जगन्नाथ मंदिर अधिनियम
- 11 Jan 2022
जगन्नाथ मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के उद्देश्य हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय में, ओडिशा राज्य मंत्रिमंडल ने 5 जनवरी, 2022 को श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1954 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
(Image Source: https://www.newindianexpress.com/)
जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1954: भारत की स्वतंत्रता के बाद, ओडिशा राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1952 में जगन्नाथ मंदिर अधिनियम पेश किया, जो 1954 में लागू हुआ।
- इस अधिनियम में मंदिर के भूमि अधिकार, पुजारियों के कर्त्तव्य, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति की प्रशासनिक शक्तियों के अधिकार, पुरी के राजा और मंदिर के प्रबंधन व प्रशासन से जुड़े अन्य व्यक्तियों के विशेषाधिकार के प्रावधान शामिल हैं।
हालिया संशोधन: राज्य मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में स्वीकृत संशोधन ने अब मंदिर के भूमि संबंधी मुद्दों को सुलझाने की शक्ति का विकेंद्रीकरण कर दिया है।
- जगन्नाथ मंदिर के नाम पर भूमि की बिक्री और पट्टे पर देने के अधिकार मंदिर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को सौंपे गए हैं।
- पहले के विपरीत, इस प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
- अधिनियम की धारा 16 (2) के अनुसार मंदिर समिति द्वारा कब्जा की गई कोई भी अचल संपत्ति राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना पट्टे पर, गिरवी पर या हस्तांतरित नहीं की जाएगी।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे