कोविड के खिलाफ भारत निर्मित 'वार्म' वैक्सीन
- 30 Apr 2022
सार्स- सीओवी-2 (SARS-CoV-2) के खिलाफ एक संभावित वैक्सीन भारत में विकसित की जा रही है, जिसे रेफ्रिजरेटर या कोल्ड-चेन स्टोरेज में रखने की आवश्यकता नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य: पीयर-रिव्यू जर्नल वाइरसेज (Viruses) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इसने वायरस के प्रचलित रूपों के खिलाफ माउस परीक्षणों (mouse trials) में महत्वपूर्ण संख्या में एंटीबॉडी उत्पन्न की।
- बेंगलुरू स्थित जैव-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप मायनवैक्स (Mynvax) और ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल ऑर्गनाइजेशन (CSIRO) के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त अध्ययन किए गए।
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू में स्थित जैव-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कंपनी ‘मायनवैक्स प्राइवेट लिमिटेड’ (Mynvax Private Limited) द्वारा 'वार्म' वैक्सीन विकसित की जा रही है। इस कंपनी की स्थापना 2017 में फ्लू के टीके विकसित करने के लिए की गई थी।
- मौजूदा वैक्सीन अद्वितीय है क्योंकि इसे 37 डिग्री सेल्सियस पर चार सप्ताह तक और 100 डिग्री सेल्सियस पर 90 मिनट तक स्टोर किया जा सकता है।
- अधिकांश अन्य वैक्सीन को रेफ्रिजरेटर में स्टोर करने की आवश्यकता होती है और इन्हें कमरे के तापमान पर कुछ घंटों से अधिक नहीं रखा जा सकता है।
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