प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन
- 01 Feb 2023
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 के तहत 'प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन' (Pradhan Mantri PVTG Development Mission) की घोषणा की।
मुख्य विशेषताएं
- लक्ष्य: विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना।
- उद्देश्य: पीवीटीजी के परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, सड़क व दूरसंचार कनेक्टिविटी तथा स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना।
- वित्तीय आवंटन: सरकार ने अगले तीन वर्षों में इस मिशन को लागू करने के लिए 'अनुसूचित जनजातियों हेतु विकास कार्य योजना' के तहत 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs)
- गृह मंत्रालय द्वारा 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- पीवीटीजी 18 राज्यों तथा अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य-क्षेत्र में रहते हैं।
- आदिवासी समूहों में पीवीटीजी सबसे अधिक कमजोर हैं। वर्ष 1975 में भारत सरकार ने सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को PVTGs नामक एक अलग श्रेणी के रूप में पहचानने की पहल की थी।
- प्रारंभ में 52 जनजातीय समूहों को पीवीटीजी के रूप में वर्गीकृत किया गया तथा वर्ष 1993 में इस श्रेणी में 23 अतिरिक्त जनजातीय समूहों को शामिल किया गया, जिससे पीवीटीजी के तहत वर्तमान में 75 जनजातीय समूह हो चुके हैं।
- 75 सूचीबद्ध पीवीटीजी में से सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में पाई जाती है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) है।
PVTGs के निर्धारण के मानदंड
इसके निर्धारण के लिए निम्नलिखित मानदंड हैं-
- प्रारंभिक-कृषि स्तरीय प्रौद्योगिकी (Pre-Agriculture Level of Technology)।
- स्थिर या घटती आबादी (Stagnant or Declining Population)
- अत्यधिक निम्न साक्षरता (Extremely Low Literacy)
- निर्वाह स्तरीय अर्थव्यवस्था (Subsistence Level of Economy)
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