की फाइल के जाँच के दौरान आपने पाया कि वरिष्ठ अधिकारी ने टिप्पणी की है कि महिला उस दिन अपने कार्यालय जाने के बजाय घर पर मौजूद थी। यह भी टिप्पणी की गई थी कि ऐसे घटना से पीड़ित को सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए। आपके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आप से कहा गया कि संबंधित केस पर ध्यान देने के बजाय और अन्य महत्वपूर्ण केसों पर ध्यान दिया जाय।
Answer : उत्तर (b): इस केस में मौजूद एक ही विकल्प यह है कि आप पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ इस केस की जाँच करें एवं दोषियों की सजा सुनिश्चित करें। अगर इस कार्य में आपके वरीय अधिकारी किसी प्रकार का व्यवधान डाल रहे हैं तो अपने उच्च अधिकारी से बात करके स्थिति से अवगत करा सकते हैं।
Question : सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए उन लोगों को पुरस्कृत करने के लिए जन सहयोग संघटित (mobilisation) करने का सुझाव दिया है जो सदैव अपने वातावरण को साफ-सुथरा रखते हैं एवं वातावरण को गंदा रखने वाले को लज्जित करने का सुझाव दिया है। इसके अंतर्गत, लोग प्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया तथा पीएमओ के वेबसाइटों पर फोटो अपलोड कर सकते हैं जिसमें पुरस्कार एवं अपमान दोनों ही शामिल हैं।
Answer : उत्तर (a): अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए सम्मानित एवं अपमानित करने का निर्णय सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में एक सराहनीय कदम हो सकता है।
Question : सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए उन लोगों को पुरस्कृत करने के लिए जन सहयोग संघटित (mobilisation) करने का सुझाव दिया है जो सदैव अपने वातावरण को साफ-सुथरा रखते हैं एवं वातावरण को गंदा रखने वाले को लज्जित करने का सुझाव दिया है। इसके अंतर्गत, लोग प्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया तथा पीएमओ के वेबसाइटों पर फोटो अपलोड कर सकते हैं जिसमें पुरस्कार एवं अपमान दोनों ही शामिल हैं।
Answer : उत्तर (b): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मनपसंद कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान को कानूनी आवरण पहनाने के लिए सरकार एक नीति का निर्माण करने जा रही है जिसमें नगरपालिकाओं के पास ये अधिकार होगा कि गंदगी फैलाने वाले लोगों के प्रति उचित कार्रवाई एवं दंडित किया जा सके। कानून मंत्रालय के विधायी विभाग ने एक आदर्श नियम को बनाया है जिसे राज्य सरकार भी अपने क्षेत्रों के जरूरत के हिसाब से लागू कर सकती है।
Question : केस
प्रश्न: उपर्युक्त अध्ययन के पश्चात कौन से नैतिक मुद्दे उभरकर आते हैं?
प्रश्न: इस केस स्टडी में हित संघर्ष के कौन से पहलू शामिल हैं?
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि अभिषेक मेहरोत्रा की चुप्पी उचित थी? आपकी नजर में इसके क्या कारण हो सकते हैं?
Answer : विश्लेषणः उपर्युक्त मामले के विश्लेषण से जो मुद्दा उभरकर आता है, वह है सार्वजनिक धन का दुरूपयोग और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथ्यों को छिपाना। यहां अभिषेक की नैतिक दुविधा में कई प्रभावी बल कार्य करता है। यह स्पष्ट है कि वह नैतिक आचरण के बारे में अपनी मान्यताएं एकाउंटेंट के रूप में प्रशिक्षण से प्राप्त कर रहा है, इस प्रकार पेशागत नैतिकता उसके निर्णय को प्रभावी करने वाला एक महत्वपूर्ण पक्ष है। लोक हित की सेवा में लोक सेवकों की उचित भूमिका संबंधी उसकी उसकी पेशागत नैतिकता उसकी मान्यताओं से उद्भूत है। इसकी प्रत्याशा होती है कि लोक सेवक सार्वजनिक धन का उपयोग उचित और नैतिक जवाबदेही तरीके से करेंगे। उपर्युक्त मामले को देखने से स्पष्ट होता है कि अभिषेक मेहरोत्रा खुद को बहुविकल्पीय एवं प्रतिस्पर्धी मूल्यों या जवाबदेहियों में पाता है।
इसमें शामिल संभावित हित संघर्ष हैं:
Question : केस
‘सफलता, जीवन का लक्ष्य नहीं है, संपूर्णता है।’
यही वह वाक्य है जिसे उसके पिता ने सिखाया है। उसने मन ही मन सोचा और फिर काम में जुट गया।
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि वेंकटेश ने अमिताभ सिन्हा से बदला न लेकर कुशल पेशेवर होने का परिचय दिया?
प्रश्न: वेंकटेश के व्यवहार में किन नैतिक मूल्यों को पाते हैं?
Answer : विश्लेषणः हमने वेंकटेश के संपूर्ण व्यक्तिगत में देखा कि वह ‘उच्चतर स्व’ (Higher Self) से निर्देशित हो रहा था। ‘सत्व’ गुण से कार्य करते हुये, जीवन में पुरस्कार की समग्र दृष्टिकोण प्रेरित था, और जिसने प्रोन्नति तक ही अपने विजन को सीमित नहीं रखा था। जाहिर है कि उसे दो वर्षों तक प्रोन्नति से हाथ धोना पड़ा, पर उसकी ईमानदार रिपोर्ट की, कब और कैसा पुरस्कार मिला, ज्ञात नहीं है। किसी भी मामले में त्वरित पुरस्कार आंतरिक स्तर पर शांति व संतोष की भावना है, जिससे हममें से कई वंचित हैं। हममें से कई इस पर सहमत होंगे कि जीवन केवल प्रोन्नति नहीं है, वरन जीवन सर्वांगीण समृद्धि है।
Question : केस
प्रश्न: क्या आप मानते हैं कि भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी नहीं है?
प्रश्न: क्या आप भारतीय रेलवे के उस तर्क से सहमत हैं कि विधि एवं व्यवस्था उसका विषय नहीं होने के कारण वह यात्रियों की क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है?
Answer : संकेतः भारतीय रेलवे के इस तर्क से सहमत नहीं हुआ जा सकता कि रेलगाड़ी में हुई किसी डकैती के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यात्रियों को यात्रा के दौरान पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफलता, ट्रेन में सुरक्षा प्रबंधन का दायित्व संभालने वाले व्यक्तियों की ओर से कुछ और नहीं वरन् लापरवाही है। और इस लापरवाही के लिए भारतीय रेलवे उत्तरदायी से बच नहीं सकता। ऐसे में क्षतिपूर्ति देने से रेलवे इंकार नहीं कर सकता और उसका स्टैंड बिल्कुल गलत है।
Question : केस
प्रश्न: आलोच्य पुलिस कांस्टेबल ने किन-किन नियमों की अनदेखी की?
प्रश्न: क्या पुलिस कांस्टेबल का व्यवहार सिविल सेवा आचार नियामवली के संगत था? यदि नहीं तो क्यों?
Answer : विश्लेषणः कर्मचारी व उसके नियंत्रक अधिकारी के बीच यह मूल सिद्धांत है कि कर्मचारी को उसके नियंत्रण अधिकारी द्वारा बनाये गये आदेशों का अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। यह साफ जाहिर है कि ये आदेश उसके उसके कर्तव्यों से जुड़े हुए हैं। यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक आदेश कानून के विशिष्ट प्रावधानों द्वारा समर्थित होना चाहिए।
Question : केस
प्रश्न: क्या सूचना का अधिकार कानून के तहत किसी मरीज को अपना चिकित्सा रिकॉर्ड जानने का अधिकार प्राप्त है?
