मानव में पहली बार सुअर के हृदय का प्रत्यारोपण
- 18 Jan 2022
10 जनवरी, 2022 को, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन ने घोषणा की कि उसने आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर के दिल को हृदय अतालता (अनियमित दिल की धड़कन) (Arrhythmia) वाले रोगी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। इस सर्जरी के तीन दिन बाद रोगी की स्थिति में सुधार हो रहा है।
(Image Source: https://thehindu.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्यारोपण से पता चला है कि आनुवंशिक रूप से संशोधित जानवर का दिल तत्काल अस्वीकृति के बिना मानव शरीर में कार्य कर सकता है।
- जेनोट्रांसप्लांटेशन (Xenotransplantation) या विषमजात प्रत्यारोपण, जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों का एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में प्रत्यारोपण है।
- जेनोट्रांसप्लांटेशन, पहली बार 1980 के दशक में मनुष्यों में किया गया था। अमेरिकी बेबी फे (Baby Fae) के प्रसिद्ध मामले के बाद इस प्रयोग को छोड़ दिया गया था। 1984 में बेबी फे जन्मजात हृदय दोष के साथ पैदा हुआ था, जो 21 दिन तक बबून के दिल के साथ जीवित रहा।
- इस बार अंतर यह है कि मैरीलैंड के सर्जनों ने एक सुअर के दिल का इस्तेमाल किया, जिसकी कोशिकाओं से तेजी से अंग अस्वीकृति के लिए जिम्मेदार शुगर को हटाने के लिए जीन में बदलाव (gene-editing) किया गया है।
- हालांकि यह जल्द पता चल जाएगा कि ऑपरेशन वास्तव में काम करेगा या नहीं, लेकिन जेनोट्रांसप्लांटेशन, अगर दीर्घकालिक रूप से सफल पाया जाता है, तो जीवन के लिए खतरनाक बीमारियों वाले लोगों में अंगों की वैकल्पिक आपूर्ति प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
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