डेटा इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए नियामक ढांचा
- 25 Nov 2022
हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भारत में डेटा केंद्रों (Data Centers), सामग्री वितरण नेटवर्क (Content Delivery Networks) और इंटरकनेक्ट एक्सचेंज (Interconnect Exchanges) की स्थापना के माध्यम से डेटा अर्थव्यवस्था (Data Economy) को बढ़ावा देने के लिए एक नियामक ढांचे के संबंध में अपनी सिफारिशें जारी कीं।
सिफारिशों के मुख्य बिंदु
- डेटा केंद्र प्रोत्साहन योजना: ट्राई ने डेटा केंद्र और डेटा केंद्र पार्क (Data Centre Park) स्थापित करने के लिए डेटा केंद्र प्रोत्साहन योजना (Data Centre Incentivization Scheme) लाने की सिफारिश की है।
- डेटा सेंटर SEZ: डेटा सेंटर और डेटा सेंटर पार्कों की स्थापना के लिए आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और ओडिशा राज्य में एक SEZ की पहचान की जा सकती है।
- ग्रीन डेटा सेंटर: सरकार को ग्रीन डेटा सेंटर को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जा सकने वाली नई तकनीक / पद्धतियों / प्रक्रियाओं के लिए प्रायोगिक आधार पर प्रस्ताव के लिए अनुरोध आमंत्रित करने के लिए एक योजना बनानी चाहिए।
- पावर इंफ्रास्ट्रक्चर: डेटा सेंटर और डेटा सेंटर पार्क साइटों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board) या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) से बिना किसी बाधा के बैकअप पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में संचालित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
- डेटा डिजिटलीकरण और मुद्रीकरण परिषद: केंद्र में डेटा डिजिटलीकरण अभियान को चलाने के लिए ‘डेटा डिजिटलीकरण और मुद्रीकरण परिषद’ (Data Digitization and Monetization Council) नामक एक वैधानिक निकाय की स्थापना की जानी चाहिए।
- डेटा डिजिटाइजेशन और मुद्रीकरण परिषद को सरकार के साथ-साथ भारत में कॉर्पोरेट द्वारा डेटा के नैतिक उपयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जानी चाहिए।
- डेटा साझाकरण एवं सहमति प्रबंधन रूपरेखा: सरकार को ‘डेटा अधिकारिता और संरक्षण ढांचे’ (DEPA framework) की तर्ज पर एक ‘डेटा साझाकरण और सहमति प्रबंधन रूपरेखा’ (Data Sharing & Consent Management Framework) स्थापित करना चाहिए।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण
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