Answer : उत्तरः किसी मरीज के चिकित्सा रिकॉर्ड को जानने के अधिकार को केवल सूचना का अधिकार अधिनियम की उपर्युक्त धारा के परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे भारतीय संविधान के तहत प्रदत विभिन्न अधिकारों एवं विश्व चिकित्सा नीतिशास्त्र के परिप्रेक्ष्य में भी देखने की जरूरत है। हाल में केंद्रीय सूचना आयोग के पास एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के एक अधिकारी को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमैन बिहेवियर एंड अलायड साइंस’ ने उसका चिकित्सा रिकॉर्ड सूचना का अधिकार कानून की धारा 8(1)(एच) का हवाला देते हुए देने से मना कर दिया।
Question : केस
प्रश्न: ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
प्रश्न: नीचे तीन स्थितियां दी गईं हैं, उनमें नीतिशास्त्रीय एवं सत्यनिष्ठा से संबंधित मुद्दों का वर्णन करें।
Answer : स्थिति 1: आप इस बात से पूरी व्यथित हैं कि कोई आपको रिश्वत के लिए पेश कर सकता है। आप खुद से पूछते हैं कि आखिर क्यों उसने आपको रिश्वत का प्रस्ताव रखा? आप इस घटना से वरिष्ठ अधिकारियों से परिचित कराना चाहते हैं पर आपके खुद फंसने का डर है क्योंकि आपने उस ऑफर को इंकार नहीं किया। पर आप अपने एक परिचित को यह सब बताने की हिम्मत जुटाते हैं जो कि इंटेलिजेंस से जुड़ा है। वह परिचित आपको इंटेलिजेंस के एक वरिष्ठ से मिलवाता है और उसके कहे अनुरूप आप उस कांट्रक्टर को फंसाने के लिए जाल बिछाने पर सहमत हो जाते हैं।
स्थिति 2: आपको अपने भाग्य पर विश्वास नहीं है। आपको अपने बहन की शादी करनी है, साथ ही घर खरीदने का दबाव भी है। आपका बेटा इंजीनियरिंग पढ़ना चाहता है जिसके लिए काफी खर्च की संभावना है। यदि आप अपने कॉन्ट्रक्टर मित्र के एक ऑफर को स्वीकार कर लेते हैं तो आपके पास उतना पैसा जरूर आ जाएगा कि उपर्युक्त सारी समस्याओं का समाधान हो जाए, साथ ही आपकी चिंता भी समाप्त हो जाएगी जिसके कारण आप तनाव में हैं। हालांकि आपकी अंतररात्मा की आवाज कहती है कि यह गलत है पर आप यह भी सोच रहे हैं कि रक्षा सौदों में इस प्रकार की दलाली एक आम बात है और उस कंपनी का पहले भी सरकार के साथ करार होता रहा है। अंत में आप अपने मित्र आनंदवर्द्धन की ऑफर को स्वीकार कर लेते हैं।
स्थिति 3: आप यह सोचते हैं कि आपके मित्र का ऑफर महज एक वाकया था। आप उसे भूल जाना चाहते हैं। आप न तो उस ऑफर को स्वीकार करते हैं और न ही यह बात किसी से जिक्र करने का मन बना लेते हैं।
संकेतः आप इस तथ्य से परिचित हैं कि आपके मित्र के ऑफर को स्वीकार करना आपकी सत्यनिष्ठा एवं नीतिशास्त्र के विपरीत है। यहां तक कि यह आपके सिविल सेवा संहिता का भी उल्लंघन है। यह एक प्रकार का रिश्वत है जो कि भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। एक बार आपके द्वारा ऑफर स्वीकार कर लेने का मतलब है कि उससे बंध जाना और भविष्य में भी किसी ऑफर को स्वीकार करने के लिए आप बाध्य हो जाएंगे।
Question : केस
भूमिकाः खबर यह है कि सरकार न्यायाधीशों के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट तैयार करने पर विचार कर रही है ताकि न्यायधीशों के कार्य निष्पादन का मूल्यांकन किया जा सके। इसका उद्देश्य जजों को अधिक जवाबदेह बनाना तथा न्यायिक मामलों का जल्दी से जल्दी निस्तारण सुनिश्चित करना है। परन्तु इस जल्दबाजी से न्यायिक निर्णय की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अतः दोनों के बीच संतुलन बनाकर चलने की जरूरत है।
प्रश्न: सरकार द्वारा इस तरह के प्रयास से न्यायपालिका के कार्य निष्पादन कौशल में किस हद तक वृद्धि होने की संभावना है? क्या आपके विचार में कार्यपरक संस्कृति ही न्यायिक मामलों में देरी का मुख्य कारण है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
प्रस्तुत केस स्टडी को निम्न शीर्षकों के अंतर्गत समझा जा सकता हैः
Answer : उत्तरः न्यायपालिका हमारे संविधान का संरक्षक है। यह आम आदमी के लिए एक फोरम है जहां उनके शिकायतों का निवारण किया जाता है। इस प्रकार की संस्था को कुशल एवं ईमानदार बनाए रखने की जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उससे सांविधानिक मूल्य खतरे में पड़ जाएगा। न्यायतंत्र से लोगों का विश्वास उठ जाएगा जिससे कुव्यवस्था की स्थिति बन सकती है।
वर्तमान समय में, समूचे भारत में 25 लाख से अधिक मामले लम्बित हैं। ऐसे में न्यायिक मामलों के निस्तारण की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत तो है परन्तु इसको जरूरत से ज्यादा महत्व नहीं दिया जा सकता। लंबित मामलों की संख्या कम करने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि नीचे के स्तर के न्यायालयों पर से लंबित मामलों का भार कुछ कम किया जाए तथा इस प्रकार के मामलों की सुनवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा की जाए जो अति संवेदनशील तथा अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित है।
Question : केस
इस केस को निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत समझा जा सकता हैः
Answer : उपलब्ध विकल्प
इस परिस्थिति में आप निम्नलिखित तरीके से अपना व्यवहार व्यक्त कर सकते हैं-
ऐसी परिस्थिति में क्या करें: इन परिस्थतियों में नैतिक रूप से उचित निर्णय लेने के लिए आपको निम्नलिखित सिद्धांतों पर अमल करना होगाः
उपरोक्त दिए गए प्रत्येक विकल्प के परिणाम
समाधानः इस तरह की परिस्थिति में निम्नलिखित तरीके से समस्या का समाधान किया जा सकता हैः
Question : केस
इस केस को निम्न शीर्षकों के अंतर्गत समझा जा सकता हैः
Answer : विश्लेषणः उपर्युक्त मामले के विश्लेषण से जो मुद्दा उभरकर आता है, वह है सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथ्यों को छिपाना। यहां अभिनव अरोड़ा के नैतिक दुविधा में कई प्रभावी बल कार्य करते हैं। यह स्पष्ट है कि वह नैतिक आचरण के बारे में अपनी मान्यताएं एकाउंटेंट के रूप में प्रशिक्षण से प्राप्त कर रहा है, इस प्रकार पेशागत नैतिकता उसके निर्णय को प्रभावी करने वाला एक महत्वपूर्ण पक्ष है।
Question : केस
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि वालमार्ट का व्यवहार अनैतिक था? क्या आप मानते हैं कि भारतीय पक्ष ने इस मामले में अनैतिक व्यवहार का उदाहरण प्रस्तुत किया?
Answer : विश्लेषणः वालमार्ट द्वारा निर्णय को प्रभावित करने के लिए किया गया व्यय एक प्रकार का लॉबिंग व्यय है। लॉबिंग की नीतिशास्त्र एवं नैतिकता दोहरी धार है। जहां संयुक्त राज्य अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों में लॉबिंग स्वीकार्य व्यवहार है और उसे प्रलोभन व्यय कहा जाता है। वहीं भारत में अभी भी इसे नीति को प्रभावित करने वाली गतिविधि के रूप में देखा जाता है जो नम्र रिश्वत की श्रेणी में रखा जाता है।
Question : केस
प्रश्न: एक जन सूचना अधिकारी (PIO) को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत एक आवेदन मिलता है। सूचना एकत्र करने के बाद उसे पता चलता है कि वह सूचना स्वयं उसी के द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों से संबंधित है, जो पूर्णरूप से सही नहीं थे। इन निर्णयों में अन्य कर्मचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्वयं उसके तथा उनके अन्य मित्रों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हो सकती है, जिसमें दंड भी संभावित है। सूचना प्रकट न करने या आंशिक सूचना उपलब्ध कराने पर कम दंड या दंड-मुक्ति भी मिल सकती है।
PIO अन्यथा एक ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है पर यह विशिष्ट निर्णय, जिसके संबंध में RTI आवेदन दिया गया है, गलत निकला वह अधिकारी आपके पास सलाह के लिए आया है।
नीचे सुझावों के कुछ विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कीजिएः
Answer : उत्तरःPIO इस मामले को अपने ज्येष्ठ अधिकारी को उसकी सलाह के लिए संदर्भित करे और कड़ाई से उसी के अनुसार कार्रवाई करे चाहे वह स्वयं उस सलाह से पूर्णतया सहमत न हो।
सेवा शर्तों के अनुसार प्रत्येक सरकारी कर्मचारी ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ होगा, जब सरकारी कर्मचारी ऐसा नहीं करते तो यह अशोभनीय होता है। उपरोक्त विकल्प सही है उसे अपने वरिष्ठ अधिकारी को बात बताकर उसकी सलाह के अनुसार कार्य करना चाहिए।
यह परिस्थिति से निपटने का गलत तरीका है जो उसकी अक्षमता को प्रदर्शित करेगा। साथ ही, उसके सिद्धान्तों के विपरीत भी होगा। मामले को किसी दूसरे PIO को हस्तान्तरित करना एक अच्छा कदम है। इससे न्याय में पारदर्शिता आयेगी जो कि न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्त के अनुसार भी होगा।
PIO इस प्रकार जवाब दे कि उसे और उसकी जीविका को खतरा न हो, लेकिन वह सूचना की अर्न्तवस्तु के साथ समझौता किये बिना अपने वरिष्ठ अधिकारी की सलाह के अनुसार जवाब दे सकता है।
सरकारी निर्णय सदस्यों के समूह द्वारा लिये जाते हैं। PIO उन सहयोगियों से जो इस निर्णय को लेने में सहभागी थे, से सलाह ले सकता है। लेकिन ऐसा निर्णय कार्यालय मानदण्डों के अनुरूप हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।
सलाहः PIO को अपने वरिष्ठ अधिकारियों व सहकर्मियों से सलाह करनी चाहिए और वरिष्ठ अधिकारी को क्षमायाचना पत्र भेज देना चाहिए तथा मामले को उसके विवेक पर छोड़ देना चाहिए। यह निर्णय PIO को उसकी सत्यनिष्ठा बनाए रखने में सहायक होगा। लेकिन उसे सूचनायाची को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सही सूचना प्रदान करनी चाहिए।
Question : आप नगरपालिका परिषद के निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता पद पर तैनात हैं और वर्तमान में एक ऊपरगामी पुल (flyover) के निर्माण-कार्य के प्रभारी हैं। आपके अधीन दो कनिष्ठ अभियंता हैं, जो प्रतिदिन निर्माण-स्थल के निरीक्षण के उत्तरदायी हैं तथा आपको विवरण देते हैं और आप विभाग के अध्यक्ष, मुख्य अभियंता को रिपोर्ट देते हैं। निर्माण-कार्य पूर्ण होने को है और कनिष्ठ अभियंता नियमित रूप से यह सूचित करते रहे हैं कि निर्माण-कार्य परिकल्पना के विनिर्देशों के अनुरूप हो रहा है। लेकिन आपने अपने आकस्मिक निरीक्षण में कुछ गंभीर विसंगतियां व कमियां पाईं, जो आपके विवेकानुसार पुल की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं। इस स्तर पर इन कमियों को दूर करने में काफी निर्माण-कार्य को गिराना और दोबारा बनाना होगा जिससे ठेकेदार को निश्चित हानि होगी और कार्य-समाप्ति में विलम्ब भी होगा। क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जैम के कारण परिषद पर निर्माण शीघ्र पूरा करने के लिए जनता का बड़ा दबाव है। जब आप स्थिति मुख्य अभियंता के संज्ञान में लाए, तो उन्होंने अपने विवेकानुसार इसको बड़ा गम्भीर दोष न मानकर इसे उपेक्षित करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजना को समय से पूरा करने हेतु कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कहा। परन्तु आप आश्वस्त हैं कि यह गम्भीर प्रकरण है जिससे जनता की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है और इसको बिना ठीक कराए नहीं छोड़ा जा सकता।
ऐसी स्थिति में आपके करने के लिए कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं। इनमें से प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कर अन्ततः सुझाव दीजिए कि आप क्या कार्यवाही करना चाहेंगे और क्यों?
Answer : (i) मुख्य अभियंता की सलाह मानकर आगे बढ़ जाएं।
सेवा शर्तों के अनुसार, एक अधीनस्थ होने के रूप में यह विकल्प सही है कि वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का पालन किया जाये, लेकिन यदि यह लिखित रूप में हो तो। यदि व्यक्ति अपने विवेक से कार्य नहीं कर सकता इस स्थिति में जबकि जनता की सुरक्षा दांव पर है खामियों की अनदेखी करना समाधान नहीं है।
यह विकल्प सही है। मुख्य अभियन्ता निर्माण संबंधी खामियों को सही करने का विकल्प खोज सकेगा। और इस तरह मुख्य अभियन्ता भविष्य में आने वाली सभी परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार होगा।
कनिष्ठ अभियन्ताओं से स्पष्टीकरण मांगना और ठेकेदारों को निश्चित अवधि में दोष निवारण हेतु आदेश देना सही कदम है। यदि ठेकेदार दोषी पाया जाता है, तो अधिशासी अभियन्ता ठेकेदार को प्रतिबन्धित कर सकता है और प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नये टेन्डर आमंत्रित कर सकता है।
यह एक अनौपचारिक तरीका होगा।
यह एक गलत कदम होगा। इससे अधिशासी अभियन्ता की अयोग्यता प्रदर्शित होगी।
सही कदमः सभी तथ्यों व विश्लेषण को दिखाते हुए स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। कनिष्ठ अभियन्ताओं को उनके कार्यों के लिए उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए व उनके खिलाफ सरकारी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। उसके पश्चात निर्माण लागत को कम करने तथा समय से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए।
Question : आप देश के एक प्रमुख तकनीकी संस्थान के अध्यक्ष हैं। संस्थान, प्रोफेसरों के पद के चयन हेतु आपकी अध्यक्षता में साक्षात्कार पैनल का आयोजन शीघ्र ही करने वाले हैं। साक्षात्कार से कुछ दिन पहले आपके पास एक ज्येष्ठ शासकीय अधिकारी के निजी सचिव का फोन आता है जिसमें आपसे उक्त पद के लिए उस अधिकारी के एक निकट संबंधी के पक्ष में चयन करने की अपेक्षा की जाती है। निजी सचिव यह भी बताते हैं कि आपके संस्थान के आधुनिकीकरण के लिए बहुत समय से लम्बित महत्वपूर्ण वित्तीय अनुदान के प्रस्तावों का उन्हें ज्ञान है जिनकी अधिकारी द्वारा स्वीकृति की जानी है। वे आपको उन प्रस्तावों को अनुमोदन कराने का आश्वासन देते हैं।
(a) आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
(b) प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिए और बताइए कि आप कौन-सा विकल्प चुनेंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः
Question : वित्त मंत्रालय में वरीय अधिकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोषित किए जाने वाले कुछ नीतिगत निर्णयों की गोपनीय एवं महत्वपूर्ण सूचना की आपको जानकारी मिलती है। इन निर्णयों के भवन एवं निर्माण उद्योग पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि भवन निर्माताओं को पहले ही वह जानकारी मिल जाती है, तो वे उससे बड़े लाभ उठा सकते हैं। निर्माताओं में से एक ऐसा है जिसने सरकार के लिए अच्छी गुणवत्ता का काफी काम किया है और वह आपके आसन्न वरिष्ठ अधिकारी का घनिष्ट है जिन्होंने आपको उक्त सूचना का उस निर्माता को अनावृत्त करने के लिए संकेत भी दिया है।
Answer : उत्तरः
Question : आप एक राज्य के गृह सचिव पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में आपके राज्य में दलित एवं अन्य पिछड़ी जातियों को पीटने, उनके साथ भेदभाव एवं सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आयी हैं। ये घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं जिसके परिणामस्वरूप समाज में तनाव का माहौल है तथा कुछ जगहों पर अक्सर कर्फ्यू लगाना पड़ता है। भारतीय संसद ने दलितों एवं अन्य जनजातियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए एक कानून भी बनाया है। इस कानून के होते हुए भी जहां एक तरफ दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अन्य रिपोर्टों से यह भी तथ्य सामने आते हैं कि संसद द्वारा 1989 में बने एस.सी. और एस.टी. अधिनियम का दुरुपयोग सामान्य लोगों को फंसाने में ज्यादा किया जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के खिलाफ एक निर्णय दिया कि इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के गिरफ्तार नहीं किया जायेगा। जिसके विरोध में दलित समाज के लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि आरोपियों को तुरन्त गिरफ्रतार करने का प्रावधान समाप्त कर दिया जाता है तो इस कानून की प्रभावशीलता समाप्त हो जायेगी। वहीं ऊंची जातियों के लोग इस प्रावधान को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पक्ष में हैं। सवर्ण समुदाय ने भी दलितों के आन्दोलन की प्रतिक्रिया स्वरूप एक सप्ताह के लिए देश व्यापीबन्द का ऐलान किया है। बढ़ते हुए आन्दोलन एवं बन्दी से अर्थव्यवस्था की गति प्रभावित हो जाती है एवं सामान्य जन जीवन भी प्रभावित होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इस संबंध में कानून में संशोधन करने वाली है तथा गृह मंत्रालय ने एक साथ सभी राज्यों के गृह सचिवों से उनके सुझाव मांगे हैं।
Answer : उत्तर (A): भारत एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक कल्याणकारी गणराज्य है। भारतीय संविधान द्वारा इसके सभी नागरिकों को कुछ मूल अधिकारों की गारंटी दी जाती है जिसमें स्वतंत्रता, समानता एवं शोषण के विरुद्ध अधिकार है। एक सभ्य समाज में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ होने वाले जातीय या धार्मिक भेदभाव अपराध की श्रेणी में आते हैं। अतः दलित एवं अन्य जनजातियों के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के अपराध निन्दनीय हैं तथा एक सभ्य समाज के रूप में देश के ऊपर कलंक हैं। उपर्युक्त केस स्टडी में निम्न मुद्दे शामिल हैं-
Question : आप एक राज्य के गृह सचिव पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में आपके राज्य में दलित एवं अन्य पिछड़ी जातियों को पीटने, उनके साथ भेदभाव एवं सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आयी हैं। ये घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं जिसके परिणामस्वरूप समाज में तनाव का माहौल है तथा कुछ जगहों पर अक्सर कर्फ्यू लगाना पड़ता है। भारतीय संसद ने दलितों एवं अन्य जनजातियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए एक कानून भी बनाया है। इस कानून के होते हुए भी जहां एक तरफ दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अन्य रिपोर्टों से यह भी तथ्य सामने आते हैं कि संसद द्वारा 1989 में बने एस.सी. और एस.टी. अधिनियम का दुरुपयोग सामान्य लोगों को फंसाने में ज्यादा किया जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के खिलाफ एक निर्णय दिया कि इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के गिरफ्तार नहीं किया जायेगा। जिसके विरोध में दलित समाज के लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि आरोपियों को तुरन्त गिरफ्रतार करने का प्रावधान समाप्त कर दिया जाता है तो इस कानून की प्रभावशीलता समाप्त हो जायेगी। वहीं ऊंची जातियों के लोग इस प्रावधान को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पक्ष में हैं। सवर्ण समुदाय ने भी दलितों के आन्दोलन की प्रतिक्रिया स्वरूप एक सप्ताह के लिए देश व्यापीबन्द का ऐलान किया है। बढ़ते हुए आन्दोलन एवं बन्दी से अर्थव्यवस्था की गति प्रभावित हो जाती है एवं सामान्य जन जीवन भी प्रभावित होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इस संबंध में कानून में संशोधन करने वाली है तथा गृह मंत्रालय ने एक साथ सभी राज्यों के गृह सचिवों से उनके सुझाव मांगे हैं।
Answer : उत्तर : (B) मेरे द्वारा एक सचिव के रूप में दिये गये सुझाव-
Question : आप भारत के एक काफी पिछड़े राज्य के एक जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। आपकी नियुक्ति इस जिले में अभी हाल में ही हुई है। ये जिला पहले से ही नाबालिग लड़कियों कि तस्करी के मामले में काफी बदनाम है। आप जब पता लगाते हैं कि इसका क्या कारण है तो आपको पता चलता है कि इसके पीछे कुछ ऐसे गिरोह हैं जो इस काम को लगातार अंजाम दे रहे हैं और चूंकि उनकी पहुंच राजनीतिक रूप से काफी अधिक है अतः आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। आप पर ऐसे कार्यों को रोकने का काफी दबाव है। एक दिन आपके गुप्त सूत्र से पता चलता है कि एक ऊँची पकड़ वाले राजनेता द्वारा संचालित गिरोह कुछ बालिकाओं को दूसरे देश भेजने वाला है और उन सूत्रों के पास पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में आप क्या कदम उठाएंगे? जबकि आपको पता है कि वह राजनेता मुख्यमंत्री का काफी करीबी है और उसके खिलाफ अनेक सबूतों के बावजूद उस पर कार्रवाई करने वाले कई अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया था। अपने द्वारा उठाये जाने वाले कदमों के समर्थन में उचित तर्क भी प्रस्तुत करें।
Answer : उत्तरः घटना के विश्लेषण से यह पता चलता है कि इसमें मानवाधिकारों के उल्लंघन, संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का उल्लंघन तथा बालिकाओं के अपहरण और तस्करी से जुड़े अपराध शामिल हैं जो कि एक बहुत ही जघन्य अपराध हैं और ऐसे में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
Question : आप एक जिले में जिलाधीश हैं। आपके कार्यालय का एक कर्मचारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। वह एक गरीब व्यक्ति है और उसके तीन छोटे बच्चे हैं। उसके माता-पिता प्रायः अस्वस्थ रहते हैं और सारा परिवार आर्थिक रूप से उसी व्यक्ति के वेतन पर निर्भर है। अगर आप कोई कार्रवाई करते हैं तो उस व्यक्ति का निलम्बित होना तय है और यह भी हो सकता है कि उसे जेल जाना पड़े। ऐसा होने पर उसका परिवार संकट में आ सकता है। निर्णय करने की पूरी शक्ति आपके हाथ में है। आप क्या निर्णय करेंगे और उस निर्णय का आधार क्या होगा?
Answer : उत्तरः इस स्थिति में मेरे सामने कई प्रश्न होंगे जिनके समाधान से ही उचित नैतिक विकल्प का चयन होगा।
Question : आप एक कार्यालय के प्रमुख हैं जहां लगभग 20 कर्मचारी आपके अधीनस्थ हैं। इनमें से 19 पुरुष हैं और एक महिला। महिला कर्मचारी प्रायः देर से ऑफिस पहुंचती है और निर्धारित समय से एक घंटा पहले ऑफिस छोड़ देती है। कुछ पुरुष कर्मचारियों में भी यह प्रवृत्ति है लेकिन अधिकांश पुरुष कर्मचारी आने और जाने के मामले में समय के पाबन्द हैं।
एक दिन कुछ पुरुष कर्मचारी आपके पास शिकायत करते हैं कि वह महिला कार्यालय को पूरा समय नहीं देती है, अतः उसके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
जब आपने इस मामले का अध्ययन किया तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं। पहली यह कि वह महिला भले ही कम समय देती हो किन्तु कार्य की गुणवत्ता की दृष्टि से अत्यन्त श्रेष्ठ है। इसके अलावा वह एक तलाकशुदा महिला है और उसके दो छोटे बच्चे है जो स्कूल में पढ़ते हैं। जब आपने उससे सफाई मांगी तो उसने बताया कि उसे समय की समस्या सिर्फ अपने बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने जैसे कार्यों के लिए होती है आपने यह भी पाया कि उसकी बातों में ईमानदारी दिखती है और वह प्रायः अपना सारा काम निपटाकर ही ऑफिस छोड़ती है।
जब आपने शिकायत करने वाले कर्मचारियों से बात की तो आपको महसूस हुआ शिकायत की बातों में बदले की भावना जैसा कुछ है लेकिन क्योंकि लिखित शिकायत की जा चुकी है इसलिए यह सम्भव नहीं है कि आप कोई कार्रवाई न करें।
निम्नलिखित सभी विकल्पों पर विचार कीजिए और अपनी राय बताइए-
Answer : उत्तरः दी गई परिस्थिति में मूल चुनौती यह है कि अधिकारी को सिर्फ नियमों पर ध्यान देना चाहिए या कर्मचारी की योग्यता और निष्पादन को महत्व देते हुए नियमों के स्तर पर लचीला रूख अपनाना चाहिए। मेरी राय यह है कि कुशल-प्रबंधन के लिए नियमों का यान्त्रिक प्रयोग करने के बजाए कर्मचारियों की स्थितियों का ध्यान रखा जाना चाहिए। यदि कर्मचारियों को विश्वास हो कि प्रबंधन सुख-दुख में उनका साथ देता है तो उनकी प्रतिबद्धता बढ़ जाती है और निष्पादन बेहतर हो जाता है।
इस दृष्टिकोण के अनुसार दिये गये 6 विकल्पों पर विचार यह होगा-
इस समस्या के समाधान के लिए मेरी रणनीति सिर्फ उपरोक्त विकल्पों पर निर्भर नहीं होगी मैं निम्नलिखित चरणों में समाधान खोजना चाहूंगा-
Question : भारत में लोक उपक्रमों के स्तर पर निम्न स्तरीय कर्मचारियों मे हड़ताल, यूनियनबाजी देखने को मिलती है विशेषकर GIL, SAIL इत्यादि। ऐसे संगठनों के साथ-साथ कई बार रेलवे जैसे बड़े संस्थान में हड़ताल के उदाहरण देखने को मिलते हैं। 1974 की रेलवे की हड़ताल इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। ऐसी परिस्थिति में उत्पादन एवं कार्यकुशलता पर बुरा असर पड़ता है। ऐसी हड़तालें केन्द्रीय सचिवालय के स्तर पर भी देखने को मिलती हैं जो अपने आप में दुःखद है। यदि आपको भारत सरकार का केन्द्रीय सचिव बना दिया जाए तो ऐसे संगठनों में हड़तालें न हों, इसकी आवृत्ति कम हो, इसके लिए आप अपनी तरफ से कौन-कौन से 5 पहलें करेंगे और उसका क्या प्रभाव होगा?
Answer : उत्तरः कर्मचारियों द्वारा बार-बार हड़ताल किये जाने के कारणों को जानने का प्रयास करेंगे।
Question : X नामक अधिकारी एक ईमानदार, सत्यनिष्ठ अधिकारी हैं। ऐसा उनके व्यवहार से, नागरिकों के फीडबैक से, मीडिया के प्रस्ताव से पता चलता है। Mr. X के द्वारा अपने कार्यों को बेहतर तरीके से किया जाता है। अपने पद अर्थात म्यूनिसिपल कमिश्नर के रूप में अपने कार्यों को स्पष्टतापूर्वक करते हुए इन्होंने नगरीय विकास मंत्रालय की सहायता से बेघर लोगों के लिए नगर निगम की ऐसी भूमि जहां अवैध कब्जा था, उसे हटाकर Type-1 रैन बसेरा बनवाया, परन्तु इस प्रक्रिया में Mr. X के द्वारा राजनीतिज्ञों, मुख्यमंत्री, मंत्रियों के लिए नकारात्मक टिप्पणी भी की गई। Mr. X के उपर्युक्त व्यवहारों का मूल्यांकन करें और लोक सेवा के प्रति समर्पण के लिए किसी अधिकारी में कौन-कौन से पक्ष होने चाहिए उसका प्रस्तुतीकरण करें और ऐसे कौन से व्यवहार हैं जो आचरण नियमों (Code of Conduct) का उल्लंघन करते हैं। उनका भी प्रस्तुतीकरण करें।
Answer : उत्तरः दिये गए परिस्थितिजन्य केस अध्ययन में लोकसेवा के प्रति समर्पण का व्यवहार X नामक अधिकारी के द्वारा निभाया गया है, क्योंकि सिविल सेवा में यह अपेक्षा है कि कोई अधिकारी अपने तात्कालिक कार्यों को ही न करे जो उसके विभाग या संगठन में किया गया है, बल्कि दूसरे कार्यों को भी बेहतर तरीके से सम्पन्न करे। उपर्युक्त केस में किसी नगर आयुक्त के द्वारा नगरीय विकास मंत्रालय के सेवापूर्ति में सहायता किया जाना सराहनीय कदम है, किन्तु राजनीतिज्ञों के प्रति नकारात्मक टिप्पणी कहीं से भी उचित नहीं है।
Question : Mr. X पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं। सामान्यतः यह ज्ञात है कि पुलिसिंग से संबंधित सेवाएं ऐसी अनिवार्य/बाध्यकारी सेवाएं है जिसमें नागरिकों के पास किसी दूसरे से सेवा प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध नहीं होता है। ऐसी परिस्थिति में सामान्यतः गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता है। जिले में पुलिसिंग से संबंधित सेवाओं में, ट्रैफीकिंग, वाहन सुरक्षा, महिलाओं, बच्चों, गन्दी बस्तियों की सुरक्षा, विभिन्न लाभ हितभोगी समुदाय अर्थात नये रोजगार प्राप्त करने वाले, पासपोर्ट, वीजा प्राप्त करने वाले समुदाय को पहचानना तथा नागरिकों के बीच विवाद निवारण इत्यादि। Mr. X अपने जिले में इन सभी विषय वस्तुओं पर दी जाने वाली सेवाओं से सन्तुष्ट नहीं हैं और इन सभी विषयों पर गुणवत्ता में सुधार करना चाहते हैं। ऐसी परिस्थिति में Mr. X को क्या-क्या पहल करने का सुझाव आप देना चाहेंगे।
Answer : उत्तरः दी गयी परिस्थिति ऐसे सेवा प्रदाता/केन्द्र के बारे में है जिसका विकल्प नहीं होता है अर्थात् यहां ग्राहकों/नागरिकों की जागरूकता एवं उनके दूसरे विकल्प के रास्ते गुणवत्तायुक्त सेवा प्राप्त करने की सम्भावना नहीं है, ऐसी परिस्थिति में सेवा प्रदाता संगठन के प्रभाव अर्थात ग् को निम्नांकित प्रयास करना चाहिए।
उपर्युक्त हेतु Mr. X को पूरे Police के संगठनात्मक (Organisational) वातावरण को बदलकर सक्रिय व संवेदनशील कार्य संस्कृति को विकसित करना होगा।
Question : X नामक अधिकारी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थापित है, उन्हें नक्सली जबरन उठा कर ले जाते हैं। ले जाने से पहले कार्यालय में ठेकेदारियों से संबंधित सभी ऐसे आवेदनों पर निर्णयन करवाते हैं जिन ठेकेदारों के द्वारा इस नक्सली संगठन का वित्तीयन किया जाता है। सरकार के तरफ से किसी मीडिया कार्मिक के माध्यम से मध्यस्थता का प्रयास किया जाता है। इस दौरान कुछ गोपनीय सूचना X के सन्दर्भ में प्राप्त होती है। नक्सली संगठन ने इस अधिकारी को एक बड़ी मुश्त राशि का भुगतान किया जिसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। मीडियाकर्मी के फीडबैक पर यह भी चर्चा आरंभ हो गयी है कि शायद यह सारी योजना उसी अधिकारी के द्वारा संचालित की गई है। इस परिच्छेद को पढे़ं और निम्नांकित विकल्पों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें-
Answer : उत्तरः दिया गया परिस्थितिजन्य केस अध्ययन मानवीय क्रियाकलापों में नैतिकता-अनैतिकता से सम्बंधित है, जिसमें भावनात्मक क्षमता/बुद्धिमता, सत्यनिष्ठा एवं निष्पक्षता के पक्ष भी अर्न्तनिहित हैं और यह परिस्थिति नक्सली संगठनों की मानसिकता में अभिवृत्तिक परिवर्तन की अपेक्षा भी करती है।
Question : आप एक IAS अधिकारी हैं और एक जिले में जिला अधिकारी हैं। आपका छोटा भाई जो योग्य होने के बावजूद सफलता हासिल नहीं कर सका है। आप उसके भविष्य को लेकर चितिंत हैं। आप उसकी हर सम्भव मदद करना चाहते हैं।
आपके भाई ने आपकी और आपके परिवार की प्रेरणा से एक व्यवसाय शुरू किया जिसमें वह भवन, सड़क और पुल निर्माण जैसे कार्य करता है। उसे अपने स्रोतों से सूचना मिली है कि पड़ोस के जिले में कुछ टेंडर निकले हैं। वह जानता है कि उस जिले का जिला अधिकारी आपका मित्र है। उसे उम्मीद है कि अगर आप उसके पक्ष में सिफारिश कर देंगे तो टेंडर उसे मिल जायेगा जो उसके भविष्य के निर्माण व स्थायित्व की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
आप एक ईमानदार अधिकारी हैं और सामान्यता कोई सिफारिश करना पसंद नहीं करते, किन्तु स्थिति ऐसी है कि अगर आपने सहायता नहीं की तो भाई के साथ आपके संबंध स्थायी रूप से प्रभावित हो सकते हैं। आपके माता-पिता का भी मौन दबाव है कि आप उसकी मदद करें।
इस प्रकरण में आपके सामने कौन सी नैतिक दुविधाएं तथा नैतिक चिन्ताएं व नैतिक विकल्प हैं। आप क्या कदम उठाएंगे और क्यों?
Answer : उत्तरः दी गई परिस्थिति में मेरे समक्ष नैतिक दुविधा यह है कि एक ओर ईमानदारी का मूल्य है जिसे मैं अपनी नौकरी में पूर्णतः निभाना चाहता हूं तो दूसरी ओर अपने छोटे भाई का भविष्य संभालने की गहरी नैतिक इच्छा है जो परिवारिक मूल्यों व प्रतिबद्धता से जुड़ी है। व्यक्तिगत व सार्वजनिक जिम्मेदारियों का यह द्वंद्व दुविधा ग्रस्त नैतिक चिन्ताएं हैं।
Question : आप एक जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। आपके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले एक गांव में कुछ मनचले युवाओं के एक गिरोह ने गांव के एक गरीब परिवार की एक विधवा युवती के साथ बलात्कार किया तथा बाद में सामाजिक मान्यताओं और विश्वासों के खिलाफ जाकर कार्य करने का आरोप लगाकर उस महिला के सिर मुड़वाकर उसे सड़कों पर अर्धनग्न अवस्था में घुमाया। ऐसा करने में उस गांव के कुछ और लोग भी शामिल थे। महिला के माता-पिता सीधे आपको शिकायत करते हैं कि स्थानीय सब-इंस्पेक्टर ने उन युवाओं के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है और इसके अलावा, जब उनकी बेटी शिकायत दर्ज कराने के लिए गई थी, तो उन्होंने उसे अपमानित किया और फिर मीडिया के सामने जाने पर और बुरे परिणामों भुगतने की धमकी दी। वे आपको यह भी बताते हैं कि उसकी पुत्री को चिकित्सा जांच के लिए नहीं भेजा गया। माता-पिता का आरोप है कि स्थानीय सब-इंस्पेक्टर ने उन युवाओं से रिश्वत ली है और उन्हें उनके खिलाफ मुकदमा दायर किए बिना छोड़ दिया है। अब माता-पिता कह रहे हैं कि आखिरी उपाय के रूप में वे मीडिया के सामने जाएंगे, लेकिन ऐसा करने में उन्हें अपनी बेटी की पहचान के प्रकाशन और इज्जत के खोने का डर है।
Answer : उत्तरः किसी भी सार्वजनिक संस्था को लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह संस्था भरोसेमंद है और सार्वजनिक सेवाओं के प्रति प्रतिबद्ध है। परन्तु इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। बलात्कार सहित उस महिला के खिलाफ हुए अन्य जघन्य अपराध से सम्बंधित साक्ष्य को एक निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर चिकित्सा जांच एवं अन्य माध्यमों से एकत्र किया जाना चाहिए था। दिए गए मामले में, वह महत्वपूर्ण समय पहले से ही पुलिस कि लापरवाही के कारण बीत चुका है जिसका परिणाम उस पीड़िता और उसके परिवार को भुगतना पड़ रहा है। जिले के पुलिस अधीक्षक होने के नाते मेरा यह दायित्व बनता है कि सभी दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और पुलिस में सार्वजनिक विश्वास बहाल किया जाना चाहिए।
Question : आप एक राज्य के गृह सचिव पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में आपके राज्य में दलित एवं अन्य पिछड़ी जातियों को पीटने, उनके साथ भेदभाव एवं सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आयी हैं। ये घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं; जिसके परिणामस्वरूप समाज में तनाव का माहौल है तथा कुछ जगहों पर अक्सर कफ्रर्यू लगाना पड़ता है। भारतीय संसद ने दलितों एवं अन्य जनजातियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए एक कानून भी बनाया है। इस कानून के होते हुए भी जहां एक तरफ दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं; वहीं दूसरी तरफ अन्य रिपोर्टों से यह भी तथ्य सामने आते हैं कि संसद द्वारा 1989 में बने एस.सी. और एस.टी. अधिनियम का दुरुपयोग सामान्य लोगों को फंसाने में ज्यादा किया जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के खिलाफ एक निर्णय दिया कि इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के गिरफ्तार नहीं किया जायेगा; जिसका दलित समाज के लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि आरोपियों को तुरन्त गिरफ्रतार करने का प्रावधान समाप्त कर दिया जाता है तो इस कानून की प्रभावशीलता समाप्त हो जायेगी। वहीं ऊंची जातियों के लोग इस प्रावधान को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पक्ष में हैं। सवर्ण समुदाय ने भी दलितों के आन्दोलन की प्रतिक्रिया स्वरूप एक सप्ताह के लिए देशव्यापी बन्द का ऐलान किया है। बढ़ते हुए आन्दोलन एवं बन्दी से अर्थव्यवस्था की गति प्रभावित हो जाती है एवं सामान्य जन जीवन भी प्रभावित होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इस सम्बन्ध में कानून में संशोधन करने वाली है तथा गृह मंत्रलय ने एक साथ सभी राज्यों के गृह सचिवों से उनके सुझाव मांगे हैं।
Answer : (A) भारत एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक कल्याणकारी गणराज्य है। भारतीय संविधान द्वारा इसके सभी नागरिकों को कुछ मूल अधिकारों की गारंटी दी जाती है; जिसमें स्वतंत्रता, समानता एवं शोषण के विरुद्ध अधिकार है। एक सभ्य समाज में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ होने वाले जातीय या धार्मिक भेदभाव अपराध की श्रेणी में आते हैं। अतः दलित एवं अन्य जनजातियों के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के अपराध निन्दनीय हैं तथा एक सभ्य समाज के रूप में देश के ऊपर कलंक हैं। उपर्युक्त केस स्टडी में निम्न मुद्दे शामिल हैं—
(B) मेरे द्वारा एक सचिव के रूप में दिये गये सुझाव—
Question : आप उत्तर-भारत के एक जिले की तहसील में उपजिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। आपके क्षेत्रधिकार में कई बालिका सुधार गृह चल रहे हैं। अभी हाल ही में एक स्वतंत्र संस्थान द्वारा किये गये सर्वे एवं निरीक्षण की रिपोर्ट में आपके क्षेत्रधिकार के दो बालिका सुधार गृहों की स्थिति काफी खराब बताई गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ बालिकाएं डरी हुई एवं चुपचाप रहती हैं। दो दिन पहले उन्हीं दोनों सुधार गृहों में से एक से कुछ बालिकाएं चुपके से भागकर आपको जानकारी देती हैं कि उनके साथ शारीरिक शोषण, प्रताड़ना तथा अन्य कई प्रकार के दुष्कर्म संस्था चलाने वाले व्यक्ति एवं पुलिस की मिलीभगत से किया जा रहा है। वे बालिकायें अपनी जान को बचाने के लिए आपसे गुहार लगाती हैं; क्योंकि यदि सुधार गृह वालों या स्थानीय पुलिस को पता चला तो वे उन्हें फिर सुधार गृह भेज देंगे, जहां उनकी पिटाई और शोषण फिर किया जायेगा। वे आपसे अपनी अन्य सहेलियों को वहां से छुड़ाने की प्रार्थना करती हैं। वह बताती हैं कि उनके साथ रोजाना दुष्कर्म किया जाता है। जब आप उस संस्था के मालिक के बारे में पता लगाते हैं तो आपको पता चलता है कि वह राज्य के मुख्यमंत्री का बहुत ही करीबी व्यक्ति है तथा उसका भाई महिला एवं बाल विकास मंत्री है। वह एक दबंग व्यक्ति है तथा उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण कोई उसके खिलाफ नहीं बोलता। स्थानीय पुलिस को डरा-धमका कर एवं पैसे देकर अपने अनुसार कार्य करने पर मजबूर कर देता है। उस व्यक्ति की आपके जिले के जिलाधिकारी से भी अच्छे सम्बन्ध हैं। यदि आप उसके खिलाफ कार्यवाही करते हैं तो शायद आपका तबादला तुरन्त कर दिया जाय। ऐसी स्थिति में आपकी क्या कार्यवाही होगी? आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
Answer : एक सिविल सेवक होने के नाते मेरा यह कर्त्तव्य बनता है कि मैं संविधान एवं सेवा शर्तों के नियमों का पालन करते हुए अपने कार्य को अंजाम दूं। चूंकि मामला एक उच्च वर्ग के ऐसे व्यक्ति का है, जो कि समाज की अनाथ बालिकाओं के लिए सुधार गृह चलाने का नाटक कर उनके साथ निरंतर दुष्कर्म कर रहा है। यह अत्यंत ही जघन्य ममला है, वह भी नाबलिक बालिकाओं के साथ।
उपर्युक्त परिस्थिति में मेरे पास तीन विकल्प हैं—
Question : आप एक प्रसिद्ध टूरिस्ट पहाड़ी जिले के जिलाधीश हैं। ग्रीष्म ऋतु है, ऐसे में उस जिले के एक प्रसिद्ध शहर में पर्यटकों की काफी संख्या पर्यटन के लिए आती है। इसमें विदेशी पर्यटकों की भी संख्या काफी अधिक होती है। पर्यटन से प्राप्त आय उस जिले के राजस्व का प्रमुख स्रोत है। इस बार गर्मी में आस-पास के दो पहाड़ी शहरों में पानी की किल्लत के कारण आपके जिले के शहर में पर्यटक अत्यधिक संख्या में अपने वाहनों के साथ आने लगे हैं। परिणामस्वरूप शहर में क्षमता से कई गुना अधिक वाहन आने से पार्किंग की कमी पड़ गयी है। सड़कें गाडि़यों से भरी पड़ी हैं। जाम से जनजीवन त्रस्त हो गया है। पानी एवं अन्य पर्यावरणीय संसाधनों पर काफी दबाव है। ऐसे में शहर के जनजीवन एवं आस-पास के परितंत्र को आने वाले पर्यटकों की संख्या से खतरा हो सकता है। इसलिए शहर में बिना प्री रजिस्ट्रेशन एवं बुकिंग के पर्यटकों के 15 दिन तक आगमन को आपने आदेश देकर वर्जित कर दिया। वैसे आपका आदेश शहर के जनजीवन, यातायात, प्रशासन संचालन एवं पारितंत्र के हित में लिया गया है; परन्तु स्थानीय होटल व्यापारी, रिक्शा चालक तथा पर्यटन क्षेत्र में लगे लोग विरोध कर रहे हैं। उनका व्यापार ठप्प होने की कगार पर है, परिणामस्वरूप उनको परिवार पालना मुश्किल हो सकता है। आपके इस आदेश से जिले की आर्थिक गतिविधि एवं राजस्व से प्राप्त आय भी प्रभावित होगी। आपके आदेश से प्रभावित ऑटो चालक, रिक्शा चालक तथा पर्यटन एवं होटल व्यवसायियों ने हड़ताल कर दी है तथा शहर बन्दी की घोषणा की है, जब तक कि आप अपना आदेश वापस नहीं लेते। उनको स्थानीय विधायक एवं नेताओं का भी भरपूर साथ मिल रहा है।
Answer : एक जिले के जिलाधीश होने के नाते जिले की जनता का कल्याण एवं वहां के प्रशासन का सुचारु रूप से संचालन सुनिश्चित करना मेरा प्राथमिक उत्तरदायित्व है। साथ ही शहर में आये हुए एवं आने वाले पर्यटकों की सुविधा का दायित्व भी बनता है। उपर्युक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मेरे द्वारा लिया गया निर्णय केवल प्रशासन की एवं जनता की सुविधा के लिए लिया गया एकतरफा निर्णय प्रतीत होता है। इसमें पर्यटन उद्योग पर आश्रित लोगों एवं पर्यटकों की सुविधा तथा उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे परिस्थिति से निपटने हेतु मेरे पास निम्नांकित विकल्प उपलब्ध हैं—
1.चूंकि पहले से ही वाहनों एवं पर्यटकों की संख्या क्षमता से कई गुना शहर में मौजूद है; इसलिए उनको शहर से निकालना, उनकी सुरक्षा एवं आने वाली किसी आपदा से उनको बचाने के लिए मैं अपने आदेश पर कायम रहूं। जब स्थिति सामान्य होगी, तभी आदेश को वापस लूं।
