गेहूं की किस्म ’पीबीडब्ल्यू-1 चपाती’
- 03 May 2022
शोधकर्ताओं ने एक गेहूं की किस्म विकसित की है, जिसमें नरम और मीठी चपातियों के साथ उत्कृष्ट पकाने की गुणवत्ता (excellent baking quality) है। गेहूं की इस किस्म को 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती' (PBW1Chapati) कहा जाता है।
(Image Source: https://pib.gov.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: इस किस्म को पंजाब में राज्य स्तर पर सिंचित दशाओं में समय से बुवाई के लिए जारी किया गया है।
- गेहूं से बनी चपटी व पकी हुई खाद्य-वस्तु ‘चपाती’ प्रोटीन और कैलोरी का एक सस्ता, प्राथमिक स्रोत है और उत्तरी पश्चिमी भारत में लोगों का मुख्य आहार है।
- चपाती के लिए वांछित गुणवत्ता व विशेषताओं में अधिक कोमलता, हवा से फूलने की क्षमता, नरम बनावट और थोड़ा चबाने पर पके हुए गेहूं की सुगंध शामिल हैं।
- दैनिक आहार का हिस्सा होने के बावजूद, आधुनिक गेहूं की किस्मों में चपाती की गुणवत्ता के लक्षण नहीं होते हैं।
- लंबी पारंपरिक गेहूं की किस्म 'सी 306' (C 306) चपाती की गुणवत्ता के लिए स्वर्णिम मानक रही है।
- बाद में, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ‘पीबीडब्ल्यू 175’ (PBW 175) किस्म विकसित की गई और इसमें अच्छी चपाती गुणवत्ता थी। हालांकि, ये दोनों किस्में धारीदार और भूरे रंग के रतुआ के लिए अतिसंवेदनशील हो गए हैं।
- इस चुनौती को स्वीकार करते हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की गेहूं प्रजनन टीम ने एक नई किस्म विकसित की है।
- गेहूं की नई किस्म 'पीबीडब्ल्यू-1 चपाती’ से पहले कोई दूसरी किस्म वर्ष 1965 में जारी ‘सी 306’ किस्म के गुणवत्ता मानक से मेल नहीं खाती थी।
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