2.मैं अपने आदेश तथा पर्यटकों के अत्यधिक आगमन से उत्पन्न कठिनाइयों से प्रभावित सभी विभागों, संस्थाओं एवं जुड़े हुए लोगों के प्रतिनिधि मण्डल से बात करूंगा। उन्हें यह समझाने का प्रयास करूंगा कि उठाया गया कदम दीर्घकालिक नहीं है और इसमें आवश्यकतानुसार बदलाव किया जायेगा। मैं उन्हें कुछ उदाहरण भी दूंगा कि ऐसी विकट परिस्थितियों के लिए ऐसे कदम जरूरी होते हैं। अन्यथा प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के परिणामस्वरूप और भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पर्यटन उद्योग में लगे लोगों के हित से आदेश में तत्काल बदलाव करने का आश्वासन दूंगा; ताकि हड़ताल एवं शहर बंदी से लोगों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
मेरे द्वारा उठाये गये कदम
A. अल्पावधि
B. दीर्घकालिक प्रयास
Question : आप भारत सरकार के गृह विभाग में एक सचिव के पद पर कार्यरत हैं। पूरे भारत में पिछले कुछ वर्षों से भीड़ द्वारा हत्या पर भारत सरकार एवं प्रशासन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर अफवाहों का तंत्र मजबूत कर ऐसी दुर्दान्त घटनाओं को अन्जाम दिया जा रहा है। मीडिया और सिविल सोसायटी द्वारा धार्मिक कट्टरता के कारण अफवाहों का सहारा लेकर की जा रही हत्याओं की काफी आलोचना की जा रही है। ऐसी घटनाओं से देश की छवि बाहरी मुल्कों में भी खराब हो रही है। ऐसी घटनाओं के लिये जिम्मेदार पक्ष कौन-कौन से हैं तथा ऐसी घटनाओं के निदान में आपका उन पक्षों के लिए क्या सुझाव होगा। (200 शब्द)
Answer : इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर होने वाली हत्याएं हमारे समाज पर एक शर्मनाक कलंक है। इस मुद्दे के लिए जिम्मेदार पक्ष निम्न हैं–
सुझाव
Question : देश के विकास के लिए आधारभूत ढांचे का विकास करना अति आवश्यक होता है। इसके लिए पर्याप्त मात्र में जमीन की आवश्यकता होती है। जमीन अधिकांशतः आदिवासियों, पहाड़ी निवासियों एवं ग्रामीण समुदायों से प्राप्त की जाती है। विस्थापितों को न तो पर्याप्त और न ही समय पर मुआवजा मिल पाता है; जिससे इनका जीवन अधिक कष्टकर हो जाता है। वे आखिरकार कम मजदूरी वाले प्रवासी श्रमिक बन जाते हैं; जिससे उनका परम्परा एवं संस्कृति से कटाव भी हो जाता है। आधारभूत ढांचे के विकास से होने वाले लाभ विस्थापितों को नहीं, शहरी लोगों को मिलते हैं जबकि विकास की लागत इन गरीब असहाय लोगों पर डाल दी जाती है। लागतों एवं लाभों का यह अनुचित वितरण अनैतिक है। यदि आपको ऐसे विस्थापित व्यक्तियों के लिए अच्छे मुआवजे एवं पुनर्वास नीति का मसौदा बनाने का कार्य दिया जाता है तो आप इस समस्या के संबंध में क्या दृष्टिाकेण रखेंगे एवं आपके द्वारा बनाई गई नीति के मुख्य तत्व कौन-कौन से होंगे? (250 शब्द)
Answer : उपर्युक्त समस्या का हल निकालने में मेरे द्वारा बनायी गई नीति का दृष्टिकोण तथा तत्व निम्नलिखित होंगे-
I. दृष्टिकोणः मेरे दृष्टिकोण में इन आदिवासियों की तरफ लाभ का हस्तांतरण की नीति परिचालित होनी चाहिए। हमें इसमें संवैधानिक प्रावधानों का ध्यान रखते हुए अनुच्छेद 46 के माध्यम से अनुसूचित जनजातियों के शोषण को कम तथा आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। मेरी नीति प्रस्तावना के सामाजिक न्याय के साथ-साथ समता के सिद्धांत पर बल देगी तथा वहीं इनके वन अधिकारों को सुदृढ़ करने वाले प्रावधानों को महत्व देगी।
II.नीति के मुख्य तत्व
इस प्रकार इन लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पूरा किया जा सकेगा, साथ ही राज्य अपने कर्तव्यों का भी पालन कर सकेगा।
Question : Mr. X पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं। सामान्यतः यह ज्ञात है कि पुलिसिंग से सम्बन्धित सेवाएं ऐसी अनिवार्य/बाध्यकारी सेवाएं हैं, जिसमें नागरिकों के पास किसी दूसरे से सेवा प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध नहीं होता है। ऐसी परिस्थिति में सामान्यतः गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता है। जिले में पुलिसिंग से सम्बंधित सेवाओं में, ट्रैफिकिंग, वाहन सुरक्षा, महिलाओं, बच्चों, गन्दी बस्तियों की सुरक्षा, विभिन्न लाभ हितभोगी समुदाय अर्थात नये रोजगार प्राप्त करने वाले, पासपोर्ट, वीजा प्राप्त करने वाले समुदाय को पहचानना तथा नागरिकों के बीच विवाद निवारण इत्यादि। Mr. X अपने जिले में इन सभी विषय वस्तुओं पर दी जाने वाली सेवाओं से सन्तुष्ट नहीं हैं और इन सभी विषयों पर गुणवत्ता में सुधार करना चाहते है। ऐसी परिस्थिति में Mr. X को क्या-क्या पहल करने का सुझाव आप देना चाहेंगे।
Answer : दी गयी परिस्थिति ऐसे सेवा प्रदाता/केन्द्र के बारे में है, जिसका विकल्प नहीं होता है अर्थात् यहां ग्राहकों/नागरिकों की जागरुकता एवं उनके दूसरे विकल्प के रास्ते गुणवत्तायुक्त सेवा प्राप्त करने की सम्भावना नहीं है। ऐसी परिस्थिति में सेवा प्रदाता संगठन के प्रभाव अर्थात X को निम्नांकित प्रयास करना चाहिएः
(क)कॉलेज के विद्यार्थियों को मोटर वाहन अधिनियम 1988 का सामान्य प्रशिक्षण एवं उन्हें स्वैच्छिक रूप में ‘ट्रैफिक मित्र’ के रूप में सेवा देने के लिए जागरुक बनाना, CCTV कैमरे, टमीपबसम ज्तंबामत एवं परिवहन नियमों से सम्बंधित जागरुकता के लिए पैम्पलेटिंग, Wall Painting किया जाना।
(ख)मोहल्ले के Soft Target की सुरक्षा के लिए नागरिक भागीदारी से Community Policingको विकसित करना और नागरिकों के दल के माध्यम से सुरक्षा मुहैया कराना तथा इसकी Monitoring स्वतः किया जाना।
(ग)नागरिकों के विवाद को दूर करने के लिए सभी Police Circle में Police -Public Participation (PPP) से Counciling Centre विकसित करना, जिसमें स्थानीय-जातीय भाषायी समुदाय इत्यादि से सम्बंधित नागरिक उपलब्ध होंगे और कोर्ट के बाहर विवाद निपटारे के लिए मध्यस्थ के रूप में कार्य करेंगे। ऐसे विवाद निपटान की जानकारी पैम्पलेट प्रचार के माध्यम से करना और ऐसे नागरिकों को सम्मानित करना।
(घ)सभी विषयों पर शिकायत प्रस्तुत करने के लिए Mr. Xको अलग टेलीफोन एक्सचेंज विकसित करना चाहिए, जिसमें नागरिकों की शिकायतें रिकॉर्ड की जाएं और उनके आइपैड, टैबलेट/फोन पर उपलब्ध करायी जाएं, जिससे अपनी सामान्य दिनचर्या के साथ शिकायत निवारण भी किया जा सके।
उपर्युक्त हेतु Mr. X को च्वसपबम के पूरे संगठनात्मक (Organisational)वातावरण को बदलकर सक्रिय व संवेदनशील कार्य संस्कृति को विकसित करना होगा।
Question : आप एक वरिष्ठ सिविल सेवक हैं। Mr. X आपके कार्यालय के वरिष्ठ कर्मी हैं और अपने प्रबन्धकीय कौशल के लिये विख्यात हैं। कार्यालय की किसी भी चुनौती या प्रबन्धन करने में उनका कोई मुकाबला नहीं है। व्यवहारिक स्थिति यह है कि उनका कार्यालय उन्हीं के कारण चलता है।
एक दिन जब Mr. X किसी दूसरे शहर की सरकारी यात्र पर गये हुए थे तो उनकी पत्नी और बच्चे आपसे मिलने के लिए आये। पत्नी ने बताया कि Mr. X न केवल घर में बुरा व्यवहार करते हैं बल्कि उसे और बच्चों को गालियां देना तथा मारना-पीटना भी उनकी सामान्य आदत है। उसने अपने घर के बड़ों से जब यह बात कही तो सबने Mr. X के रुतबे को देखते हुए यही सलाह दी कि वह चुप रहे और स्थितियों को सहन करे।
आपने बातचीत के दौरान महसूस किया कि बच्चे भी काफी डरे हुए हैं और उन्हें यह भय भी है कि जब उनके पिता को इस बात का पता चलेगा कि उनकी शिकायत की गई है तो वे गुस्से में क्या सजा देंगे?
Mr. X की पत्नी ने आपसे सलाह मांगी है कि ऐसी स्थिति में उसे क्या करना चाहिए? उसकी यह इच्छा भी है कि आप मानवीय आधार पर उसकी मदद करें। वह कानूनी विकल्प पर भी विचार करने को तैयार है और चाहती है कि आप उसे बताएं कि उसके पास कौन से कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं।
बतायें कि आप इस परिस्थिति में कौन से कदम उठायेंगे और क्यों?
Answer : इस परिस्थिति में मैं सबसे पहले Mr. X की पत्नी को समझाने का प्रयास करूंगा कि कानूनी विकल्प तो उसके पास है ही, किन्तु बेहतर होगा कि उससे पहले ऐसे विकल्पों को इस्तेमाल किया जाए, जिनसे उनके बीच एक स्वस्थ पारिवारिक सम्बन्ध बन सकता हो। मैं उन्हें आश्वस्त करूंगा कि उनकी मुझसे सलाह करने की जानकारी Mr. X को नहीं मिलेगी, ताकि वे समाधान की प्रक्रिया में लगातार मेरा सहयोग निर्भय होकर ले सकें। इस समस्या के समाधान के लिए मैं निम्नलिखित विकल्पों को आजमाऊंगा—
(वैसे भी मानव संसाधन प्रबन्धन में यह माना जाता है कि संगठन को लगातार इस बात के लिए सचेत रहना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति अप्रतिस्थापनीय न होने पाये)
Question : आप एक कार्यालय के प्रमुख हैं, जहां लगभग 20 कर्मचारी आपके अधीनस्थ हैं; इनमें से 19 पुरफ़ष हैं और एक महिला। महिला कर्मचारी प्रायः देर से ऑफिस पहुंचती हैं और निर्धारित समय से एक घंटा पहले ऑफिस छोड़ देती हैं। कुछ पुरफ़ष कर्मचारियों में भी यह प्रवृत्ति है; लेकिन अधिकांश पुरफ़ष कर्मचारी आने और जाने के मामले में समय के पाबन्द हैं।
एक दिन कुछ पुरुष कर्मचारी आपके पास शिकायत करते हैं कि वह महिला कार्यालय को पूरा समय नहीं देती है; अतः उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जाए। जब आपने इस मामले का अध्ययन किया तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं। पहली यह कि वह महिला भले ही कम समय देती हो, किन्तु कार्य की गुणवत्ता की दृष्टि से अत्यन्त श्रेष्ठ है। इसके अलावा वह एक तलाकशुदा महिला है और उसके दो छोटे बच्चे हैं, जो स्कूल में पढ़ते हैं। जब आपने उससे सफाई मांगी तो उसने बताया कि उसे समय की समस्या सिर्फ अपने बच्चों को स्कूल से लाने, ले जाने जैसे कार्यों के लिए होती है। आपने यह भी पाया कि उसकी बातों में ईमानदारी दिखती है और वह प्रायः अपना सारा काम निपटाकर ही ऑफिस छोड़ती है।
जब आपने शिकायत करने वाले कर्मचारियों से बात की तो आपको महसूस हुआ, शिकायत की बातों में बदले की भावना जैसा कुछ है; लेकिन क्योंकि लिखित शिकायत की जा चुकी है, इसलिए यह सम्भव नहीं है कि आप कोई कार्यवाही न करें।
निम्नलिखित सभी विकल्पों पर विचार कीजिए और अपनी राय बताइए—
निर्देशः आपके लिए आवश्यक नहीं है कि इनमें से कोई विकल्प चुनें। इन सभी पर विचार रखते हुए, आप किसी एक या एक से अधिक के संयोजन को चुन सकते हैं और अपनी ओर से नये विकल्प भी प्रस्तुत कर सकते हैं।
Answer : दी गई परिस्थिति में मूल चुनौती यह है कि अधिकारी को सिर्फ नियमों पर ध्यान देना चाहिए या कर्मचारी की योग्यता और निष्पादन को महत्व देते हुए नियमों के स्तर पर लचीला रुख अपनाना चाहिए। मेरी राय यह है कि कुशल-प्रबंधन के लिए नियमों का यान्त्रिक प्रयोग करने के बजाए, कर्मचारियों की स्थितियों का ध्यान रखा जाना चाहिए। यदि कर्मचारियों को विश्वास हो कि प्रबंधन सुख-दुख में उनका साथ देता है तो उनकी प्रतिबद्धता बढ़ जाती है और निष्पादन बेहतर हो जाता है।
इस दृष्टिकोण के अनुसार दिये गये 6 विकल्पों पर विचार यह होगा—
Question : आपकी उम्र 27 वर्ष है और आप एक अच्छी सरकारी नौकरी में हैं। आपके माता-पिता खुद निरक्षर हैं और एक पुराने शहर के पारम्परिक मोहल्ले में रहते हैं, जहां हिन्दू और मुस्लमानों के सम्बन्धों में तनाव होता रहता है। आप हिन्दू परिवार से हैं। आपकी छोटी बहन जिसकी उम्र 21 वर्ष है, एक दिन आपके पास आती है और बताती है कि पड़ोस में रहने वाले एक मुस्लिम युवक से उसे प्रेम हो गया है। वह जानती है कि माता-पिता इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पायेंगे और समाज में तनाव भी होगा; किन्तु आपसे उम्मीद है कि आप उसका साथ जरूर देंगे। ऐसी स्थिति में आपके पास क्या-क्या विकल्प हैं? आप उनमें से किसे चुनेंगे और क्यों?
Answer : सर्वप्रथम मैं दो-तीन तथ्यों को दिमाग में रखकर चलूंगा। पहला यह कि चूंकि दोनों वयस्क हैं और मेरी सहमति के बिना भी विवाह कर सकते हैं, इसलिए मैं कोई आक्रामक कदम उठाने या कथन कहने से बचूंगा। भले ही मुझे किसी बिन्दु पर नाराजगी हो। दूसरा मैं इसे सिर्फ धर्म का मामला न मानकर इस रूप में देखूंगा कि क्या इन दोनों व्यक्तियों के लिए यह विवाह उचित होगा; क्योंकि किसी भी फैसले से सबसे अधिक प्रभाव इन दोनों के जीवन पर ही पडे़गा।
इस मामले में निम्नलिखित क्रम में मैं विभिन्न कदम उठाऊंगा—
Question : आप IAS की तैयारी कर रहे हैं और एक होस्टल में रहते हैं। आपकी उम्र 25 वर्ष है तथा आपके रूममेट की भी 25 वर्ष है। एक दिन आपको आपके रूममेट ने बताया कि उसका रुझान समलैंगिकता में है और निवेदन किया कि यह बात किसी को न बताएं। ऐसी स्थित में आपके सामने क्या-क्या नैतिक विकल्प हैं और उनमें से किन्हें चुनना चाहेंगे?
Answer : इस स्थिति में मेरे सामने एक से ज्यादा प्रश्न उठ खड़े हो जायेंगे और हर प्रश्न के साथ कुछ नैतिक विकल्प जुडे़ होंगे।
पहला प्रश्न है कि क्या मुझे उसकी सूचना को गोपनीय रखनी चाहिए? चूंकि मेरे साथ उसका एक निजी सम्बन्ध है (सार्वजनिक नहीं) और इस सम्बन्ध की बुनियाद यही है कि दोनों दोस्त एक-दूसरे के राज को राज बनाए रखें; इसलिए मैं उसकी गोपनीयता का पूरा ध्यान रखूंगा। इस नियम से विचलन तब होगा, जब मुझे लगेगा कि इस राज के कारण किसी और व्यक्ति या समूह के अधिकार खतरे में हैं। उदाहरण के लिए-अगर मेरा दोस्त किसी अन्य व्यक्ति के प्रति आकर्षित है और उसे अन्धेरे में रखकर उसके साहचर्य से किसी प्रकार का लैंगिक सुख हासिल करने का प्रयास कर रहा है तो मेरा कर्त्तव्य बनता है कि ‘‘मैं उस अन्य व्यक्ति को सावधान कर दूं; ऐसा करने से पहले मैं अपने दोस्त को चेतावनी अवश्य दूंगा।”
दूसरा प्रश्न है कि क्या इस जानकारी से अपने दोस्त के प्रति या मेरा दृष्टिकोण बदलेगा या नहीं? समलैंगिक या विषमलैंगिक होना व्यक्तिगत प्राकृतिक, रुचि का मामला है; इसलिए उसके प्रति मेरा नजरिया नहीं बदलेगा। जैसे विषमलैंगिक होना मेरी प्रकृति है; वैसे ही समलैंगिक होना उसकी प्रकृति है; जिससे मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन हां, इतना जरूर है कि मेरे मन में उसके लिए सम्मान थोड़ा-सा बढ़ जायेगा; क्योंकि उसने न सिर्फ सामाजिक दबावों के सामने झुकने से मना किया है, बल्कि इसलिए भी उसने इतना गहरा राज बताने के लिए मुझ पर विश्वास किया।
अंतिम प्रश्न है कि क्या इस जानकारी के बाद उसके प्रति मेरा व्यवहार बदलेगा या नहीं? सामान्य प्रसंगों में मेरा व्यवहार वैसा ही रहेगा जैसा पहले था, यथा पढ़ाई से सम्बंधित, भोजन से सम्बंधित, कमरे के रख-रखाव के सम्बंध में। किन्तु जिन खुशियों का सम्बंध यौन रुचियों से हो सकता है, उनमें मैं सजग रहूंगा कि सम्बंधों में आवश्यक दूरी बनी रहे। जैसे मैं कोशिश करूंगा कि स्पर्श जैसी स्थितियां कम हो, क्योंकि ये उसके लिए अलग हो सकता है। इसी प्रकार किसी यौन विषय में हंसी मजाक करते समय मैं सावधानी रखूंगा; क्योंकि जो विषय मेरे लिए हंसी का हो सकता है, उसके लिए वह तनाव का हो सकता है।